गाजियाबाद अलीगढ़ एक्सप्रेसवे ने 100 घंटे में 100 लेन किलोमीटर से अधिक बिटुमिनस कंक्रीट बिछाकर रिकॉर्ड बनाया
गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे ने 100 घंटे के रिकॉर्ड समय में 100 लेन किलोमीटर की दूरी पर बिटुमिनस कंक्रीट (चिकनी व स्थायी सतह बनाने के लिए पेट्रोलियम बाई-प्रोडक्स और बजरी का मिश्रण) बिछाकर इतिहास रच दिया। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह उपलब्धि भारत के सड़क बुनियादी ढांचा उद्योग के समर्पण और प्रतिभा को उजागर करती है।
गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे ने 100 घंटे के रिकॉर्ड समय में 100 लेन किलोमीटर की दूरी पर बिटुमिनस कंक्रीट (चिकनी व स्थायी सतह बनाने के लिए पेट्रोलियम बाई-प्रोडक्स और बजरी का मिश्रण) बिछाकर इतिहास रच दिया। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह उपलब्धि भारत के सड़क बुनियादी ढांचा उद्योग के समर्पण और प्रतिभा को उजागर करती है।
118 किलोमीटर में फैला है गाजियाबाद-अलीगढ़ खंड : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि NH34 का गाजियाबाद-अलीगढ़ खंड जो 118 किलोमीटर में फैला है, गाजियाबाद और अलीगढ़ के घनी आबादी वाले क्षेत्रों के बीच परिवहन लिंक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना दादरी, गौतम बौद्ध नगर, सिकंदराबाद, बुलंदशहर और खुर्जा सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न कस्बों और शहरों से होकर गुजरती है।
उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग के रूप में कार्य करता है, माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाता है और औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि क्षेत्रों और शैक्षणिक संस्थानों को जोड़कर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में योगदान देता है। गडकरी ने कहा कि इस नए हरित प्रौद्योगिकी में 90 प्रतिशत मिल्ड सामग्री का उपयोग शामिल है, जो लगभग 20 लाख वर्ग मीटर सड़क की सतह के बराबर है।
उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप अन्य सामग्रियों की खपत घटकर मात्र 10 प्रतिशत रह गई है। गडकरी ने कहा कि इस तरीके से हमने ईंधन की खपत और संबंधित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को काफी कम कर दिया है। इससे हमारे कार्बन उपयोग को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है।