प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को UP को देंगे गंगा एक्सप्रेस-वे की सौगात, CM योगी बोले- 6 से बढ़ाकर 8 लेन किया जाएगा
देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे 'गंगा एक्सप्रेस-वे' प्रोजेक्ट को 12 पैकेज और 4 ग्रुप में बांटा है. वहीं, एक ग्रुप में तीन पैकेज को शामिल किया गया है. गंगा एक्सप्रेस-वे को बनाने का जिम्मा अडानी समूह और IRB को दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी को एक और सौगात देने जा रहे हैं. आगामी 18 दिसंबर को पीएम देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ की आधारशिला रखेंगे. करीब 600 किलोमीटर लंबे मेरठ से प्रयागराज तक 6 लेन वाले इस एक्सप्रेस-वे को बढ़ाकर 8 लेन किया जाएगा. यह जानकारी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी है.
जानकारी के मुताबिक, यूपीडा (यूपी एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने पूरे प्रोजेक्ट को 12 पैकेज और 4 ग्रुप में बांटा है. वहीं, एक ग्रुप में तीन पैकेज को शामिल किया गया है. गंगा एक्सप्रेस-वे को बनाने का जिम्मा अडानी समूह और IRB को दिया गया है. बताया जा रहा है कि 36 हजार करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए कंपनियों का सिलेक्शन भी हो गया है. इस प्रोजेक्ट के लिए तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी. पहले चरण का काम IRB को मिला जो मेरठ से अमरोहा तक का है. वहीं, अमरोहा से प्रयागराज तक तीन चरणों का काम अडानी समूह को सौंपा गया है.
|
गंगा एक्सप्रेस-वे कहां से कहां तक : एक्सप्रेस-वे वाराणसी के रास्ते मेरठ और प्रयागराज के बीच कई जिलों से होकर गुजरेगा. गंगा एक्सप्रेसवे के रूट में मेरठ, ज्योतिबा फुले नगर, हापुड़, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले आएंगे. गंगा एक्सप्रेसवे के बन जाने पर लखनऊ से मेरठ की दूरी 5 घंटे की रह जाएगी.
20 हजार को रोजगार : सबसे खास बात यह है कि एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर होंगे. एक्सप्रेसवे के नजदीक उद्योग लगेंगे. इससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. हाइवे कि किनारे शिक्षण संस्थाएं, कृषि आधारित उद्योग बनेंगे. इससे राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी दोनों जुड़ेगी. यह एक्सप्रेस-वे हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, कोल्ड स्टोरेज, भंडारण गृह, मंडी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों आदि की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा.
एक्सप्रेस-वे की खासियत
1- मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जाएगा.
2- कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी.
3- कुल लागत 41,544 करोड़ रुपए आएगी.
4- यह 8 लेन एक्सप्रेस वे होगा
ये होंगे फायदे
1- एक्सप्रेस-वे के बनने से पूरे देश के चहुंमुखी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.
2- एक्सप्रेसवे के प्रवेश को नियंत्रित करने से ईंधन की खपत और प्रदूषण नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण बचत होगी.
3- यह परियोजना कवर किए गए क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ-साथ कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और की आय को बढ़ावा देगी.
4- यह राज्य की राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी के साथ एक्सप्रेसवे द्वारा कवर किए गए क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को जोड़ने के लिए एक औद्योगिक गलियारे के रूप में सहायक होगा.
5- एक्सप्रेस-वे के पास औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शैक्षिक एवं प्रशिक्षण संस्थान, चिकित्सा संस्थान की स्थापना के भी अवसर प्राप्त होंगे.
6- एक्सप्रेसवे हथकरघा उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण संयंत्र, मंडी और दूध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा.
उन्नाव में 105 किमी लंबा बनेगा एक्सप्रेस-वे : गंगा एक्सप्रेस-वे सबसे अधिक लंबा उन्नाव में होगा. एक्सप्रेस-वे की लंबाई मेरठ में 15 किमी, हापुड़ में 33 किमी, बुलंदशहर में 11 किमी, अमरोहा में 26 किमी, संभल में 39 किमी, बदायूं में 92 किमी, शाहजहांपुर में 40 किमी, हरदोई में 99 किमी, उन्नाव में 105 किमी, रायबरेली में 77 किमी, प्रतापगढ़ में 41 किमी और प्रयागराज में 16 किलोमीटर होगी.
14 बड़े और 126 छोटे पुल, 17 टोल प्लाजा; मेरठ और प्रयागराज में 2 मुख्य टोल प्लाजा : गंगा एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 929 पुलिया, 7 आरओबी, 28 फ्लाईओवर और 8 डायमंड इंटरचेंज बनेंगे. गंगा नदी पर एक किलोमीटर लंबा और रामगंगा नदी पर 720 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा. गंगा एक्सप्रेस-वे पर मेरठ और प्रयागराज में 2 मुख्य टोल प्लाजा होंगे. इसके अलावा रास्ते में 15 रैंप टोल प्लाजा भी बनेंगे.