10 करोड़ की ठगी करने वाले जालसाज गिरफ्तार : मछली पालन की परियोजनाओं में निवेश कराते थे, 14 महीने में दो गुना वापसी का देते थे झांसा
2019-2020 में विभूतिखण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ में आफिस व काल सेंटर खोलकर लोगों को काॅल कराकर झांसा दिया जाता था। कंपनी द्वारा मत्स्य पालन करके फायदा कमाकर 14 महीने में लोगों का रूपया दोगुना करने का झांसा दिया जाता था। कंपनी में 2000 से 10,00,000 रुपये तक जमा करने की स्कीमें हैं
मछली पालन की स्कीम में निवेश कराकर करीब 300 लोगों से 10 करोड़ रुपए ठग चुके दो जालसाजों को STF ने शनिवार को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र से पकड़े गए हैं। आरोपी 14 महीने में निवेश की रकम दो गुना करने का झांसा देकर लोगों को जाल में फंसाते थे।
ADG STF अमिताभ यश ने बताया कि लखीमपुर खीरी निवासी विश्वनाथ प्रसाद निषाद और निरजंन को पकड़ा गया है। पूछताछ में विश्वनाथ प्रसाद निषाद ने बताया कि 2018 में माउंटेन एलाएंस प्रालि कंपनी बनायी गयी। जिसमें तारा चौहान व साहिल कुमार डायरेक्टर हैं। 2019-2020 में विभूतिखण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ में आफिस व काल सेंटर खोलकर लोगों को काॅल कराकर झांसा दिया जाता था। कंपनी द्वारा मत्स्य पालन करके फायदा कमाकर 14 महीने में लोगों का रूपया दोगुना करने का झांसा दिया जाता था। कंपनी में 2000 से 10,00,000 रुपये तक जमा करने की स्कीमें हैं। उनमें सबसे ज्यादा फायदे की स्कीम कंपनी में रूपये 5,50,000 जमा करने पर कंपनी उस व्यक्ति के यहां तालाब खुदवायेगी व उसमें मछली पालन करेगी।
14 महीने तक 75 हजार रुपये वापसी के झांसे में शिकार बनते थे लोग : कंपनी इनवेस्टर को 14 माह तक 75 हजार रूपये प्रति माह व उसको उसके तालाब पर ही 8000/- प्रति माह के हिसाब से चौकीदार की नौकरी भी देगी। इनवेस्टर को गारंटी के तौर पर रजिस्टर्ड एग्रीमेण्ट व कंपनी के बैंक खाते की पीडीसी चेक भी देगी। लोगों को यह बताया गया था कि कंपनी के पास लगभग 100 से अधिक खुद के तालाब भी हैं। पिछले 5 साल से यूपी व मध्य प्रदेश में इन स्कीमों में बहुत सारे इनवेस्टरों को मुनाफा दिया गया है। आरोपी ने भल्ला फार्म को किराये पर ले रखा था, जो भी ब्रोकर व इनवेस्टर कंपनी में रूपया जमा करने में रूचि लेते थे उनको गारंटी के तौर पर यही फार्म दिखाया जाता था। एसोसिएटों, ब्रोकरों को उनके माध्यम से रूपया जमा कराने पर 10 प्रतिशत डायरेक्ट व 5 प्रतिशत बाइनरी इनकम पर कमीशन व 01 करोड़ जमा कराने पर स्विफ्ट कार देने का झांसा दिया गया था। जिसके बाद एसोसिएटों, ब्रोकरों के माध्यम से मार्च 2021 तक यूपी व मध्य प्रदेश के लगभग 300 लोगों का 10 करोड़ रूपया कंपनी मे जमा हुआ। जिसके बाद माह अप्रैल 2021 आफिस बंद कर दिया गया। शनिवार को सहयोगी निरंजन से मिलने लखनऊ आया था। पुलिस के मुताबिक विश्वनाथ प्रसाद निषाद ने ठगी के रूपये से लखनऊ व उन्नाव मे जमीन खरीदी है। 8 चार पहिया वाहन खरीदे गये। कंपनी के सभी बैंक खाते फ्रीज करा दिये गये हैं।