5 हजार करोड़ रुपए का काम प्रभावित : 20 हजार सराफा कारोबारियों ने बंद की दुकानें, हॉलमार्क नियम में संशोधन की मांग को लेकर प्रदेश में बंदी का ऐलान
सोमवार को उप्र में सराफा कारोबारियों ने बंदी का ऐलान किया है। इस दौरान प्रदेश में करीब 20 हजार से ज्यादा सराफा कारोबारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी है। लखनऊ में करीब दो हजार से ज्यादा दुकानें बंद है। इसके अलावा कानपुर, मेरठ, आगरा, प्रयागराज, बलिया, मऊ, गाजीपुर, बरेली, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या समेत कई जिलों में बंदी का व्यापक असर बताया जा रहा है।
लखनऊ : हॉलमार्क के नियमों में बदलाव की मांग को लेकर सोमवार को उप्र में सराफा कारोबारियों ने बंदी का ऐलान किया है। इस दौरान प्रदेश में करीब 20 हजार से ज्यादा सराफा कारोबारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी है। लखनऊ में करीब दो हजार से ज्यादा दुकानें बंद है। इसके अलावा कानपुर, मेरठ, आगरा, प्रयागराज, बलिया, मऊ, गाजीपुर, बरेली, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या समेत कई जिलों में बंदी का व्यापक असर बताया जा रहा है।
लखनऊ सराफा असोसिएशन के महामंत्री प्रदीप अग्रवाल, कारोबारी राहुल गुप्ता और आदिश जैन का कहना है कि हम हॉलमार्क के विरोध में नहीं है लेकिन कुछ सुधार चाहते है। ऐसा न होने से 80 फीसदी से ज्यादा लोगों का कारोबार पूरी तरह से बंद हो गया है। उन्होंने बताया कि इसको संगठन के सदस्य वित्त मंत्री पीयूष गोयल समेत कई लोगों से मिल चुके हैं। वहां से आश्वासन तो मिला लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद कारोबारियों ने यह फैसला लिया है।
कारोबारियों का कहना है कि नियम सरल किए जाए : कारोबारियों का कहना है कि एचयूआईडी कोड की लिखापढ़ी हॉलमार्किंग सेंटर तक ही सीमित हो। रिटेलर को इसके आगे ज्यादा लिखापढ़ी न करनी पड़े। इसके अलावा उन्होंने दो और मांगों को भी सरकार के सामने रखा है। उत्तर प्रदेश सराफा असोसिएशन के अध्यक्ष महेश चंद्र जैन का कहना है कि हम सरकार के नियमों के साथ हैं। लेकिन, उसमें कुछ जरूरी संशोधन हैं, जो होने बेहद जरूरी हैं। अन्यथा हमारा कारोबार पूरी तरह चौपट हो जाएगा। उन्होंने बताया कि हॉलमार्किंग की अनिवार्यता के बाद से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
पांच हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित : सराफा का पूरे प्रदेश में एक दिन का कारोबार करीब पांच हजार करोड़ रुपए का होता है। इसमें 20 हजार दुकानें शामिल है। अकेले लखनऊ का कारोबार 300 करोड़ के रहता है। इसमें गहनों के साथ बुलियन ( गोल्ड बिस्कुट ) का बड़ा कारोबार शामिल है। इसके अलावा कानपुर, बनारस, आगरा, मथुरा और गोरखपुर इसके बड़े सेंटर है।
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन ने बंदी का किया विरोध : इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन ने बंदी का विरोध किया है। प्रदेश अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी ने बताया कि हम पूर्ण रूप से यूआईडी का विरोध करते हैं लेकिन सरकार के साथ पूर्ण रूप से संपर्क में हैं । उनसे हमारी लगातार बातचीत चल रही है जिसमें हमें बहुत कुछ छूट मिलने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि हम आम ग्राहक जन की भावनाओं का सम्मान करते हुए हॉल मार्क का पूर्ण रूप से स्वागत करते हैं लेकिन यूआईडी का हम विरोध करते थे करते हैं और करते रहेंगे। इस विषय में हम सरकार को अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं।
प्रमुख मांग
1- एचयूआईडी कोड की लिखा पढ़ी हॉल मार्किंग सेंटर तक ही सीमित हो एवं रिटेलर को इसके आगे अत्याधिक लिखा पढ़ी न करनी पड़े । 2 - 40 लाख से कम टर्नओवर वाले व्यवसायियों को हॉल मार्किंग ज्वेलरी बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य न हो ।