वाराणसी में पान मसाला व्यापारी पर केंद्रीय जीएसटी का छापा, कारोबारी ने छिपाया करोड़ों रुपये का स्टॉक

सेंट्रल जीएसटी की टीम के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान कारखाने में मौजूद सभी कर्मचारियों को कैंपस न छोड़ने और उनके मोबाइल फोन जब्त करने के निर्देश दिए थे. वहीं, सीजीएसटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेड के दौरान बड़ी मात्रा में पान मसाला और खैनी के पाउच मिले हैं. हालांकि उन्हें टीम द्वारा जब्त कर लिया गया है.

वाराणसी में पान मसाला व्यापारी पर केंद्रीय जीएसटी का छापा, कारोबारी ने छिपाया करोड़ों रुपये का स्टॉक
वाराणसी में पान मसाला व्यापारी पर केंद्रीय जीएसटी का छापा, कारोबारी ने छिपाया करोड़ों रुपये का स्टॉक

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सेंट्रल जीएसटी की टीम ने शुक्रवार को एक पान मसाला कारोबारी और खैनी निर्माता के आवास व गोदाम पर छापेमारी की. इस दौरान नई दिल्ली स्थित सीजीएसटी के महानिदेशक जांच ऑफिस के 35 अधिकारी व कर्मचारियों की टीम ने छापा मार कार्रवाई की. वहीं, जांच में यह सबूत सामने आए हैं कि कारोबारी ने करोड़ों रुपए का स्टॉक कहीं प्रदर्शित नहीं किया है और GST की कर चोरी की है.

दरअसल, ये रेड वाराणसी जिले में पांडेयपुर की प्रेमचंद नगर कॉलोनी में पड़ी थी. जानकारी के मुताबिक पान मसाला कारोबारी देश के एक प्रतिष्ठित प्राइवेट स्कूल चेन का संचालक भी है. फिलहाल ये स्कूल तरना में संचालित होता है. वहीं, कारोबारी आशिकी ब्रांड के नाम से खैनी और पान मसाला बनाता है. इसके साथ ही जौनपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़ समेत आसपास के अन्य इलाकों में इनकी सप्लाई होती है. वहीं, उसकी गोइठहां, नक्खीघाट, सोयेपुर में फैक्ट्रियां और गोदाम भी हैं.

बीते सालों के GST रिटर्न के दस्तावेजों का स्टॉक के कागजातों से कराया जा रहा मिलान : बता दें कि सेंट्रल जीएसटी की टीम के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान कारखाने में मौजूद सभी कर्मचारियों को कैंपस न छोड़ने और उनके मोबाइल फोन जब्त करने के निर्देश दिए थे. वहीं, सीजीएसटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेड के दौरान बड़ी मात्रा में पान मसाला और खैनी के पाउच मिले हैं. हालांकि उन्हें टीम द्वारा जब्त कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले सालों के GST रिटर्न के दस्तावेजों का स्टॉक के कागजातों से मिलान कराया जा रहा है.

बीते साल 2004 में आयकर विभाग ने की थी छापेमारी : गौरतलब है कि कारोबारी के यहां रेड के दौरान आयकर रिटर्न में दर्शाए गए आंकड़ों और बिल-बाउचर की भी जांच की जा रही है. हालांकि कारोबारी ने रीयल एस्टेट में भी करोड़ों रुपए का निवेश कर रखा है. वहीं, इस कारोबारी के यहां साल 2004-2005 में आयकर विभाग (Income Tax) ने भी छापेमारी की थी. इसके साथ ही सेल्स टैक्स और सर्विस टैक्स विभाग की भी छापेमारी हो चुकी है.