सीएम पुष्कर सिंह धामी का ऐलान : कल से शुरू होगी चार धाम यात्रा, भक्तों को कुंड में स्नान करने की इजाजत नहीं, हर जगह हो पर्याप्त मेडिकल व्यवस्था
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि 18 सितंबर से चारधाम यात्रा फिर से चालू कर दी जाएगी l उत्तराखंड हाई कोर्ट के रोक लगाने के बाद से ही चारधाम की यात्रा बंद कर दी गई थी l
उत्तराखंड में लंबे समय से बंद चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होने जा रही है l उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा है कि चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी. बता दें कि चारधाम की यात्रा में पड़ने वाले जिलों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और कोविड महामारी की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए उच्च न्यायालय ने 28 जून को चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी.
जिसके बाद गुरुवार को हुई अहम सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ चार धाम यात्रा की इजाजत दे दी थी l मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने बद्रीनाथ धाम में 1200 भक्त या यात्रियों, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों के जाने की अनुमति दी है l इसके अलावा कोर्ट ने हर भक्त को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और दो वैक्सीन का सर्टिफिकेट ले जाने को भी कहा है.
चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू
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भक्तों को कुंड में स्नान करने की इजाजत नहीं : इसके अलावा हाईकोर्ट ने अपने आदेश में चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा है l इसके अलावा भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे.
हर जगह हो पर्याप्त मेडिकल व्यवस्था : हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि चारों धामों में मेडिकल की पूरी सुविधा होनी चाहिए l मेडिकल स्टाफ, नर्सें, डॉक्टर, ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए l यात्रा के दौरान सरकार मेडिकल हेल्पलाइन जारी करे l जिससे कि अस्वस्थ लोगों को स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं का आसानी से पता चल सके. बदरीनाथ में पांच, केदारनाथ में तीन चेक पोस्ट बनाने के निर्देश दिए गए l भविष्य में अगर कोविड के केस बढ़ते हैं तो सरकार यात्रा को स्थगित कर सकती है.
वहीं कोर्ट ने एंटी स्पीटिंग एक्ट को चारों धामों में प्रभावी रूप से लागू करने को कहा है l तीनों जिलों के विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिए हैं कि वो यात्रा की निगरानी करें और उसकी रिपोर्ट हर हफ्ते कोर्ट में जमा कराएं.