दिल्ली में नकली नोटों के इंटरनेशनल रैकेट का भंडाफोड़, 2.98 लाख के नकली नोट के साथ 1 आरोपी गिरफ्तार
पुलिस की टीम को 7 जनवरी को एक मुखबिर के जरिए खुफिया सूचना मिली कि रायसुल आज़म शाम 4 से 5 बजे के बीच सराय काले खां बस टर्मिनल, रिंग रोड के पास इंद्रप्रस्थ पार्क के पास नकली नोटों की सप्लाई करने के लिए आने वाला है. ऐसे में जानकारी मिलने के बाद स्पेशल सेल की टीम ने ट्रैप लगाया और जब शाम करीब सवा 5 बजे रसूल आजम को मुखबिर ने पहचाना तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया…..
देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोटों (Fake Currency) की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए रायसुल आजम नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है l पुलिस के मुताबिक आजम के पास से करीब 2.98 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए हैं l जोकि 500 के नोट के रूप में है l फिलहाल पुलिस आरोपियों के खिलाफ मामले की जांच-पड़ताल कर रही है.
दरअसल, बीते अक्टूबर 2021 के महीने में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह को सूचना मिली थी कि इंडो-नेपाल बॉर्डर (Indo-Nepal Border) से बिहार के मोतिहारी इलाके में नकली नोटों की तस्करी की जा रही है. इस जानकारी को डेवेलप किया गया और लगभग 2 महीने की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) का रहने वाला रायसुल आजम दिल्ली NCR, यूपी, पश्चिम बंगाल में नकली नोटों की तस्करी में शामिल है. उस दौरान पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक जाल बिछाया.
पुलिस ने ट्रैप के जरिए आरोपी को किया गिरफ्तार : बता दें कि पुलिस की टीम को 7 जनवरी को एक मुखबिर के जरिए खुफिया सूचना मिली कि रायसुल आज़म शाम 4 से 5 बजे के बीच सराय काले खां बस टर्मिनल, रिंग रोड के पास इंद्रप्रस्थ पार्क के पास नकली नोटों की सप्लाई करने के लिए आने वाला है. ऐसे में जानकारी मिलने के बाद स्पेशल सेल की टीम ने ट्रैप लगाया और जब शाम करीब सवा 5 बजे रसूल आजम को मुखबिर ने पहचाना तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, पुलिस द्वारा की गई तलाशी के दौरान आरोपी के पास से 500 रुपए के नोट बरामद किए गए .जिनकी संख्या 2 लाख 98 हजार रुपए थी.
बीते 4 सालों में आरोपी ने की 1 करोड़ के नकली नोटों की सप्लाई : वहीं, पुलिस द्वारा आरोपी से की गई पूछताछ में आजम ने खुलासा किया है कि उसने नेपाल के एक शख्स जिसका नाम सुरेश था. उससे 3 लाख की बरामद नकली नोट की खेप खरीदी थी और वो इन्हें दिल्ली में आगे सप्लाई करने के लिए आया था. वहीं, आजम ने खुलासा किया है कि पिछले 14-15 सालों से वो देश के कुछ हिस्सों में सक्रिय रूप से नकली नोटों की सप्लाई करने में शामिल है. आरोपी ने ये भी बताया कि वो 1 लाख रुपए के नकली नोट 30 हज़ार में खरीदता है और आगे 50 से 55 हज़ार में बेचता है. जहां पर वो बीते 4 साल में 1 करोड़ से ज्यादा नकली नोटों की सप्लाई कर चुका है.
आरोपी के 2 मामले कोर्ट में हैं विचाराधीन : गौरतलब है कि पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी आजम को इससे पहले 2008 में GRP बिहार ने नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था. उस दौरान उसके और उसकी मददगार नूर निशा से 2.5 लाख रुपए के नोट बरामद किए गए थे. हालांकि इस मामले में जमानत मिलने के बाद आजम ने फिर से जाली नोटों की तस्करी करने का धंधा एक बार फिर शुरू कर दिया था. इसके बाद साल 2011 में आजम को उसके सहयोगी के साथ कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस दौरान दोनों के पास से 16 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए थे. वहीं, मुश्ताक से 11 लाख और रुपये बरामद किए गए जबकि आजम के पास से 5 लाख के नकली नोट बरामद किए गए थे. फिलहाल दोनों मामले कोर्ट में ट्रायल चल रहे हैं.
पुलिस आरोपी के अन्य साथियों की कर रही तलाश : इस मामले में पुलिस अधिकारी ने कहा कि साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान से नकली नोटों की तस्करी में करीब 1 साल तक ठहराव रहा. लेकिन पिछले करीब 4 सालों में कई सिंडिकेट फिर से सामने आए हैं, जिन्होंने भारत में नकली नोटों की तस्करी करना शुरू कर दिया है. हालांकि कई केसों की जांच के बाद ये पाया गया है कि नकली नोटों की बड़ी खेप पहले पाकिस्तान से नेपाल और बांग्लादेश में खाड़ी देशों के रास्ते हवाई मार्ग से लाई जाती है और उसके बाद सिंडिकेट के सदस्यों के जरिए नेपाल और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के माध्यम से भारत में तस्करी की जाती है. फिलहाल पुलिस इस मामले में गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर उसके अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी हुई है.