सहारनपुर प्रशासन और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच हुआ समझौता, पुलिस की निगरानी में लखीमपुर जाएगा 25 नेताओं का डेलिगेशन

सहारनपुर प्रशासन ने सभी नेताओं को अपनी गाड़ियों से ही जाने की इजाजत दी है l हालांकि इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस की गाड़ियां भी इस डेलिगेशन को एस्कॉर्ड करेंगी l हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को यमुनानगर -सहारनपुर बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया था

सहारनपुर प्रशासन और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच हुआ समझौता, पुलिस की निगरानी में लखीमपुर जाएगा 25 नेताओं का डेलिगेशन
सहारनपुर प्रशासन और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच हुआ समझौता

दिन भर चले बवाल के बाद गुरुवार रात पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और साहरनपुर प्रशासन के बीच समझौता हो गया है l लखीमपुर खीरी में पीड़ित किसानों से मिलने जाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ निकले थे. हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को यमुनानगर -सहारनपुर बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने सहारनपुर के सरसावा पुलिस स्टेशन में कांग्रेस पार्टी के नेताओं और सिद्धू को हिरासत में रखा l देर शाम कांग्रेस पार्टी और सहारनपुर प्रशासन के बीच सुलह हुई और प्रशासन ने उन्हें लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दे दी.

25 नेताओं का डेलिगेशन जाएगा लखीमपुर खीरी : जानकारी के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू समेत पंजाब के कैबिनेट मंत्री, विधायक और नेताओं-सांसदों का कुल 25 नेताओं का डेलिगेशन लखीमपुर खीरी जा कर पीड़ित किसान परिवारों से मुलाकात करेगा. बताया जा रहा है कि ये डेलिगेशन आज यानी गुरुवार रात ही लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होगा.

सहारनपुर प्रशासन ने सभी नेताओं को अपनी गाड़ियों से ही जाने की इजाजत दी है. हालांकि इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस की गाड़ियां भी इस डेलिगेशन को एस्कॉर्ड करेंगी. सिद्धू से पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी भी पीड़ित किसानों से मिलने लखीमपुर खीरी पहुंची थीं.

हाई कोर्ट के पूर्व जज करेंगे लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच : लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस (रिटायर्ड) प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिन्हें दो महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है. लखीमपुर में रविवार को कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को एक गाड़ी ने रौंद दिया था. इस हादसे के कारण इलाके में हिंसा भड़क गई, जिसमें चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.