"निलंबित कर दीजिए, बांदा जेल मत भेजिये" : विभाग के तेजतर्रार दिग्गज वरिष्ठ अधीक्षकों ने घुटने टेके, शासन के प्रयासों के बाद भी बांदा जेल में तैनात नही हो पाया वरिष्ठ अधीक्षक

यह कथन प्रदेश के उन जेल अधिकारियों का है जिन्हें जेल मुख्यालय की संस्तुति पर शासन ने राष्ट्रपति पदक से अलंकृत कराया है। सच यह है शासन को बांदा जेल के लिए कोई अधीक्षक ढूंढे नही मिल रहा है। ऐसा तब है जब विभाग में दर्जनों की संख्या में तेज तर्रार अधीक्षक व वरिष्ठ अधीक्षक मौजूद है। हकीकत यह है कि बांदा जेल में तैनाती को लेकर विभाग के अलंकृत तेज तर्रार अधीक्षकों ने घुटने टेक दिए है।

"निलंबित कर दीजिए, बांदा जेल मत भेजिये" : विभाग के तेजतर्रार दिग्गज वरिष्ठ अधीक्षकों ने घुटने टेके, शासन के प्रयासों के बाद भी बांदा जेल में तैनात नही हो पाया वरिष्ठ अधीक्षक
बांदा जेल उत्तर प्रदेश

लखनऊ। " मुझे निलंबित कर दीजिए,  लेकिन बांदा मत भेजिये... यह कथन प्रदेश के उन जेल अधिकारियों का है जिन्हें जेल मुख्यालय की संस्तुति पर शासन ने राष्ट्रपति पदक से अलंकृत कराया है। सच यह है शासन को बांदा  जेल के लिए कोई अधीक्षक ढूंढे नही मिल रहा है। ऐसा तब है जब विभाग में दर्जनों की संख्या में तेज तर्रार अधीक्षक व वरिष्ठ अधीक्षक मौजूद है। हकीकत यह है कि बांदा जेल में तैनाती को लेकर विभाग के अलंकृत तेज तर्रार अधीक्षकों ने घुटने टेक दिए है। यही वजह है चुनाव के दौरान अति  संवेदनशील बाँदा जेल अधीक्षक विहीन है।

पंजाब की रोपड़ जेल से स्थानांतरित कराकर प्रदेश की बांदा मंडलीय कारागार में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को रखा गया। इसके बाद से यह जेल सुर्खियों में बनी हुई है। मंडलीय कारागार होने की वजह से इस जेल में वरिष्ठ अधीक्षक की तैनाती किये जाने का प्रावधान है। इस प्रावधान के बावजूद शासन ने बीते दिनों इस जेल पर उन्नाव जेल में तैनात अधीक्षक एके सिंह को तैनात किया।

सूत्रों का कहना है कि तैनाती होने के बावजूद अधिकांश समय अवकाश पर रहने की वजह से जेल की सुरक्षा हमीरपुर से बांदा ड्यूटी पर लगाये गए जेलर के हाथों में रही। अधीक्षक के गायब रहने की सूचना जिला प्रशासन ने शासन को देकर अधीक्षक तैनात किए जाने का आग्रह किया। इस पर आनन फानन में हरकत में शासन ने बरेली जेल में तैनात अधीक्षक को बांदा में तैनात कर दिया। नये तैनात अधीक्षक प्रभार संभालने के बजाए चिकित्सीय अवकाश पर चले गए। प्रभार नही संभालने की वजह से शासन ने अधीक्षक को प्रमोशन से वंचित करने के साथ निलंबित भी कर दिया।

सूत्रों का कहना है कि इसके बाद शासन में बैठे विभाग के मुखिया ने बांदा के लिए तेजतर्रार वरिष्ठ अधीक्षक की खोज शुरू की। इसमे लखनऊ में तैनात तेजतर्रार वरिष्ठ अधीक्षक के अलावा एटा से बरेली जिला जेल भेजे गए वरिष्ठ अधीक्षक के साथ झांसी में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक का नाम चयनित हुआ। एटा से हाल में बरेली स्थानांतरित हुए एवम बांदा जेल में रह चुके झांसी के वरिष्ठ अधीक्षक का नाम हटाते हुए लखनऊ जेल अधीक्षक को तैनात किए जाने का निर्णय लिया गया।

सूत्र बताते है कि चयन प्रक्रिया के बाद जेल मुख्यालय ने आनन-फानन में लखनऊ जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को बांदा जेल में तैनात किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया। शासन में इस प्रस्ताव पर निर्णय हो पाता इससे पहले ही राजधानी के वरिष्ठ अधीक्षक ने शासन में सेटिंग-गेटिंग कर प्रस्ताव को वापस करा दिया। बताया जा रहा कि शासन में यह कहा गया कि उन्हें निलंबित भले ही कर दिया जाए किन्तु बांदा नही भेजा जाए। जेल विभाग के दिग्गज वरिष्ठ अधीक्षकों के घुटना टेक देने की वजह से आज भी यह अतिसंवेदनशील जेल अधीक्षक विहीन है। उधर इस संबंध में जब अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे बात नही हो पाई। जेल मुख्यालय ने इसे शासन का मामला बताते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया।

सेटिंग-गेटिंग से तबादलो में होता जमकर खेल

लखनऊ। विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से तीन दिन पहले शासन ने करीब पांच माह पूर्व राजधानी की आदर्श कारागार से ललितपुर भेजे गए जेलर को बांदा जेल में तैनात कर दिया। करीब दस माह पूर्व डिप्टी जेलर पद पर प्रोन्नत हुए इस जेलर को पहले आदर्श कारागार भेजा गया। छह माह भी पूरे नही हो पाए कि उसको ललितपुर भेज दिया गया। ललितपुर में अभी छह माह भी नही हुए की उसको बांदा भेज दिया गया। वही आदर्श कारागार में तैनात डिप्टी जेलर  को प्रोन्नत के बाद बगैर किसी आदेश के ही लखनऊ में जेलर बना दिया गया। इस विभाग मे सेटिंग-गेटिंग से तबादलो में जमकर खेल होता है।


राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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