पुराने लखनऊ में अतिक्रमण हटाने पर हंगामा : नगर निगम जोन छह की टीम पांच घंटे तक विरोध के बीच अभियान

एक किलोमीटर तक चले अभियान में सौ से ज्यादा अतिक्रमण हटाए गए। बिन्नो रिजवी ने बताया कि ज़ोन 6 में घंटा घर, पिक्चर गैलरी, छोटे इमामबाड़े के आस पास भारी विरोध और प्रदर्शन के बावजूद उनकी टीम ने अभियान जारी रखा।

पुराने लखनऊ में अतिक्रमण हटाने पर हंगामा : नगर निगम जोन छह की टीम पांच घंटे तक विरोध के बीच अभियान
घंटाघर के इलाके में नगर निगम ने पांच घंटे तक चलाया अतिक्रमण अभियान।

नगर निगम की टीम ने बुधवार को ऐतिहासिक घंटाघर के पास से अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया। हालांकि इस दौरान इलाके के लोगों ने भारी विरोध शुरू कर दिया। कुछ देर के लिए माहौल खराब होता भी दिखा। लेकिन पुलिस और प्रवर्तन दल की वजह विरोध ज्यादा देर तक नहीं चला। जोनल अधिकारी बिन्ना रिजवी और अदीब जेहरा के नेतृत्व अभियान चलाया गया।

करीब एक किलोमीटर तक चले अभियान में सौ से ज्यादा अतिक्रमण हटाए गए। बिन्नो रिजवी ने बताया कि ज़ोन 6 में घंटा घर, पिक्चर गैलरी, छोटे इमामबाड़े के आस पास भारी विरोध और प्रदर्शन के बावजूद उनकी टीम ने अभियान जारी रखा। उन्होंने बताया कि अभियान में हंगामे की आशंका हो देखते हुए जोन छह की पूरी टीम के साथ पुलिस और प्रवर्तन दल के लोग भी मौजूद रहे।

सालों बाद चला अभियान : घंटाघर से अशफाक होटल तक सालों बाद अभियान चला। इस दौरान लोगों ने यहां गुमटी, दुकानों के सामने निर्माण समेत कई तरह के अवैध अतिक्रमण कर लिए गए थें। नगर निगम की टीम कई बार यहां डेट देने के बाद भी अभियान नहीं चला पा रही थी। बताया जा रहा था कि इसके पीछे यहां के लोगों का राजनीतिक रसूख सामने आ रहा था। लेकिन इस बार पहले से तैयारी कर टीम आई थी। सुबह कई लोगों के दुकान खोलने से पहले उनका अतिक्रमण हट गया था।

नगर निगम की टीम के खिलाफ लगते रहे नारे : अभियान के दौरान करीब पांच घंटे तक स्थानीय लोग लगातार नगर निगम की टीम के खिलाफ नारे लगाते रहे। लोगों का कहना था कि कई दशक से ऐसा निर्माण है। अभियान चलाने से पहले नगर निगम को नोटिस देना चाहिए था। हालांकि अधिकारियों ने बताया कि यहां के लिए पहले भी कई बार नोटिस दी गई थी लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा था।

पर्यटन स्थल फिर भी अतिक्रमण : लखनऊ आने वाले सबसे ज्यादा पर्यटक इमामबाड़ा और घंटाघर के आस-पास आते है। लेकिन यहां हुए अवैध अतिक्रमण से ख़ूबसूरती में दाग लग जाता था। यह बात कई बार नगर निगम सदन में भी हुई लेकिन उसके बाद भी अभियान नहीं चल पाता था।