राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रयागराज में 640 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास किया, शहर में चप्पे-चप्पे पर नाकेबंदी
राष्ट्रपति ने कहा, सबको न्याय मिले इसके लिए काम करना होगा। ये चुनौती है। आम लोगों में न्यायपालिका के प्रति विश्वास जगाना होगा। लंबित मामलों को जल्द से जल्द निस्तारित करना चाहिए। जजों की संख्या बढ़ाकर और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने से ही न्याय प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को संगम नगरी प्रयागराज में 640 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता चेंबर की बिल्डिंग और मल्टी लेवल पार्किंग की आधारशिला भी रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा, न्यायपालिका में अभी 12% से कम महिलाओं की हिस्सेदारी : इतिहास का जिक्र करते हुए महामहिम ने बताया कि 1925 में भारत की पहली महिला वकील का पंजीकरण इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही हुआ था। राष्ट्रपति ने हाल ही में नियुक्त तीन महिला न्यायाधीशों के बारे में बताया। कहा, ये ऐतिहासिक है। महिलाओं में हर तरह के लोगों को न्याय देने की क्षमता होती है। सही मायने में न्यायपूर्ण समाज की स्थापना तभी संभव होगी जब न्यायपालिका में महिलाओं की भूमिका बढ़ेगी। अभी 12% से भी कम इनकी संख्या है। इनकी संख्या को बढ़ाना होगा। आशा करता हूं कि देश के इस बड़े हाईकोर्ट में महिला अधिवक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
राष्ट्रपति ने कहा, सबको न्याय मिले इसके लिए काम करना होगा। ये चुनौती है। आम लोगों में न्यायपालिका के प्रति विश्वास जगाना होगा। लंबित मामलों को जल्द से जल्द निस्तारित करना चाहिए। जजों की संख्या बढ़ाकर और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने से ही न्याय प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर दुनिया के लोग स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपना लेते तो 9/11 जैसी घटनाएं नहीं होती।
बमरौली एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति कोविंद का स्वागत करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के सभी न्यायालयों को हाईटेक बनाएंगे- योगी : इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, आज का डिजिटल युग है। आमजन को सरलता से न्याय दिलाने के लिए हम लोग तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। डिजिटल माध्यम से अब मामलों की सुनवाई होगी। 70 करोड़ रुपए इसके लिए स्वीकृत किए गए हैं। प्रयागराज का हाईकोर्ट एशिया का सबसे बड़ा न्यायालय है। 24 करोड़ जनता यहां न्याय के लिए आती है। यहां 4 हजार वाहनों को पार्क करने के लिए हाईकोर्ट में पार्किंग बन रही है। इसके अलावा 6 हजार अधिवक्ताओं के लिए चैंबर बनाए जा रहे हैं। |
पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के घर भी जाएंगे : राष्ट्रपति यहां 3:30 बजे तक तीन कार्यकमों में भाग लेंगे। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के घर जाएंगे। यहां 4 बजे से 4:30 बजे तक रहेंगे। यहां से राष्ट्रपति सर्किट हाउस जाएंगे। सर्किट हाउस से ही पांच बजे तक राष्ट्रपति की रवानगी हो जाएगी।
तैयारियों का जायजा लेते, डीएम, डीआईजी व आईजी शहर में चप्पे-चप्पे पर नाकेबंदी : राष्ट्रपति की सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर शहर में चप्पे-चप्पे पर नाकेबंदी रही है। एक दिन पहले ही केंद्रीय बल के जवान सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात कर दिए गए थे। पोलोग्राउंड व हाईकोर्ट परिसर को सुरक्षा एजेंसियों ने अपने कब्जे में ले लिया था। अफसरों व पुलिसकर्मियों को मिलाकर 4000 से ज्यादा जवान सुरक्षा में तैनात किए गए। पुलिस अफसरों की मौजूदगी में बमरौली से सर्किट हाउस और फिर पोलो ग्राउंड से हाईकोर्ट कार्यक्रम स्थल तक फ्लीट रिहर्सल भी किया गया था। सुरक्षा की कमान 36 डिप्टी एसपी, 88 इंस्पेक्टर, 346 दरोगा, 1790 कांस्टेबल, चार कंपनी पीएसी व एक कंपनी आईटीबीपी के हवाले है। यातायात व्यवस्था के लिए 8 इंस्पेक्टर, 55 एसआई, 200 हेडकांस्टेबल, 350 कांस्टेबल लगाए गए हैं। इसके अलावा एटीएस की टीम ने भी मोर्चा संभाला हुआ है। |
हाईकोर्ट तक आने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग : राष्ट्रपति के आगमन के चलते और यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए हाईकोर्ट के आसपास व वीवीआईपी मूवमेंट से संबंधित मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी गई। धूमनगंज से हाईकोर्ट, वाल्मिकी से न्यायविद हनुमान मंदिर, पत्थर गिरिजाघर से न्यायविद हनुमान मंदिर, पास काउंटर से हाईकोर्ट, ओवरब्रिज से हाईकोर्ट, बाबा चौराहे से सर्किट हाउस आदि तमाम सड़कों पर आवागमन पूरी तरह से बंद रहेगा।
रामनाथ कोविंद के बारे में कुछ अहम बातें
- उत्तर प्रदेश से बीजेपी के दलित नेता हैं।
- दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं।
- सरकारी वकील रहे, 1971 में बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए।
- दिल्ली हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 16 साल तक प्रैक्टिस का अनुभव।
- उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले दूसरे राष्ट्रपति
- रामनाथ कोविंद का जन्म एक अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था।
- कोविंद ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है।
- दिल्ली हाईकोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे।
- 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल भी रहे।
- दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इन्होंने 16 साल तक प्रैक्टिस की।
- 1971 में दिल्ली बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए।
- 1994 में कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए।
- 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे।
- कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं।