पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की राजनीति में एंट्री : CM योगी के सामने चुनाव लड़ने का ऐलान किया

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जिस विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे, वहां से मैं भी चुनाव मैदान में उतरूंगा।

पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की राजनीति में एंट्री : CM योगी के सामने चुनाव लड़ने का ऐलान किया
अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस अफसर रहे हैं।

Lucknow : पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने शनिवार को सियासत में उतरने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जिस विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे, वहां से मैं भी चुनाव मैदान में उतरूंगा। पूर्व आईपीएस ने अपनी रणनीति का भी खुलासा किया। कहा, विधानसभा चुनाव में मैं जनता के बीच जाकर योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में हुई अराजकता और दमनकारी उत्पीड़न को बताऊंगा।

भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अमिताभ ठाकुर जबरिया रिटायर आईपीएस हैं। मीडिया की सुर्खियों में आने के लिए वह अनर्गल तरीके से चर्चा में बने रहना चाहते हैं। उन्होंने अपनी नौकरी के दौरान एक भी अच्छा काम नहीं किया। जनता भी उन्हें सबक सिखा देगी।

पूर्व आईपीएस बोले- यह सिद्धांतों की लड़ाई

अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस अफसर रहे हैं। बतौर ASP उनकी पहली पोस्टिंग गोरखपुर में हुई थी। उसके बाद उन्होंने बतौर SP पहली पोस्टिंग पिथौरागढ़ में मिली। इसके बाद वे उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी तैनात रहे। अमिताभ की पत्नी डॉक्टर नूतन ठाकुर सोशल एक्टिविस्ट हैं। 23 मार्च 2021 को गृह मंत्रालय के द्वारा अमिताभ ठाकुर को जबरन रिटायर कर दिया गया था।

मुलायम सिंह यादव के खिलाफ दर्ज कराया था केस : बात 10 जुलाई 2015 की है। IPS अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया था कि उन्हें मुलायम सिंह यादव ने फोन कर धमकाया और सुधर जाने की नसीहत दी। अमिताभ ने पूरी धमकी को रिकार्ड कर लिया था और सार्वजनिक कर दिया था। वायरल ऑडियो में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि पिछली बार से ज्यादा बुरी गत बनाऊंगा। सुधर जाओ। इस संबंध में तब अमिताभ ने 24 सितंबर 2015 को हजरतगंज कोतवाली में मुलायम के खिलाफ केस दर्ज कराया था।

बाद में मुलायम सिंह ने स्वीकार किया था कि उन्होंने ही अमिताभ को फोन किया था, लेकिन धमकाने की मंशा नहीं थी। इसी वाकये के बाद अमिताभ पर रेप का आरोप लगा और उन्हें निलंबित भी होना पड़ा था। इस तरह पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के कई किस्से हैं जो उन्हें चर्चा में लेकर आए। वे योगी सरकार में भी कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर मुखर होते रहे हैं।