यूपी जेल एसोसिएशन चुनाव को लेकर मची पशोपेश : तारीख तय, पर्यवेक्षक नियुक्त, फिर भी नही हुआ चुनाव, चहेते लोगो को जिताने के लिए टाला गया चुनाव

आगंतुक जेलकर्मियों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी अपने चहेते कर्मियों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठाने के लिए गुपचुप तरीके से चुनाव प्रक्रिया को निपटाने की जुगत में लगे हुए है। इससे कर्मियों में आक्रोश भी देखने को मिला।

यूपी जेल एसोसिएशन चुनाव को लेकर मची पशोपेश : तारीख तय, पर्यवेक्षक नियुक्त, फिर भी नही हुआ चुनाव, चहेते लोगो को जिताने के लिए टाला गया चुनाव
सम्पूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान उत्तर प्रदेश

लखनऊ। प्रदेश कारागार विभाग की महिमा अपरंपार है। चुनाव के लिए तारीख तय कर दी, पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया गया लेकिन चुनाव कराया नहीं गया। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों से चुनाव के लिए आये प्रत्याशियों और मतदाताओं को यह बताने वाला कोई था ही नही आज चुनाव नहीं होगा, चुनाव की नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी। चुनाव को लेकर बुधवार को को पूरे दिन पुरानी जेल रोड स्थित संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान (जेटीएस) परिसर में हलचल मची रही।

चुनाव मन लेकर आये जेलकर्मियों को निराश होकर वापस जाना पड़ा। आगंतुक जेलकर्मियों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी अपने चहेते कर्मियों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठाने के लिए गुपचुप तरीके से चुनाव प्रक्रिया को निपटाने की जुगत में लगे हुए है। इससे कर्मियों में आक्रोश भी देखने को मिला।

बीती दो नवंबर को जेल मुख्यालय की ओर से एक परिपत्र जारी किया गया। डीआईजी जेल प्रयागराज व अयोध्या परिक्षेत्र के नाम जारी यूपी जेल एसोसियेशन का चुनाव कराए जाने के संबंध में हुआ। इसमे प्रयागराज रेंज के  डीआईजी को चुनाव का पर्यवेक्षक नियुक्त करते हुए जेल एसोशिएशन चुनाव नियमावली के तहत 10 नवंबर को चुनाव कराया जाना सुनिश्चित किये जाने का निर्देश दिया गया। परिपत्र में कहा गया कि सम्पूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान परिसर में चुनाव कराए जाने के संबंध में तदानुसार चुनाव कराया जाए।

परिपत्र की जानकारी होते ही चुनाव लड़ने व मतदान करने वाले अधिकारी, हेड वार्डर व वार्डर सक्रिय हो गए। चुनाव को लेकर 10 नवंबर (बुधवार) को प्रदेश के विभिन्न्न जनपदों से विभिन्न पदों की दावेदारी व मतदान के लिए दर्जनों हेड वार्डर व वार्डर जेटीएस परिसर में एकत्र हुए। एकत्र वार्डर देखकर चुनाव के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक डीआईजी संजीव त्रिपाठी इन्हें बिना कुछ बताए ही आफिस से निकल लिए।

महामंत्री पद के प्रत्याशी चित्रसेन सिंह का आरोप था कि अधिकारी अपने चहेते लोगो को मनमाफिक पदों पर बैठाने के लिए गुमराह कर रहे है। गुपचुप तरीके से कमेटी गठित कर सकते है। यही वजह है कि इन्होंने चुनाव टलने की कोई सूचना को सार्वजनिक नहीं किया। उधर डीआईजी संजीव त्रिपाठी का कहना है कि अवकाश होने की वजह से तैयारी नही हो पाई। इसकी सूचना डीजी जेल को भेज दी गयी है। चुनाव टलने की सूचना सार्वजनिक होने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। 

पर्यवेक्षक की हीलाहवाली से नहीँ हो सका चुनाव

लखनऊ। चुनाव के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये प्रतिनिधियों का आरोप है नियुक्त पर्यवेक्षक डीआईजी संजीव त्रिपाठी की हीलाहवाली की वजह से निर्धारित समय पर चुनाव नही हो सका। इनका कहना है कि नियुक्ति के बाद यदि समय रहते उन्होंने चुनाव की औपचारिक कार्यवाही कर दी होती तो समय पर चुनाव हो जाता। दो नवंबर को तारीख तय होने के बाद जेलो को इसके लिए परिपत्र तक नहीँ भेजा गया। यही नही पर्यवेक्षक ने चुनाव टलने तक कि सूचना किसी को नहीं दी। डीआईजी की लापरवाही की वजह से निराश होकर वापस जाना पड़ रहा है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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