पंजाब में नए रंग-रूप में खुला “पुनर्निमित” जलियांवाला बाग स्मारक का PM मोदी ने किया उद्घाटन, पीएम मोदी ने बताया देश का प्रेरणा स्थल
पीएम मोदी ने आज शाम 6:25 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए परिसर का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया l जालियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है l इसको लेकर PM मोदी ने कहा, साउंड लाइट शो से शहीदों के प्रति लोगों के मन में श्रद्धा जगेगी.
पंजाब स्थित जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित यानी रिनोवेटेड परिसर का आज पीएम मोदी ने उद्घाटन किया l उन्होंने कहा, आज परिसर राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा l पीएम मोदी ने आज शाम 6:25 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए परिसर का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया l जालियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है l इसको लेकर PM मोदी ने कहा, साउंड लाइट शो से शहीदों के प्रति लोगों के मन में श्रद्धा जगेगी.
पीएम मोदी ने रिनोवेटेड परिसर के उद्घाटन के दौरान कहा, ‘पंजाब की वीर भूमि को जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी को, मेरा प्रणाम l मां भारती की उन संतानों को भी नमन, जिनके भीतर जलती आज़ादी की लौ को बुझाने के लिए अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं l वो मासूम बालक-बालिकाएं, वो बहनें, वो भाई, जिनके सपने आज भी जलियांवाला बाग की दीवारों में अंकित गोलियों के निशान में दिखते हैं l वो शहीदी कुआं, जहां अनगिनत माताओं-बहनों की ममता छीन ली गई, उनका जीवन छीन लिया गया l उन सभी को आज हम याद कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, ‘जलियांवाला बाग वो स्थान है जिसने सरदार उधम सिंह, सरदार भगत सिंह जैसे अनगिनत क्रांतिवीरों, बलिदानियों, सेनानियों को हिंदुस्तान की आजादी के लिए मर-मिटने का हौसला दिया l
उन्होंने कहा, 13 अप्रैल 1919 के वो 10 मिनट, हमारी आजादी की लड़ाई की वो सत्यगाथा बन गए, जिसके कारण आज हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना पा रहे हैं l
दरअसल, जलियांवाला बाग का केंद्रीय स्थल माने जाने वाले ‘ज्वाला स्मारक’ की मरम्मत करने के साथ-साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है l यहां स्थित तालाब को एक ‘लिली तालाब’ के रूप में फिर से विकसित किया गया है, और लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां के रास्तों को चौड़ा किया गया है.
इमारतों का दोबारा उपयोग में लाने के लिए चार संग्रहालय बनाए गए : जलियांवाला बाग की इमारत लंबे समय से बेकार पड़ी थी l इसका उपयोग भी काफी कम था l इसलिए इमारतों का दोबारा उपयोग में लाने के लिए चार संग्रहालय दीर्घाएं बनाई गई हैं l ये दीर्घाएं उस अवधि के दौरान पंजाब में घटित विभिन्न घटनाओं के विशेष ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं l इन घटनाओं को दिखाया जाएगा l इस दौरान मैपिंग और 3डी चित्रण के साथ-साथ कला एवं मूर्तिकला जैसी चीजें भी दिखाई जाएंगी.
शहीदी कुएं की भी की गई है मरम्मत : जालियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है l इस परिसर में विकास से जुड़ी कई पहल की गई हैं l पंजाब की स्थानीय स्थापत्य शैली के अनुरूप धरोहर संबंधी विस्तृत पुनर्निर्माण कार्य किए गए हैं l शहीदी कुएं की मरम्मत की गई है और नवविकसित उत्तम संरचना के साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि इस परिसर में कई नई और आधुनिक सुविधाओं को जोड़ा गया है l जिनमें लोगों की आवाजाही के लिए साइन बोर्ड, महत्वपूर्ण स्थानों की लाइटिंग, देशी वृक्षारोपण के साथ बेहतर भूदृश्य और चट्टानों युक्त निर्माण कार्य, पूरे बगीचे में ऑडियो नोड्स लगाना शामिल हैं l इसके अलावा मोक्ष स्थल, अमर ज्योति और ध्वज मस्तूल को समाहित करने के लिए अनेक नए क्षेत्रों का विकास किया गया है.