UP : कोर्ट ने बाहुबली विधायक विजय मिश्रा और पत्नी पर मारपीट और धोखाधड़ी के मामले में तय किए आरोप
भदोही से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी पर कोर्ट ने मारपीट और धोखाधड़ी के मामले में आरोप तय कर दिए हैं. इससे कुछ दिन पहले प्रयागराज एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने विंध्यवासिनी देवी मंदिर के पुरोहित और पूर्व सभासद से रंगदारी मांगने और धमकी देने के मामले में विधायक के खिलाफ आरोप तय किए हैं
भदोही से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी एमएलसी रामलली मिश्रा को कोर्ट ने झटका मिला है. दोनों के खिलाफ एमपी एमएलए की विशेष अदालत (MP-MLA Court) ने घर में घुसकर मारपीट, जान से मारने की धमकी और धोखाधड़ी के मामले में आरोप तय किए हैं l हालांकि आरोप तय होने के बाद भी दोनों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है l इस पर कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के गवाहों को पेश करने के आदेश दिए हैं.
उपलब्ध सभी देस्तावेजों, लोक अभियोजक राजेश गुप्ता और विजय मिश्र, रामलली की ओर से उपस्थित वकीलों के तर्क सुनने के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने आरोप तया कर दिए हैं. जानकारी के अनुसार वादी कृष्ण मोहन तिवारी ने थाना गोपीगंज में विजय मिश्रा और रामलली के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
साल 2001 का है मामला : कोर्ट ने साल 2001 में मिश्रा और उनकी पत्नी ने धनापुर में कृष्ण मोहन तिवारी के घर में घुसकर मारपीट की और परिवार को जान से मारने की धमकी दी. घर के कागजातों का इस्तेमाल कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और कई फर्म बनाकर गलत उपयोग करने का आरोप था.
इसे के साथ तिवार ने विधायक पर आरोप लगाए हैं कि विजय मिश्रा, उनकी दो बेटियां और अन्य सहयोगियों द्वारा उनके एक दर्जन से ज्यादा वाहन हड़प लिए गए हैं. इन वाहनों में डंपर और कई कारें शामिल हैं. ये लोग इन वाहनों का उपयोग भी कर रहे हैं. शिकायत में आधार पर गोपीगंज कोतवाली में पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामला विधायक, उनकी दोनों बेटियों और 7 अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज कर दिया है. पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है.
इस मामले में भी तय हो चुके हैं आरोप : कुछ दिन पहले प्रयागराज एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने विंध्यवासिनी देवी मंदिर के पुरोहित और पूर्व सभासद से रंगदारी मांगने और धमकी देने के मामले में विधायक के खिलाफ आरोप तय किए हैं. इसी के सात मुकदमा चलाने का आदेश भी दे दिया है. सरकार द्वारा चलाए गए माफिया विरोधी अभियान के तहत भी विजय मिश्रा पर शिकंजा कसा गया थआ. भदोही से लेकर प्रयागराज कर उनकी कई अवैध संपत्तियां ध्वस्त की गई थीं.