ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए यूपी 112 चला रहा है अभियान : आपकी एक कॉल पर बंद होगा पड़ोसी का DJ, मंदिर का घंटा या मस्जिद की अजान

ADG यूपी-112 अशोक कुमार ने बताया कि अपने आस-पास होने वाले ध्वनि प्रदूषण से परेशान हैं तो बेझिझक यूपी-112 पर कॉल कर के या सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों पर सूचना दे कर पुलिस की सहायता ले सकते हैं।

ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए यूपी 112 चला रहा है अभियान : आपकी एक कॉल पर बंद होगा पड़ोसी का DJ, मंदिर का घंटा या मस्जिद की अजान
ADG यूपी-112 अशोक कुमार ने बताया कि अपने आस-पास होने वाले ध्वनि प्रदूषण से परेशान हैं तो बेझिझक यूपी-112 पर कॉल कर के या सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों पर सूचना दे कर पुलिस की सहायता ले सकते हैं।

अगर आप पड़ोसी के घर मे बज रहे DJ जैसी म्यूजिक से परेशान हैं तो तत्काल 112 नम्बर डायल करिए। पुलिस आकर पड़ोसी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। यही नही धार्मिक स्थलों पर भी तय मानक से तेज आवाज होने पर आप पुलिस की मदद ले सकते हैं। शोर शराबा की परेशानी से राहत दिलाने और ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए यूपी 112 अभियान चला रहा है।

ADG यूपी-112 अशोक कुमार ने बताया कि अपने आस-पास होने वाले ध्वनि प्रदूषण से परेशान हैं तो बेझिझक यूपी-112 पर कॉल कर के या सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों पर सूचना दे कर पुलिस की सहायता ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 11 माह में पूरे प्रदेश से ध्वनि प्रदूषण के 13,838 मामलों में नागरिकों ने पीआरवी की सहायता ली है। इस दौरान राजधानी लखनऊ में सबसे अधिक 1421 लोगों ने ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ यूपी-112 की मदद ली है।

ऐसे ले सकते हैं मदद : किसी विद्यार्थी को पढाई के दौरान या नागरिकों को किसी अन्य तरह की दिक्कत तेज आवाज से होती है तो वह आपात सेवा 112 पर कॉल कर के या सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों से पुलिस की सहायता ले सकते है। यूपी- 112 पर कॉल आते ही शिकायत दर्ज कर पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी ) को तत्काल मौके पर भेजा जाता है। शिकायत के आधार पर पीआरवी मौके पर जा कर ध्वनि प्रदूषण को बंद करने के लिये निर्देशित करती है। शोर-शराबा करने वाला यदि पुलिस का निर्देश मानते हुए शोर बंद कर देता है तो उसे चेतावनी देते हुए छोड़ा जा सकता है। ऐसे लोग या संस्थाएं जो बार-बार समझाने और चेतावनी देने के बाद भी ध्वनि प्रदूषण फैलाते हुए व्यवधान पैदा करते हैं तो उनके खिलाफ स्थानीय थाना स्तर पर पुलिस वैधानिक कार्यवाई की जाती है।

क्या है नियम : शैक्षिक संस्थाओं के आसपास कम से कम 100 मीटर क्षेत्र को शांत क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके अतिरिक्त अलग-अलग क्षेत्रों के लिये ध्वनि का मानक निर्धारित किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र के लिये सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक 75 डेसिबल, 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 70 डेसिवल का मानक निर्धारित है। इसी तरह व्यापारिक क्षेत्र के लिये दिन में 65 और रात में 55 डेसिवल ध्वनि का मानक निर्धारित है। आवासीय क्षेत्र के लिए दिन में 55 और रात्रि में 45 डेसिवल व शांत क्षेत्र के लिये दिन में 50, रात में 40 डेसिवल मानक तय है।