तत्काल टिकट के लिए अब अलग से एप शुरू : ट्रेनों में उपलब्ध सीटों का मिलेगा ब्योरा, आप घर बैठे ही तत्काल टिकट की बुकिंग करा सकेंगे
यह एप आप गूगल प्ले स्टोर से भी डाउनलोड कर सकते हैं। एप में टिकट बुकिंग के लिए एक मास्टर लिस्ट भी है। जिसमें यात्रा करने के लिए जरूरी जानकारी पहले से ही सेव करने की सुविधा दी गई है। इससे टिकट बुकिंग के लिए समय की बर्बादी नहीं होगी।
आईआरसीटीसी एप : ट्रेन यात्रियों के लिए राहत की खबर है। तत्काल टिकट के लिए अब अलग से एप शुरू किया गया है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर ही यह एप उपलब्ध कराया गया है। अगर अचानक से यात्रा करने की जरूरत पड़ती है तो इस एप के माध्यम से आप घर बैठे ही तत्काल टिकट की बुकिंग करा सकेंगे।
आईआरसीटीसीटी के प्रीमियम पार्टनर की तरफ से कन्फर्म टिकट नाम से इस एप को दर्शाया गया है। इस एप पर तत्काल कोटा के तहत मौजूद सीटों की जानकारी दी गई है। खास बात यह है कि अलग-अलग ट्रेन नंबर डालकर उपलब्ध सीट खोजने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी। एक साथ संबंधित रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनों में उपलब्ध तत्काल टिकट का ब्योरा यहां मिल जाएगा।
यह एप आप गूगल प्ले स्टोर से भी डाउनलोड कर सकते हैं। एप में टिकट बुकिंग के लिए एक मास्टर लिस्ट भी है। जिसमें यात्रा करने के लिए जरूरी जानकारी पहले से ही सेव करने की सुविधा दी गई है। इससे टिकट बुकिंग के लिए समय की बर्बादी नहीं होगी।
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सुबह 10 बजे जैसे ही तत्काल टिकट की बुकिंग शुरू होगी अपने सेव डाटा के माध्यम से टिकट की बुकिंग संभव होगी। इसके बाद ऑनलाइन पेमेंट करते ही टिकट की बुकिंग हो जाएगी। हालांकि, टकट वेटिंग भी हो सकता है और कन्फर्म भी। एप का नाम जरूर कन्फर्म टिकट रखा गया है, लेकिन तत्काल टिकट में भी बर्थ की उपलब्धता पर ही सीटें मिलेंगी। इस एप को आईआरसीटीसी नेक्सट जेनरेशन मोबाइल एप से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
गंतव्य तक समय से पहुंच रही हैं 95 फीसदी गाड़ियां : रेलगाड़ियों में ड्राइवर व गार्ड (क्रू-चेंजिंग) के बदलाव में लगने वाले समय को कम करने की नीति का असर दिखने लगा है। मिशन शीघ्र के तहत ना केवल लंबी दूरी की रेलगाड़ी बल्कि मालगाड़ी के अवागमन पर भी दिख रहा है। इसका फायदा यह हुआ है मालगाड़ी भी तेजी से अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच रही है। 95 फीसदी रेलगाड़ियां समय से अपने गंतव्य तक पहुंच रही हैं।
दिल्ली रेल मंडल ने मालगाड़ियों का दूसरा सर्वाधिक आदान-प्रदान (इंटरचेज) का रिकार्ड बनाया है। दिल्ली रेल मंडल ने 348 ट्रेनों का दूसरा सबसे बड़ा इंटरचेंज हासिल किया है। इसमें अंबाला मंडल के साथ 89 ट्रेनें, मुरादाबाद मंडल के साथ 49 ट्रेनें, कोटा के साथ 60 ट्रेनें, प्रयागराज के साथ 49 ट्रेनें, जयपुर के साथ 43 ट्रेनें, बीकानेर के साथ 30 ट्रेनें और आगरा के साथ 28 ट्रेन शामिल है।