योगी सरकार का तोहफा, पांचवां और छठवां वेतनमान पाने वाले कर्मचारियों का बढ़ाया DA, नियमित होंगे संविदाकर्मी
छठवां वेतनमान पाने वाले कर्मचरियों को पहली जुलाई से दिए जाने महंगाई भत्ता (डीए) की दर वेतन और महंगाई वेतन के योग का 368 प्रतिशत दिया जाएगा. वहीं पांचवां वेतनमान पाने वाले कर्मचारियों को मूल वेतन का 196 प्रतिशत डीए मिलेगा l
यूपी सरकार ने हजारों संविदाकर्मियों (Contract Workers) को तोहफा दिया है. योगी सरकार ने हजारों कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) भी बढ़ा दिया है. सरकार ने राज्य कर्मचारियों, सहायताप्राप्त व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित व पूर्णकालिक कर्मचारियों तथा यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत ऐसे पदधारक जिन्हें अभी छठवां और पांचवां वेतनमान मिल रहा है, पहली जुलाई से उनका महंगाई भत्ता (DA) भी बढ़ा दिया है. वित्त विभाग ने इस बाबत बीते सोमवार को शासनादेश जारी किया.
शासनादेश के मुताबिक, छठवां वेतनमान पाने वाले कर्मचरियों को पहली जुलाई से दिए जाने महंगाई भत्ता (डीए) की दर वेतन और महंगाई वेतन के योग का 368 प्रतिशत दिया जाएगा. वहीं पांचवां वेतनमान पाने वाले कर्मचारियों को मूल वेतन का 196 प्रतिशत डीए मिलेगा l
दिसंबर के वेतन के साथ मिलेगा बढ़ा हुआ डीए : राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, कर्मचारियों को बढ़े डीए का नकद भुगतान दिसंबर के वेतन के साथ किया जाएगा. कर्मचारियों का एरियर उनके जीपीएफ खाते में जमा होगा. अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को भी पहली जुलाई से 31 फीसदी की बढ़ी दर से डीए दिया जाएगा. इसको लेकर भी योगी सरकार ने सोमवार को शासनादेश जारी किया.
नगरीय निकायों और जल संस्थानों के संविदा कर्मी नियमित होंगे : यूपी के नगरीय निकायों और जल संस्थानों के संविदा कर्मचारियों को भी नियमित किया जाएगा. इसको लेकर सरकार तैयारी कर रही है. सरकार ने सभी नगरीय निकायों और जल संस्थानों से ऐसे कर्मचारियों की संख्या के साथ ही रिक्त और भरे हुए पदों का ब्योरा मांगा है.साथ ही निकायों से पद सृजित करने के भी प्रस्ताव मांगे गए हैं. दरअसल, नगरीय निकायों में लंबे समय से समूह ‘ग’ व ‘घ’ के पदों पर भर्तियां नहीं हुई हैं. पुराने कर्मचारियों के सेवानिवृत होने से हर साल दर्जनों पद खाली हो रहे हैं. इस मुद्दे पर शासन के अधिकारियों और कर्मचारी संगठनों के बीच कई बार सहमति भी बन चुकी है. पिछले दिनों हुई बैठक में तय हुआ कि 31 दिसंबर, 2001 तक संविदा व वर्कचार्ज और दैनिक वेतन के आधार पर नियुक्त सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा.