WHO प्रमुख की बूस्टर डोज पर चेतावनी : महामारी की गिरफ्त से ऐसे बाहर नहीं निकल पाएंगे देश, बूस्टर डोज लगाने से महामारी खत्म नहीं होगी

विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने कहा है कि अभी प्रतिदिन लगाई जा रही टीके की 20 प्रतिशत खुराक बूस्टर हैं। उन्होंने कहा कि अमीर देशों में धड़ल्ले से बूस्टर खुराक लगाये जाने से कोविड-19 महामारी लंबे समय तक रहने की संभावना बनेगी, ना कि यह खत्म होगी।

WHO प्रमुख की बूस्टर डोज पर चेतावनी : महामारी की गिरफ्त से ऐसे बाहर नहीं निकल पाएंगे देश, बूस्टर डोज लगाने से महामारी खत्म नहीं होगी
दुनिया के कई देश अपने नागरिकों को लगा रहे बूस्टर डोज।

Omicron Variant : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस घेब्रेयेसस ने कोरोना का बूस्टर डोज लगाए जाने के लिए अमीर देशों में मची अफरातफरी पर दुनिया को आगाह किया है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख का कहना है कि दुनिया के अमीर देश अपने यहां लोगों को बूस्टर डोज लगा रहे हैं, इससे कोरोना टीका सभी देशों तक पहुंच नहीं पा रहा है। इसने असमानता को जन्म दिया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि बूस्टर डोज लगाने और टीके का भारी मात्रा में संग्रह करने से कोरोना की महामारी खत्म नहीं होने वाली।    

मुख्य बातें

  • डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा है कि बूस्टर डोज लगाने से महामारी खत्म नहीं होगी
  • टीकों का संग्रह करने से गरीब देशों को टीका नहीं मिल पाएगा और असमानता बढ़ेगी
  • यूरोप में नए सिरे से फैल रहा कोरोना संक्रमण, ब्रिटेन में एक दिन में रिकॉर्ड मामले आए l

हर रोज लग रही 20 प्रतिशत बूस्टर खुराक : डब्ल्यूएचओ प्रमुख : डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि अभी प्रतिदिन लगाई जा रही टीके की 20 प्रतिशत खुराक बूस्टर हैं। उन्होंने कहा कि अमीर देशों में धड़ल्ले से बूस्टर खुराक लगाये जाने से कोविड-19 महामारी लंबे समय तक रहने की संभावना बनेगी, ना कि यह खत्म होगी। अधिक टीकाकरण कवरेज वाले देशों को टीके की आपूर्ति बढ़ाने से वायरस को फैलने और अपना स्वरूप बदलने का कहीं अधिक अवसर मिलेगा। टेड्रोस ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अस्पतालों में भर्ती या मरने वाले लोगों के एक बड़े हिस्से को टीका नहीं लगा है। इससे पहले डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने स्वस्थ वयस्कों को इस साल के अंत तक बूस्टर खुराक देने पर रोक लगाने की अपील की थी ताकि असमान वैश्विक टीका वितरण से निपटा जा सके।

नए अध्ययन में ओमीक्रोन को कम जानलेवा बताया : इस बीच, ओमीक्रोन को लेकर दक्षिण अफ्रीका में एक नया अध्ययन सामने आया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना के पुराने वैरिएंट की तुलना में ओमीक्रोन वायरस में गंभीर रूप से बीमार बनाने की क्षमता कम है। टेड्रोस की यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब यूरोप एवं अन्य देशों में कोरोना एक बार फिर सिर उठा रहा है। ब्रिटेन में एक दिन में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं। यह पहली बार एक दिन का आंकड़ा एक लाख के पार चला गया है। नाइजीरिया में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आने के बाद यहां टीकाकरण अभियान तेज कर दिया गया है। यहां एस्ट्राजेनेका के 10 लाख डोज एक्सपायर हो गए थे, इन टीकों को नष्ट किया गया है l

भारत में भी बढ़ रहे ओमीक्रोन के केस : भारत में ओमीक्रोन के अब तक 213 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 90 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर चले गए हैं। ये मामले 15 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में सामने आए। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि दिल्ली में ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप के सबसे अधिक 57 मामले, महाराष्ट्र में 54, तेलंगाना में 24, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 18, केरल में 15 और गुजरात में 14 मामले सामने आए हैं। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि हाल के दिनों में लोग कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन करते नहीं दिखे हैं, संक्रमण के मामले बढ़ने के पीछे यह एक बड़ी वजह है।