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि मालगाड़ियों की गति बढ़ाने के लिए ड्राइव शूरू किया गया है। यातायात निरीक्षक व लोको निरीक्षक के द्वारा निरंतर फुट प्लेट निरीक्षण मिशन शीघ्र के तहत क्रू चेंज 5 मिनट से कम समय में हासिल किया गया है। सभी रेल मंडल को क्रू-चेंजिंग लाइनों/प्वाइंटों के दोनों सिरों पर बैठने की व्यवस्था वाले पोर्टा केबिनों के निर्माण का निर्देश दिया गया है। इससे न्यूनतम संभावित समय में क्रू-चेंजिंग किया जा रहा है। क्रू-चेंजिंग के कारण होने वाले रेलगाड़ियों के विलंब को कम किया जा रहा है। इससे रेलगाड़ियों की समयपालनबद्धता को 95 प्रतिशत तक बनी हुई है। उन्होंने बताया कि खाद्यान्नों एवं अन्य मदों के लदान में प्रत्येक गुजरते माह के साथ वृद्धि हुई है।
गंगल ने बताया कि माल लदान में 15:73 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे आय में 23.51 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हुई है। रेलपथों पर संरक्षा, गतिसीमा में वृद्धि, मालभाड़ा के रवानगी पूर्व अवरोध और मालभाड़ा लदान पर बेहतर काम रेलवे कर्मी कर रहे है। रात्रिकालीन गश्त भी बढ़ाया गया है।
ग्रे लाइन पर मेट्रो के लिए इंतजार होगा कम : दिल्ली मेट्रो की ग्रे लाइन पर सफर करने वाले यात्रियों को मेट्रो का अधिक इंतजार नहीं करना होगा। पिछले साल ग्रे लाइन का विस्तार ढांसा बस स्टैंड तक तो कर दिया गया, लेकिन रिवर्सल (वापसी यात्रा के लिए दूसरी ट्रैक या प्लेटफॉर्म पर पहुंचाने) की सुविधा न होने की वजह से यात्रियों को नजफगढ़ मेट्रो स्टेशन पर 10 मिनट तक का इंतजार करना पड़ रहा है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(डीएमआरसी)के मुताबिक मेट्रो रिवर्सल के लिए सुविधा विकसित की जा रह है। इसके पूरा होने से यात्रियों को मेट्रो के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। निर्माण चल रहा है और दो-तीन महीने में ग्रे लाइन पर मेट्र्रो के लिए यात्रियों का इंतजार कम हो जाएगा।
ग्रे लाइन पर यात्रियों की संख्या दूसरी लाइनों की तुलना में काफी कम हैं। द्वारका से नजफगढ़ के बीच करीब 4.2 किलोमीटर जबकि इससे आगे द्वारका-ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन के बीच ग्रे लाइन पर 5.19 किलोमीटर का कॉरिडोर हैं। रिवर्सल की सुविधा फिलहाल न होने की वजह से मेट्रो के लिए यात्रियों को इंतजार करना पड़ रहा है। ढांसा बस स्टैंड पर मेट्रो को दोबारा उसी ट्रैक पर लाने में अधिक वक्त लगता है।
इसके असर के तौर पर यात्रियों को नजफगढ़ मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो के लिए करीब 10 मिनट का इंतजार करना पड़ता है। फिलहाल निर्माण कार्य चल रहा है, इसलिए मेट्रो की रफ्तार भी नजफगढ़ से आगे कम होती है। मेट्रो के लौटने के लिए इसलिए यात्रियों को इंतजार करना पड़ रहा है। फिलहाल ग्रे लाइन के लिए तीन मेट्रो ट्रेन हैं। मेट्रो के लिए अधिक इंतजार से बचने के लिए कुछ लोग अभी भी निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि गंतव्य तक पहुंचने के लिए अधिक इंतजार न करना पड़े।
द्वारका, नंगली, नजफगढ़, ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन के ग्रे लाइन पर मेट्रो की फ्रिक्वेंसी कम होने की वजह से यात्रियों को इंतजार करना पड़ रहा है। इससे द्वारका से आगे ब्लू लाइन तक पहुंचने में भी देरी होती है। इसका असर उनकी यात्रा पर पड़ता है और गंतव्य तक पहुंचने में अधिक वक्त लगता है।