मंगलमान अभियान: परंपरा और पर्यावरण संरक्षण के संगम में ई-विसर्जन उत्सव और ई-भंडारा का भव्य आयोजन
कृष्णानगर में मंगलमान अभियान के तहत ई-विसर्जन और ई-भंडारा का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यावरण प्रेमी शामिल हुए। इस पहल के जरिए अब तक 1 लाख से अधिक पुरानी मूर्तियों को सम्मानपूर्वक विसर्जित किया गया है। अभियान संयोजक प्रो. रामकुमार तिवारी ने इसे परंपरा और पर्यावरण संरक्षण का आदर्श संगम बताते हुए जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।
लखनऊ। कृष्णानगर क्षेत्र में मंगलमान अभियान के अंतर्गत ई-विसर्जन कार्यक्रम और ई-भंडारा का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर पुरानी /खंडित मूर्तियों के सम्मान और पर्यावरण संरक्षण को केंद्र में रखते हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यावरण प्रेमी शामिल हुए।
मंगलमान अभियान की यह अनूठी पहल अब तक एक बड़ा आंदोलन बन चुकी है। पूरे शहर में मंगलमान प्रतिमा संग्रह केंद्र स्थापित किए गए थे, जहां से अब तक 1 लाख से अधिक मूर्तियों को एकत्रित कर सम्मानपूर्वक विसर्जित किया जा चुका है। विसर्जन का यह कार्यक्रम पूरी विधि-विधान के साथ योग्य आचार्यों के मार्गदर्शन में संपन्न किया गया, जिससे परंपराओं और धार्मिक भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित हो सके।
इस अवसर पर #397वें ई-भंडारे का भी आयोजन किया गया, जो श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं के लिए मंगलमान की आस्था और पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल का प्रतीक है। कार्यक्रम में मंगलमान अभियान के कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मंगलमान अभियान की अनूठी सोच
ई-विसर्जन और ई-भंडारा जैसे कार्यक्रम मंगलमान की पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सद्भावना के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उपस्थित लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे भारतीय संस्कृति और आधुनिक तकनीक का आदर्श संगम बताया। मंगलमान संयोजक प्रोफेसर रामकुमार तिवारी ने कहा कि इन प्रयासों से न केवल हमारी परंपराओं का सम्मान होता है, बल्कि जलस्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखने और समाज में जागरूकता बढ़ाने में भी सहायता मिलती है।
भविष्य की योजना
मंगलमान अभियान के तहत रीसायकल की गई मूर्तियों से तैयार सामग्री का उपयोग विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक परियोजनाओं में किया जाएगा। साथ ही, ई-विसर्जन और ई-भंडारा जैसी पहलों को और व्यापक और प्रभावशाली बनाने की योजना है।
इस अवसर पर श्री त्रिभुवन शुक्ला, ओम प्रकाश चौरसिया, नवल पांडे, सनी जी आदि उपस्थित रहे। डॉ अन्नत प्रकाश श्रीवास्तव ने सहधर्मिणी संग विधिवत पूजन अर्चन के साथ प्रतिमाओं को विसर्जित किया। पंडित राजन तिवारी ने विसर्जन की प्रक्रिया को संपन्न कराया।
यह समाज और पर्यावरण हितैषी पहल मंगलमान अभियान की अद्वितीय सोच, परंपराओं के प्रति सम्मान, और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।