उन्नाव में लापरवाही पर 2 सचिव निलंबित :एक ने 4.76 लाख का किया हेरफेर तो दूसरे ने गोसंरक्षण में की लापरवाही, CDO ने की कार्रवाई
मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर वित्तीय अनियमितता में जहां एक सचिव को जिला विकास अधिकारी ने तो गोसंरक्षण में लापरवाही पर दूसरे सचिव को डीपीआरओ ने निलंबित किया है। वहीं पशु चिकित्साधिकारी पर कार्रवाई की संस्तुति को लेकर डीएम को भेजे सीडीओ के पत्र बाद फिलहाल कार्रवाई लंबित है।
उन्नाव में दो ग्राम पंचायतों की गोशालाओं में मिली भारी खामियों पर संबंधित जिम्मेदारों पर आखिरकार कार्रवाई कर दी गई। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर वित्तीय अनियमितता में जहां एक सचिव को जिला विकास अधिकारी ने तो गोसंरक्षण में लापरवाही पर दूसरे सचिव को डीपीआरओ ने निलंबित किया है। वहीं पशु चिकित्साधिकारी पर कार्रवाई की संस्तुति को लेकर डीएम को भेजे सीडीओ के पत्र बाद फिलहाल कार्रवाई लंबित है।
पशु चिकित्साधिकारी पर कार्रवाई की संतुति : सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने मियागंज की मलिहामऊ गोशाला का औचक निरीक्षण 15 नवंबर को किया था। यहां पर एक गोवंश बीमार मिला था। जिसने बाद में दम तोड़ दिया था। सामने बाग में जब सीडीओ गए थे तो वहां पर कई गोवंश के कंकाल मिले थे। सीडीओ ने पशु चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज सिंह से इस बाबत स्पष्टीकरण तलब किया था। जिसका संतोषजनक जवाब न मिलने पर डॉ. मनोज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कराने की संस्तुति करते हुए पत्र डीएम रवींद्र कुमार को भेजा था।
सीडीओ ने पकड़ी थी वित्तीय अनियमितता : साथ ही पंचायत सचिव राजेश कुमार यादव और प्रधान के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश डीपीआरओ को दिए थे। जिसके बाद डीपीआरओ निरीशचंद साहू ने पंचायत सचिव राजेश यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं कनिगांव के अधूरे अस्थायी गो संरक्षण केंद्र के निरीक्षण में सीडीओ को 4.67 लाख रुपए के अनियमित भुगतान का मामला पकड़ में आया था। जिस पर पंचायत सचिव मंगल प्रसाद व प्रधान के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश डीपीआरओ और डीडीओ को दिए थे। जिस पर डीडीओ मनीष कुमार ने पंचायत सचिव मंगल प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।