एसीएस (गन्ना) की तानाशाही से चीनी मिल संघ अफसरों में आक्रोश : चहेते जूनियर PCS अफसरों को बनाया कमाऊ चीनी मिलों का जीएम
संघ में प्रमोशन देने के बजाए PCS/ रिटायर अफसरों को दी नियुक्ति तथा मलाईदार पोस्टिंग l नियमों को ताक पर रखकर एसीएस गन्ना ने लाभ वाली बडी चीनी मिलों पर अपने चहेते पीसीएस अफसरों को तैनात कर दिया है। दिलचस्प बात यह है तैनात किए गए पीसीएस अफसर शासन के जूनियर अधिकारी 7600/ पे ग्रेड के है जब की चीनी मिल संघ में प्रधान प्रबंधक के स्तर का पे ग्रेड 8900/ के स्तर का है।
लखनऊ। चीनी मिल संघ की सेवा नियमावली भले ही कुछ कहती हो किन्तु संघ में अपर मुख्य सचिव (एसीएस) गन्ना की ही चलती है। नियमों को ताक पर रखकर एसीएस गन्ना ने लाभ वाली बडी चीनी मिलों पर अपने चहेते पीसीएस अफसरों को तैनात कर दिया है। दिलचस्प बात यह है तैनात किए गए पीसीएस अफसर शासन के जूनियर अधिकारी 7600/ पे ग्रेड के है जब की चीनी मिल संघ में प्रधान प्रबंधक के स्तर का पे ग्रेड 8900/ के स्तर का है।
निजी स्वार्थों की खातिर की गई इन अवैध नियुक्तियों को लेकर फेडरेशन के अधिकारियों में खासा आक्रोश ब्याप्त है। जानकारों की मानें तो एसीएस गन्ना फेडरेशन के अधिकारियों को प्रमोशन देने के बजाय अपने चहेते रिटायर / सजातीय PCS अधिकारियों को एडजस्ट करने में जुटे हुए है। जब की संघ में ACS गन्ना ने विगत पांच सालों से कोई भी विभागीय पदोन्नति नहीं की है तथा चीनी मिल संघ एवं चीनी मिलों में तैनात तकनीकी अधिकारी प्रभारी के रूप मे ही लंबे समय से सेवा देकर लगातार रिटायर हो रहे है। इसके विपरीत चीनी मिल संघ के बोर्ड ने भी प्रस्ताव पारित कर रखा है कि रिटायर होने के बाद तकनीकी अधिकारियों को छोड़कर किसी भी लिपिकीय/ प्रशासनिक अधिकारियों को नहीं रखा जाएगा। परंतु ACS गन्ना ने अपनी निजी स्वार्थो की पूर्ति करने हेतु सभी गैर तकनीकी अधिकारियों को संघ में तीन तीन माह की स्वीकृति देकर रख रहे हैं जिनमे रिटायर संयुक्त प्रबंध निदेशक आरपी सिंह, भ्रष्टाचार में लिप्त हर्ष वर्धन कौशिक, एलडब्लूओ से रिटायर पीके श्रीवास्तव प्रमुख है।
उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ बोर्ड का स्पष्ट प्रस्ताव (आदेश) है की गैर तकनीकी अधिकारियों व कर्मचारियो को सेवानिवृत्त के उपरांत किसी भी दशा में सेवा में नही रखा जाएगा। बोर्ड का यह प्रस्ताव एसीएस गन्ना संजय भुसरेड्डी के ठेंगे पर है। नियमों को दर किनार करके एसीएस गन्ना अपने चहेते पीसीएस अधिकारियों को चीनी मिलों में बतौर जीएम (प्रधान प्रबंधक) नियुक्त करने में जुटे हुए है। वर्तमान समय में चीनी मिल संघ की लाभ देने वाली बड़ी चीनी मिलों में एसीएस गन्ना ने अपने चहेते पीसीएस अधिकारियों को तैनाती दे रखी है।
सूत्रों का कहना है कि बिजनौर की नजीबाबाद में सुखबीर यादव, शाहजहांपुर की तिलहर में जंग बहादुर यादव, सहारनपुर की नानौता में ललित कुमार, लखीमपुर की संपूर्णानगर व बेलरायां में पीसीएस विनीता सिंह तथा राहुल यादव को जीएम बनाकर भेज रखा है। बहराइच की नानपारा में रिटायर उप गन्ना आयुक्त शेर बहादुर के अलावा बरेली की सेमीखेड़ा तथा बुलंदशहर की अनूपशहर में पीसीएस जीएम पोस्ट कर रखे हैं। इन मिलों के तकनीकी परिणाम भी उन जिलों की निजी चीनी मिलों से रिकवरी एक से डेढ़ प्रतिशत तक कम प्राप्त हो रही हैं वही दूसरी ओर चीनी मिल संघ की सेवा के प्रभारी प्रधान प्रबंधक में बागपत, सरसावा, गजरौला, मोरना, नानपारा आदि मिलों की रिकवरी निजी क्षेत्र की मिलों के लगभग बराबर प्राप्त हो रही है । इसके साथ बागपत की रमाला की नई टेक्नोलॉजी वाली मिल में दो साल से सजातीय उप गन्ना आयुक्त आरबी राम को जीएम बना रखा है। इस नई मिल में बीते दो साल में दो सौ करोड़ से अधिक का घाटा हो चुका है। जिसकी शिकायत भी बोर्ड के सदस्यों ने शासन में की, किन्तु उनकी जांच को भी एसीएस गन्ना ने दबा दिया। बताया गया है कि जिन चीनी मिलों में बीते तीन साल से पीसीएस अधिकारी तैनात है उन मिलो का कुल संचित घाटा बढ़ा है। इसकी जांच कराई जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उधर एसीएस गन्ना संजय भुसरेड्डी कहते है कि मैं आपका जबाबदेह नही हूँ मुझसे जब सरकार में पूछा जाएगा बता दूंगा।
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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