संयुक्त किसान मोर्चा : 27 सितंबर को तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दूसरी बार भारत बंद का ऐलान

27 सितंबर के भारत बंद की तैयारियां : किसान संगठनों के अलावा श्रम, नौजवान, छात्र और महिला संगठन भी हो सकते शामिल, सोशल मीडिया पर हो रहा जमकर प्रचार- प्रसार l हालांकि पहले यह बंदी 25 सितंबर को प्रस्तावित थी, लेकिन अब इसको शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती पर कर दिया गया है।

संयुक्त किसान मोर्चा : 27 सितंबर को तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दूसरी बार भारत बंद का ऐलान
27 सितंबर के भारत बंद की तैयारी में जुटे किसान संगठन।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 27 सितंबर को भारत बंद के ऐलान के बाद तेजी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिलों में पोस्टर बैनर बनाने के साथ आंदोलन को बड़ा जन समर्थन मिले, इसके लिए बाकी सहयोगी संगठनों से बात होने लगी है। तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले छह महीनें में किसान मोर्चा दूसरी बार भारत बंद करने जा रहा है। पिछले दिनों मुजफ्फरनगर की रैली में भारत बंद का ऐलान किया गया था। हालांकि पहले यह बंदी 25 सितंबर को प्रस्तावित थी, लेकिन अब इसको शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती पर कर दिया गया है।

किसान सभा उप्र के सचिव मुकुट सिंह का दावा है कि 27 सितंबर को लेकर सभी संगठन जिलों में तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसबार भारत बंद के दौरान सबकुछ बंद रहेगा। पिछली बार से कई गुना बड़ा आंदोलन होगा। इस संदर्भ में श्रम संगठन, कर्मचारी संगठन, छात्र, नौजवान औेर महिला संगठनों से भी बात चल रही है। ज्यादातर लोगों ने समर्थन देने का आश्वासन भी दिया है। ऐसे में बंदी ऐतिहासिक होने वाली है। किसान दिल्ली बॉर्डर पर करीब 9 महीने से धरना दे हैं।

26 मार्च को किया था भारत बंद : इससे पहले किसानों ने 26 मार्च को भारत बंद किया था। उनके इस बंदी को श्रम संगठनों ने भी समर्थन दिया था और काम नहीं किया था। यहां तक की डाक, बीएसएनएल, जीवन बीमा निगम, पोस्टल यूनियन के साथ उप्र में बिजली संगठनों ने हड़ताल में साथ दिया था। अब छह महीने बाद एक बार फिर किसान भारत बंद कर अपनी ताकत दिखाने में लगे हैं।

सोशल मीडिया पर पोस्टर बना शुरू हुआ प्रचार : किसान आंदोलन के समर्थक 27 सितंबर की बंदी के लिए सोशल मीडिया पर प्रचार- प्रसार भी कर रहे हैं। इसमें लोगों से जन समर्थन मांगा जा रहा है।