आगरा में 33.5 करोड़ रुपए से ज्यादा की GST चोरी, पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार : UP

95 फर्जी फर्म बना कर 184.56 करोड़ रुपए के फर्जी बोगस बिल जारी करने के आरोप में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है l इस मामले में जांच जारी है l

आगरा में 33.5 करोड़ रुपए से ज्यादा की GST चोरी, पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार : UP
आगरा जिले में कर चोरी करने के मामले में 4 आरोपी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के आगरा  जिले में टैक्स चोरी करने का मामला सामने आया है. सेंट्रल जीएसटी के आगरा कमिश्नरेट ने गुरुवार को 33.5 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा किया है. इसमें 95 फर्जी फर्म बना कर 184.56 करोड़ रुपए के फर्जी बोगस बिल जारी करने के आरोप में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में जांच जारी है. आगामी दिनों में कुछ और लोगों को हिरासत में लिया जा सकता है. इस मामले को यहां अब तक की सबसे बड़ी कर चोरी बताया जा रहा है.

दरअसल, कर विभाग के मुताबिक मिली खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए वरुण गुप्ता, ऋषभ मित्तल, विकास अग्रवाल एवं सुनील राठौर की गिरफ्तारी की गई है. उन सभी पर आरोप है कि इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड वरुण गुप्ता है. उसके स्वामित्व वाली वर्मिल कंसल्टेंसी के माध्यम से 184.56 करोड़ रुपए के बिलों का फर्जीवाड़ा किया गया.

फर्जी बिलो के जरिए बनाए 33.5 करोड़ रुपए : गौरतलब है कि इन्होंने बिना माल खरीद किए नकली GST आईटीसी ले लिए. उसके बाद फर्म के माध्यम से अन्य फर्मों को बिल जारी किए, जबकि कहीं भी माल का आदान प्रदान नहीं हुआ। सिर्फ बिल ही जारी किए गए. इन फर्जी बिलों पर प्राप्त आईटीसी रुपए 33.5 करोड़ रुपए रही. जिनके नाम पर फर्म बनाई गई, उनको इसकी जानकारी नहीं है. यह कार्रवाई सेंट्रल जीएसटी आयुक्त ललन कुमार के निर्देशन एवं संयुक्त आयुक्त भवन मीणा के नेत्रत्व में उप आयुक्त पल्लव सक्सेना, सहायक आयुक्त अनिल शुक्ला, अधीक्षक ऋषि देव सिंह, संजय कुमार, सतीश कुमार सिंह, अजय सोनकर, अनुराग सोनी, नीरज पांडेय, विपिन शर्मा, कपिल कुमार आदि ने की.

आरोपियों पर लगी चार्जशीट : अधिकारियों के अनुसार इन सभी लोगों पर आरोप है कि इन चारों ने 184.56 करोड़ रुपए के माल की फर्जी खरीद पर 33.5 करोड़ रुपए की आईटीसी का लाभ बिल बेच कर आगे बढ़ाया. यह सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 (1) (बी) (सी) के तहत गैर जमानती अपराध है. इसमें पांच साल तक की कैद और जुर्माने का भी प्रावधान है.

भोले-भालों को रुपए देने के लालच में फंसाया : विभागीय अधिकारियों ने कहा कि आरोपी और उनके गिरोह के सदस्यों ने सीधे-साधे लोगों को छोटी मोटी रकम का लालच देकर या फिर गुमराह करके फंसा लिया. उनके वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड तक ले लिए गए. इनका प्रयोग फर्जी फर्म का GST में रजिस्ट्रेशन कराने और बैंक एकाउंट खुलवाने में किया गया. इन फर्जी फर्मों के जरिए कभी कोई सप्लाई ही नहीं दी गई. सिर्फ डिमांड के मुताबिक बिल बेचे गए. वहीं, टैक्स जमा किए बगैर कागजों में ही आईटीसी की एंट्री को आगे बढ़ा दिया गया..