माँ तो आखिर माँ होती है

माँ और बच्चे के इस रिश्ते को शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं। दुनिया के सारे रिश्तों में मां और बच्चे के बीच का रिश्ता सबसे अनमोल होता है। इस रिश्ते को शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। बच्चा चाहे जैसा भी हो लेकिन मां का उसके लिए स्नेह कभी कम नहीं होता है।

माँ तो आखिर माँ होती है
माँ तो आखिर माँ होती है

एक औरत का जीवन संघर्षों से भरा होता है ये तो हम सभी जानते हैं l लेकिन एक औरत के जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष तब शुरू होता है जब उसकी शादी होती है।क्योंकि शादी के बाद एक लड़की की जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है,सबसे बड़ा बदलाव तो ये होता है कि वो एक लड़की से एक औरत, और औरत से जब माँ बनती है l……

जब कोई बच्चा जन्म लेकर इस धरती पर आता है, तो वह सबसे पहले अपनी मां को ही छूता है। वह आंख भी नहीं खोल पाता है, लेकिन फिर भी गंध से ही अपनी मां को पहचान लेता है। माँ और बच्चे के इस रिश्ते को शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं।  दुनिया के सारे रिश्तों में मां और बच्चे के बीच का रिश्ता सबसे अनमोल होता है। इस रिश्ते को शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। बच्चा चाहे जैसा भी हो लेकिन मां का उसके लिए स्नेह कभी कम नहीं होता है।

एक ऐसी ही हकीकत से आपको रूबरू करवाने जा रही हूँ l…..

दिन भर लोगों के घरों में झाड़ू पौंछा और बर्तन करने के बाद  कुसुमलता थकी हारी जैसे ही झोपड़ी  मे घुसी सामने जमीन पर पालथी मारे बैठा उसका शराबी पति जोर से चिल्लाया -आ गई तू, इतनी देर कहाँ लगा दी तूने, चल अब जल्दी से 50 रूपए दे पूरे तीन दिनों से  हलक  सूख रहा है। ..

कुसुमलता बिना जबाब दिए पानी पीने के लिए आगे बढ़ी तो फिर चिल्लाकर बोला- कमीनी सुनती नही है जल्दी ला 50 रूपये,

कुसुमलता बोली- रुपये नही है मेरे पास,

शराबी पति बोला- क्या है रे तू झूठ क्यों बोलती है। .. तू सारा दिन बाहर थी काम के रूपये तो मिले होंगे तुझे, किस यार को दे आई तू। ...

अच्छा 25 रूपये ही दे दे , एक पउआ आ जायेगा, मेरा गला तर हो जायेगा

मुझे कोई काम नही मिला, कुसुमलता  बोली,

बस फिर क्या था शराबी के बेजान शरीर मे जान आ गई उसके अंदर का पुरूष जाग गया ओर लगा मर्दानगी दिखाने

कुसुमलता को लातो घूसो से पीटकर,  मारता रहा गालियां देता रहा,और वो बेचारी पिटती रही

ये सब चारपाई के नींचे छुपा उसका 5 साल का बेटा नितिन सिसकते हुए देखता रहा,

कुसुमलता सोच रही थी कि….  माँ कहती थी पति परमेश्वर होता है , उसका घर ही तेरा घर है मायके से लड़की डोली मे जाती है ओर ससुराल से आती है अर्थी पर ,

कुसुमलता सोच रही थी कि मैं कबकी मर जाती पर बेटे के लिए जीना है, 4,5 घंटे तक पीटकर जब शराबी थक गया तो बडबडाता सो गया ओर वो रातभर रोती रही दर्द मे कराहती रही,

सुबह उसका बेटा नितिन बोला माँ मै स्कूल नही जाऊंगा सबने फीस जमा करवा दी मुझे छोडकर, कल मास्टर जी ने मुर्गा बनाया था आज छड़ी से पीटेगे l

कुसुमलता बोली-मेरे लाल तू स्कूल मे ना पिटे इसीलिए तेरी मां रातभर पिटती रही…..

छुपाये हुए रूपये निकाल कर अपने बच्चे की हथेली पर देकर बोली, ये ले बेटा 50 रूपए फीस के….

नितिन की आँखें खुशी से चमक उठी, वो रोती माँ के आँसू पोछकर बोला-माँ जब मै पढ़-लिखकर बहुत बड़ा हो जाऊंगा ना तब कभी तेरी आँखों मे आँसू नही आने दूंगा,

कुसुमलता ने रोते हुए बेटे को गले से लगा लिया।

ये सत्य है कि दुनिया की हर माँ अपने बच्चो के लिए हर तरह का दुख दर्द उठाती है उसके भविष्य के लिए ताकि बडा होकर वो एक कामयाब इंसान बने, मेरी, आपकी हम सभी की मगर कुछ नालायक बच्चे बडे होकर उसके किए बलिदानो को भूल उसे बोझ समझते है ओर ये समझते है वो माँ को पाल रहे है  l वो भूल जाते है 9 महीने कोख मे और 4 साल तक सीने से चिपका कर और  हमेशा अपने दिल मे रखने वाली माँ ना होती तो वो शायद कभी जन्म भी नही ले पाते।

हम अक्सर कहते है कि, माँ तो आखिर माँ होती है, क्योंकि हमारी जिंदगी में एक वो ही है, जो खुद भूखी रह जायेगी लेकिन अपने बच्चों को कभी भूखा सोने नहीं देगी, हालात कैसे भी हो, लेकिन वो सबसे पहले अपने बच्चे के बारे में सोचेगी।

इसका उदाहरण देने की आवश्यकता नहीं है। आमतौर पर ही देख लो जब बच्चा गलती करता है तो मां उसको डांटती है कभी कभी मारती भी है अगर कभी बच्चे को मारने पर ज्यादा तकलीफ हो जाए चाहे फिर वो मां से धोखे से ही लगा हो तो मां अपने बच्चे को गोद में उठाकर उसे प्यार करके खुद भी रो पड़ती है ।क्योंकि उससे अपने बच्चे की तकलीफ देखी नही जाती । इसलिए तो कहते है मां आखिर मां ही होती है।उससे किसी की तुलना नही की जा सकती ।

सुनीता दोहरे
प्रबंध सम्पादक /इंडियन हेल्पलाइन न्यूज़
महिला अध्यक्ष/शराबबंदी संघर्ष समिति