जेल मुख्यालय में बेलगाम अफसरों का कारनामा : रिटायरमेंट से सात दिन पहले हुआ करोड़ो का खेल, प्रयागराज में निर्माणाधीन जेल के लिए खरीद लिया 4.5 करोड़ रुपये का सामान
जेल मुख्यालय में खरीद फ़रोख़्त के प्रभारी वरिष्ठ अधीक्षक 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो रहे है। सेवानिवृत के कुछ दिन पहले ही प्रभारी अधिकारी ने मोटा कमीशन अर्जित करने के लिये प्रयागराज में निर्मित हो रही अर्द्ध निर्मित जिला जेल के लिए टीवी, फ्रिज, आरओ, गैस सिलेंडर, कैमरे, किचेन का सामान, अलमारियों, बर्तन के साथ करीब साढ़े चार करोड़ रुपये का सामान खरीदकर भेज दिया। जिला जेल निर्माणाधीन होने की वजह से समय पूर्व खरीदा गया यह सामान फिलहाल नैनी सेंट्रल जेल में डैम्प किया जा रहा है।
लखनऊ। जेल का निर्माण कार्य अभी पूरा भी नही हुआ उस जेल के लिए अधिकारियों ने करोड़ो रूपये का सामान खरीद लिया। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन सच है। जेल अधिकारियों ने रिटायरमेंट से पहले मोटा कमीशन लेने के लिए अनाप-शनाप दामो पर करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की खरीद-फ़रोख़्त कर डाली। प्रदेश कारागार मुख्यालय में यह कारनामा हुआ है। यह विभाग प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास है। विभाग के डीजी जेल की जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के हाथों में है।
कमीशन की खातिर निर्माण पूरा होने से पहले हो गयी खरीद-फरोख्त : जानकारी के मुताबिक प्रयागराज में नैनी केंद्रीय कारागार है। इस कारागार में जनपद में जिला कारागार नही होने की वजह से विचाराधीन बन्दियों को भी रखा जाता है। ऐसा तब हो रहा है जब केंद्रीय कारागार में सिर्फ सजायाफ्ता कैदियों को रखे जाने का प्रावधान है। इस समस्या को देखते हुए शासन ने जनपद में जिला जेल का निर्माण कराए जाने का निर्णय लिया। इस निर्णय के तहत वर्तमान समय मे जेल का निर्माण कराया जा रहा है। बताया गया है कि इस जेल का निर्माण कार्य पूरा होने में अभी चार से पांच महीने का समय लग सकता है। ऐसा जेल अधिकारियों का कहना है।
सूत्रों का कहना है कि जेल मुख्यालय में खरीद फ़रोख़्त के प्रभारी वरिष्ठ अधीक्षक 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो रहे है। सेवानिवृत के कुछ दिन पहले ही प्रभारी अधिकारी ने मोटा कमीशन अर्जित करने के लिये प्रयागराज में निर्मित हो रही अर्द्ध निर्मित जिला जेल के लिए टीवी, फ्रिज, आरओ, गैस सिलेंडर, कैमरे, किचेन का सामान, अलमारियों, बर्तन के साथ करीब साढ़े चार करोड़ रुपये का सामान खरीदकर भेज दिया। जिला जेल निर्माणाधीन होने की वजह से समय पूर्व खरीदा गया यह सामान फिलहाल नैनी सेंट्रल जेल में डैम्प किया जा रहा है।
सूत्र बताते है कि मोटा कमीशन के लिए सेवानिवृत्त होने वाले प्रभारी अधिकारी ने सौ रुपये की वस्तु को पांच सौ रुपये में खरीदा है। अनाप-शनाप दामो पर की गई खरीद-फ़रोख़्त की पुष्टि खरीदे गए सामानों के बिलो से आसानी से की जा सकती है। इस खरीद-फरोख्त को लेकर विभागीय अधिकारियों में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे है। चर्चा है कि मोटे कमीशन की खातिर आनन-फानन में इस सामान की खरीद-फ़रोख़्त की गई है। समय पूर्व की गई इस खरीद की जांच कराई जाए तो दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जायेगा। उधर इस संबंध जेल मुख्यालय का कोई भी अधिकारी इस मसले पर टिप्पणी करने से बचता नज़र आया।
ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी हुई जमकर वसूली! लखनऊ। रिटायरमेंट पर जाने से पहले खरीद फरोख्त के प्रभारी अधिकारी कोई मौका छोड़ना नही चाहते है। बताया गया है सेंट्रल जेलो में चल रहे उद्योगो के लिए साबुन, फिनायल, सूट, ऊनी गेज का करीब तीन करोड़ रुपये का ठेका अपनी चहेती फेर्मो को दे दिया गया। सूत्रों की माने तो यही नही जाते जाते इस अधिकारी ने दर्जनों की संख्या में तबादले किये। इसमे जमकर वसूली की गई। एक अधिकारी को तो पांच महीने बाद ही मोटी रकम लेकर कमाऊ जेल पर भेज दिया। इस अधिकारी ने झांसी जेल में डिप्टी जेलर की चार पद होने पर छह को पोस्ट कर दिया। यह अलग बात है कि फटकार के बाद एक को वापस कर दिया गया। |
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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