पावर कॉरपोरेशन 100 करोड़ से ज्यादा का नुक्सान : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अस्थायी कनेक्शन घोटाले में आ रहे कई रोचक तथ्य, ढ़ाई लाख में जेई ने लाइन बिछा दी
उपभोक्ता सुशील कुमार ने बताया है कि बिजली चोरी करने के लिए 2.5 लाख रुपये की रिश्वत दी गई। रिश्वत के एवज में कई बिल्डरों ने 2 महीने तक बिजली का इस्तेमाल किया। बताया कि जेई की जानकारी में बिजली इस्तेमाल हो रहा था। उपभोक्ता की इन शिकायतों पर बिजली विभाग ने जांच बैठा दी है।
बिजली विभाग में अस्थायी कनेक्शन देने का फर्जी वाड़ा कम नहीं हो रहा है। नोएडा मामले में ही कई रोचक खुलासे हो रहे है। बताया जा रहा है कि भ्रष्टाचार के पैसों से इंजीनियरों ने वहीं पर रेस्त्रां और कई तरह के नई बिजनेस शुरू कर दिए है। यहीं नहीं एक उपभोक्ता ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है कि एक जूनियर इंजीनियर ने 2.5 लाख की रिश्वत लेकर ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में अलग से लाइन बिछाई थी। उपभोक्ता ने इसको लेकर एफिडेबिट दिया है।
उपभोक्ता सुशील कुमार ने बताया है कि बिजली चोरी करने के लिए 2.5 लाख रुपये की रिश्वत दी गई। रिश्वत के एवज में कई बिल्डरों ने 2 महीने तक बिजली का इस्तेमाल किया। बताया कि जेई की जानकारी में बिजली इस्तेमाल हो रहा था। उपभोक्ता की इन शिकायतों पर बिजली विभाग ने जांच बैठा दी है।
पैसों से बिजनेस शुरू किए हैं : उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि भ्रष्टाचार का पैसे से इंजीनियरों ने वहीं पर करोड़ों रुपए का बिजनेस शुरू किया है। ऐसी जानकारी आ रही है। उन्होंने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करने की मांग उठाई है। उन्होंने बताया कि पत्रावलियों की जांच की गई, तो पाया गया कि कोई भी कनेक्शन कागजों में नहीं दिया गया है। उपभोक्ता की शिकायत के बाद गलत तरीके से बिछाई गई लाइन को बंद कर दिया गया है। आरोप है कि ऐसे कई मामले पूरे प्रदेश में हुए हैं।
100 करोड़ रुपए का नुकसान : पावर कॉरपोरेशन के आला अधिकारी ने बताया कि मामले में विभाग को 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। नोएडा में मिली शिकायतों के बाद अब पश्चिमाचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले सभी 14 जिलों में जांच बैठा दी गई है। जल्द इस मामले में रिपोर्ट आने के बाद कई और घोटालों पर से पर्दा उठ सकता है।