सीएम योगी करेंगे एलान : 8.84 लाख पंचायत प्रतिनिधियों पर आज सौगातों की बरसात, पंचायत प्रतिनिधियों को आज मिलेगा अधिक आर्थिक लाभ
प्रधानों, प्रमुखों व जिला पंचायत अध्यक्षों का 1500 रुपये प्रतिमाह बढ़ेगा मानदेय। जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्यों के प्रति बैठक भत्ते में 500 रुपये की वृद्धि। पहली बार 7.44 लाख ग्राम पंचायत सदस्यों को भी बैठकों में शामिल होने के लिए भत्ता।
मुख्यमंत्री डिफेंस एक्सपो ग्राउंड पर प्रदेश के सवा लाख पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में इन सौगातों का एलान करेंगे। सूत्रों ने बताया कि ग्रामप्रधानों, ब्लाक प्रमुखों व जिला पंचायत अध्यक्षों के मानदेय में एक समान 1,500 रुपये प्रतिमाह वृद्धि पर सहमति बनी है।
प्रधानों का मानदेय 3,500 रुपये से बढ़कर 5,000 रुपये, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों का मानदेय 9,800 रुपये से बढ़कर 11,300 रुपये तथा जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 14,000 रुपये से बढ़ाकर 15,500 रुपये किया जाएगा। इसी तरह जिला पंचायत सदस्यों व क्षेत्र पंचायत सदस्यों को मिलने वाले भत्तों में 500 रुपये प्रति बैठक बढ़ोत्तरी पर सहमति बनी है। जिला पंचायत सदस्यों का प्रति बैठक भत्ता 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये तथा क्षेत्र पंचायत सदस्यों का प्रति बैठक भत्ता 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत सदस्यों को पहली बार प्रति बैठक भत्ता देने का एलान किया जा रहा है। इन्हें प्रति बैठक 100 रुपये भत्ता दिया जाएगा। सदस्य जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत की प्रति बैठक भत्ते की गणना वर्ष में छठ बैठकों तथा सदस्य ग्राम पंचायत की वर्ष में 12 बैठकों के आधार पर की जाएगी। राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत प्रदेश की पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2021-22 में 6600 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इसका 10 प्रतिशत 660 करोड़ रुपये होता है। प्रस्तावित बढ़ोत्तरी पर कुछ खर्च इसके दायरे में रखा जाएगा।
इन्हें मिलेगी सौगात
जिला पंचायत अध्यक्ष | 75 |
क्षेत्र पंचायत प्रमुख | 826 |
ग्राम प्रधान | 58,189 |
जिला पंचायत सदस्य | 3121 |
क्षेत्र पंचायत सदस्य | 77788 |
ग्राम पंचायत सदस्य | 7,44,226 |
कुल | 8,84,225 |
पद पर रहते मृत्यु तो आश्रित को मदद, पंचायत कल्याण कोष की स्थापना : प्रदेश सरकार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की पद पर रहते हुए मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए 50 करोड़ रुपये का पंचायत कल्याण कोष स्थापित होगा। ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष की पद पर रहते हुए मृत्यु होने पर आश्रित को 10 लाख रुपये की सहायता देने की योजना है। सदस्य जिला पंचायत की मृत्यु पर पांच लाख रुपये, सदस्य क्षेत्र पंचायत की मृत्यु पर तीन लाख रुपये और सदस्य ग्राम पंचायत की मृत्यु पर दो लाख रुपये आश्रित को मिलेंगे।
वित्तीय अधिकारों में भी वृद्धि : प्रदेश की ग्राम पंचायतों द्वारा प्रतिवर्ष ग्राम सभा की बैठक में अनुमोदन के बाद करीब 37 से 38 लाख कार्य अपनी कार्ययोजना में शामिल किए जाते हैं। पंचायतों की विभिन्न स्तर पर कार्यों की प्रशासनिक, वित्तीय व तकनीकी सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख करने का प्रस्ताव है।
जिला पंचायतों के 10 लाख के ऊपर के एस्टीमेट की स्वीकृति शासन स्तर से किए जाने की व्यवस्था है। 10 लाख की सीमा जुलाई, 2015 में तय की गई थी। इस सीमा को बढ़ाकर 25 लाख करने का एलान होगा।
वर्तमान में पंचायतें विकास खंड में नामित अभियंता से एस्टीमेट बनवाने व तकनीकी स्वीकृति लेने की कार्यवाही करती हैं। अब विकास खंड में नामित अभियंता के अतिरिक्त पंचायतों द्वारा जिलों में लोक निर्माण, ग्रामीण अभियंत्रण, जिला पंचायत, आवास एवं विकास, सिंचाई, मंडी परिषद, लघु सिंचाई, कृषि, जल निगम के अवर अभियंता व सहायक अभियंता से एस्टीमेट बनवाने व तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही कर सकेंगे।