पुरानी पेंशन बहाली से नही होगी वित्तीय संकट : पुरानी पेंशन बहाली के लिए शतप्रतिशत मतदान का निर्णय: परिषद
प्रदेश भर के कर्मचारियों की मांगों पर खुलकर बोलने वाला कमचारी समाज के बीच से होने पर भ्रांतियों का तत्काल निदान होगा। इसके लिए सदन में कर्मचारी प्रतिनिधित्व जरूरी है। जिसके लिए समाजवादी पार्टी को कर्मचारी संगठनों के प्रत्याशियों की अविलम्ब घोषणा करनी चाहिए। पुरानी पेंशन बहाली और आउट सोर्सिग के मुद्दे पर लगभग दस वर्षो से आन्दोलनरत राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेताओं ने आगामी चुनाव में कर्मचारी शिक्षक और उनके परिजनों के शतप्रतिशत मतदान की ब्लॉक स्तर तक कार्ययोजना तैयार की है।
लखनऊ । उत्तरप्रदेश मेें नई सरकार बनाने के लिए शीघ्र ही मतदान शुरू होने वाला है। पुरानी पेंशन बहाली के लिए किए जा रहे कुर्तकों का जबाब देने के लिए सपा प्रमुख को अपनी घोषणा सच साबित करने के लिए कर्मचारी प्रतिनिधि को टिकट की घोषणा करनी चाहिए।
मुख्य बातें
- पुरानी पेंशन बहाली पर टिकट देकर जबाब दें सपा प्रमुख: परिषद
- पुरानी पेंशन बहाली के लिए शतप्रतिशत मतदान का निर्णय: परिषद
- पुरानी पेंशन बहाली से नही होगी वित्तीय संकट
प्रदेश भर के कर्मचारियों की मांगों पर खुलकर बोलने वाला कमचारी समाज के बीच से होने पर भ्रांतियों का तत्काल निदान होगा। इसके लिए सदन में कर्मचारी प्रतिनिधित्व जरूरी है। जिसके लिए समाजवादी पार्टी को कर्मचारी संगठनों के प्रत्याशियों की अविलम्ब घोषणा करनी चाहिए। पुरानी पेंशन बहाली और आउट सोर्सिग के मुद्दे पर लगभग दस वर्षो से आन्दोलनरत राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेताओं ने आगामी चुनाव में कर्मचारी शिक्षक और उनके परिजनों के शतप्रतिशत मतदान की ब्लॉक स्तर तक कार्ययोजना तैयार की है। परिषद के घटक संघों, परिसंघों, एसोसिएशन के ब्लांक स्तर तक के पदाधिकारियों को योजना से अवगत कराते हुए उस दल के पक्ष में मतदान का संकल्प कराया गया है जो दल पुरानी पेंशन बहाली और आउटसोर्सिग शोषण का शिकार कार्मिको शोषण से मुकित दिलायेगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी और महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने आज पत्रकारों से बॉतचीत में स्पष्ट किया कि कोई भी सरकार आसानी से पुरानी पेंशन बिना किसी वित्तीय भार के कर सकती है। उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों श्री अखिलेश यादव पुरानी पेंशन बहाली के स्पष्ट रूप से घोषणा कर चुके है। उन्होंने कहाकि उनकी घोषणा के बाद कर्मचारियों और शिक्षकों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है। ऐसे में गुमराह करने वाले स्वंयभू नेताओं को जबाब देने के लिए पार्टी को कर्मचारी और शिक्षकों में विश्वास दिलाने के लिए एक दो कर्मचारी शिक्षक नेताओं को विधानसभा में ले जाने की अतिशीघ्र घोषणा कर कर्मचारी शिक्षकों के बीच दोमुंही राजनीति करने वालों को करारा जबाद देना चाहिए।
उक्त नेताओ ंने कहाकि प्रेस कान्फैंस कर सार्वजनिक रूप से पुरानी पेंशन बहाली और आउट सोर्सिग के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के मुखिया ने ऐतिहासिक ऐलान ही नही किया बल्कि स्पष्ट रूप से इसे घोषणा पत्र में शामिल करने का ऐलान किया है। इसके बावजूद अगर विरोध स्वरूप अनर्गल प्रलाप किये जा रहे है तो इसका जबाब देने के लिए समाजवादी पार्टी को तत्काल पुरानी पेंशन बहाली और आउट सोर्सिग के लिए काम कर रहे कर्मचारी शिक्षक संवर्ग के दो चार नेताओं को अपनी पार्टी से विधानसभा में ले जाने का ऐलान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया ने ऐसे ही पुरानी पेंशन का ऐलान नही किया, बल्कि इसके लिए दो से तीन माह का मंथन, आर्थिक विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त आलानौकरशाहों की राय ली गई है।
उन्होंने सामान्य उदाहरण देते हुए बताया कि कोई भी शासकीय सेवक अपने सेवाकाल में 300 से 360 महीने सेवारत रहता है। हर महिने पेंशनमद में उस कार्मिक और सरकार का एक निश्चित अंशदान जमा होता है। इतने माहो के बाद उस कर्मचारी के खाते में सामान्यतः इतनी राशि जमा हो जाती है कि उसके ब्याज से पेंशन का भुगतान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल इसका जीता जागता प्रमाण है। उन्होंने सवाल किया कि क्या पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन देने से पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है। उन्होंने बताया कि आगामी चुनाव में हमने व्यापक स्तर पर रणनीति तैयार कर ब्लॉक स्तर तक के कार्मिकों सोशल मीडिया गु्रपों में जोड़कर कैम्पेन चला रखी है। हमने अपने कर्मचारी शिक्षक वर्ग के घर घर तक घुसपैठ कर पुरानी पेंशन बहाली और आउट सोर्सिग के मुद्दे मतदान के लिए पेरित किया है। सोशल मीडिया के माध्यम से जिला स्तर पर पुरानी पेंशन बहाली और आउट सोर्सिग मुद्दे पर डिजीटल संगोष्ठी कराये जाने के निर्देश दिए गए है।
पल्लव शर्मा
सीनियर पत्रकार