अफगानी आसमान पर ‘मौत’ बनकर मंडरा रहे आतंकी ड्रोन, पिन पॉइंट अटैक की प्लानिंग कर रहे ISIS-K और अल-कायदा

ISIS-K और अल-कायदा ने ऐसे ड्रोन्स की बड़ी खेप हासिल कर ली है l ये संगठन अपने आतंकियों को इन ड्रोन्स के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दे रहे हैं l खास बात ये है कि इन ड्रोन्स को 50 से 70 किलोमीटर दूर बैठकर भी ऑपरेट किया जा सकता है.

अफगानी आसमान पर ‘मौत’ बनकर मंडरा रहे आतंकी ड्रोन, पिन पॉइंट अटैक की प्लानिंग कर रहे ISIS-K और अल-कायदा
खुद अफगानिस्तान पर ही मंडरा रहा ड्रोन का खतरा

तालिबान के अफगनिस्तान पर काबिज होने के बाद अब आतंक का सबसे बड़ा खतरा पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है, लेकिन उससे पहले ये खतरा खुद अफगनिस्तान को ही अपनी गिरफ्त में लेने को तैयार है. 26 अगस्त के बाद अब ISIS-K और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठन काबुल एयरपोर्ट और उसके पास ड्रोन से भी हमला कर सकते है l ये ड्रोन कोई बाहर से आए ड्रोन्स नहीं हैं, बल्कि अमेरिका के अफगान सेना को दिए ड्रोन ही हैं, जो तालिबान और उससे जुड़े कई संगठनों के हाथ लग गए है.

 

तालिबान के हाथ जो अमेरिका के कई अत्याधुनिक हथियार लगे हैं, उनमें कई विनाशकारी हथियार भी हैं, लेकिन सबसे बड़ा खतरा है ड्रोन्स का l एजेंसियों को मिल रहे इनपुट के मुताबिक अमेरिका ने अफगानिस्तान के सैन्यबलों को हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट्स, नाइट विजन गॉगल्स, रायफल्स के साथ साथ कई अत्याधुनिक ड्रोन भी दिए थे l इन ड्रोन्स में स्कैन ईगल ड्रोन और कई अन्य शामिल हैं.

पिन पॉइन्ट अटैक की प्लानिंग : जानकारी के मुताबिक इन ड्रोन्स का इस्तेमाल यूं तो सर्विलांस और स्कैनिंग के लिए किया जाता है, लेकिन तालिबान के साथ जुड़े कई आतंकी समूह इसमें बदलाव कर इसका इस्तेमाल पिन पॉइन्टेड हमलों के लिए भी कर सकते है l

ISIS-K और अल-कायदा ने ऐसे ड्रोन्स की बड़ी खेप हासिल कर ली है l ये संगठन अपने आतंकियों को इन ड्रोन्स के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दे रहे हैं l इसके साथ ही पिन पॉइन्ट अटैक्स में इनको कैसे इस्तेमाल किया जाए इसकी प्लानिंग भी कर रहे हैं.

12 -15 किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम : खास बात ये की इन ड्रोन्स को 50 से 70 किलोमीटर दूर बैठकर भी ऑपरेट किया जा सकता है l यानी ड्रोन्स का फायदा ये है कि आतंकियो को उस इलाके में भी होने की जरूरत नहीं है l ये ऐसे ड्रोन हैं जो 12 -15 किलो तक विस्फोटक अपने साथ ले जा सकते हैं l अब तक आतंकियों के पास इतनी बड़ी संख्या में ड्रोन कभी नहीं आए थे, लेकिन अब आतंकी समूह इसका इस्तेमाल अपने दहशत फैलाने के मंसूबे को पूरा करने के लिए कर सकते हैं l खास बात ये है कि इन ड्रोन्स को अफगनिस्तान ही नहीं बल्कि कश्मीर में भी इस्तेमाल किए जाने की आशंका है l

16 अगस्त के बाद हथियारों की बड़ी खेप तालिबान ने पाकिस्तान को अफगान सीमा पर दी थी.