विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) के अवसर पर नेशनल पी जी कॉलेज के प्राचार्य तथा जंतु विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष के नेतृत्व में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) के अवसर पर नेशनल पी जी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह तथा जंतु विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ ज्ञानेंद्र कुमार के नेतृत्व में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ गौरैया लुप्त होती प्रजाति चिंता का विषय है l इसलिए आज गौरैया के सुरक्षा व संरक्षण पर कार्य करना अत्यधिक आवश्यक है l कार्यक्रम के अंतर्गत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, आशु भाषण, स्वलिखित काव्य पाठ, घोंसला बनाना, बर्ड फीडर बनाना एवं प्रस्तुतीकरण प्रतियोगिताएं हुई

विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) के अवसर पर नेशनल पी जी कॉलेज के प्राचार्य तथा जंतु विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष के नेतृत्व में  एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
विश्व गौरैया दिवस

लखनऊ। आज दिनांक 20 मार्च 2024 को विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) के अवसर पर नेशनल पी जी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह तथा जंतु विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ ज्ञानेंद्र कुमार के नेतृत्व में  एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसका विषय गौरैया संरक्षण था l जिसकी मुख्य अतिथि प्रोफेसर अमिता कनौजिया, डिपार्टमेंट ऑफ़ जूलॉजी , यूनिवर्सिटी ऑफ़ लखनऊ थी l आपने  गौरैया के आवास विनाश ,भोजन की अनुपलब्धता, मोबाइल फोन टावरों से विद्युत चुम्बकीय विकिरण, मानव जीवन शैली में परिवर्तन के कारण विकिरण, कीटनाशकों का प्रयोग, प्रतिस्पर्धा, बीमारी, प्रदूषण का  प्रभाव तथा गौरैया के संरक्षण पर विस्तृत जानकारी दी । प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि गौरैया लुप्त होती प्रजाति चिंता का विषय है l इसलिए आज गौरैया के सुरक्षा व संरक्षण पर कार्य करना अत्यधिक आवश्यक है

आपने छात्रों को बताया कि गर्मियों में गौरैया के लिए पानी रखें, जूते के डिब्बे ,प्लास्टिक बड़ी बोतले और मटकी को तथा लकड़ी के बने हुए घोसला बनाकर उनको संरक्षित करें, तथा खाने के लिए काकून, बाजरा दे। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, आशु भाषण, स्वलिखित काव्य पाठ, घोंसला बनाना, बर्ड फीडर बनाना एवं प्रस्तुतीकरण प्रतियोगिताएं हुई छात्रों ने नुक्कड़ नाटक द्वारा गौरैया के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाया। कार्यक्रम में जंतु विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर अर्चना सिंह ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, आशु भाषण, स्व लिखित काव्य पाठ  का सफल संचालन करते हुए कहा कि आज हम सभी युवाओं का कर्तव्य बनता है कि इस छोटी सी गौरैया को संरक्षित करें । कार्यक्रम में महाविद्यालय के अन्य शिक्षक तथा २०० से अधिक छात्र छात्राओं ने बहुत ही उत्साहपूर्वक सहभागिता की। सभी छात्र छात्राओं ने कुल मिलाकर २०० घोसले एवम बर्ड फीडर बनाए। इन सभी घोसलों एवम बर्ड फीडर को विद्यार्थियों ने अपने घर की छतों एवम बगीचों में लगाने की पहल की। विद्यार्थियों ने प्रण लिया की वे गौरैया संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करेंगे एवम समाज में बदलाव लाएंगे । न्यायिक मंडल में डॉ अपर्णा सिंह, डॉ बी पी सिंह, डॉक्टर निशि रस्तोगी, डॉ शालिनी लांबा, डॉक्टर श्वेता सिन्हा, डॉ रितिका सिंह, डॉ मेमूना यास्मीन, डॉ निधि श्रीवास्तव, डॉ विकास सिंह, डॉ अविजीत चैटर्जी आदि शामिल थे। डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने धन्यवाद  ज्ञापित किया और कहा कि हमने गौरैया संरक्षण के लिए अलख जगाई है आप इसको पूरा करेंगे। अंत में कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ ।