“संस्कृत भाषा“ मनुष्य के सर्वाधिक संपूर्ण विकास की कुंजी ही नहीं, अपितु मानवता की आधारशिला है
’संस्कृत’ शब्द का अर्थ है — संस्कार की हुई भाषा। यह शब्द ’सम’ पूर्वक ’कृ’ धातु से बना हुआ है। संस्कृत और वैदिक भाषा एक दूसरे से पर्याप्त भिन्नता रखती हैं। संस्कृत सिर्फ भाषा नहीं अपितु संस्कृति, विज्ञान, तार्किक क्षमता और अन्य भाषाओं की प्राण भी है l
’संस्कृत’ शब्द का अर्थ है — संस्कार की हुई भाषा। यह शब्द ’सम’ पूर्वक ’कृ’ धातु से बना हुआ है। संस्कृत और वैदिक भाषा एक दूसरे से पर्याप्त भिन्नता रखती हैं। संस्कृत सिर्फ भाषा नहीं अपितु संस्कृति, विज्ञान, तार्किक क्षमता और अन्य भाषाओं की प्राण भी है l संस्कृत भाषा संसार की समस्त परिष्कृत भाषाओं में प्राचीनतम है। निश्चय ही यह संसार भर का समस्त भाषाओं में वैदिक तथा अन्य महान साहित्य के कारण श्रेष्ठ है। इसको धार्मिक दृष्टि से ’देववाणी’ या ’सुर-भारती’ भी कहा जाता है।
संस्कृत भाषा के महत्व पर शंका करना अपने अस्तित्व पर शंका करने के बराबर है, क्योंकि जब तक मानव है, संस्कृत का महत्व तब तक असीम है। यह केवल वर्तमान भारत भूभाग की ही आधारशिला नहीं, अपितु मानवता की आधारशिला है। देवताओं का आह्वान करने के लिये मन्त्र आदि का निर्माण इसी भाषा में हुआ है। उन मन्त्रों में अपार शक्ति है।
जो भी संस्कृत का विरोध करता है उसे पहले इसे पढ़ना चाहिए l संस्कृत का विरोध करने वाले पढे……. कि संस्कृत भारत की नीव है l अर्थात् संसार की प्रथम भाषा संस्कृत भाषा है। संस्कृत भाषा अन्य भाषाओं की तरह केवल अभिव्यक्ति का साधन मात्र ही नहीं है, अपितु वह मनुष्य के सर्वाधिक संपूर्ण विकास की कुंजी भी है। इस रहस्य को जानने वाले मनीषियों ने प्राचीन काल से ही संस्कृत को देव भाषा और अमृतवाणी के नाम से परिभाषित किया है।
विभिन्न संस्थाओं के संस्कृत ध्येय वाक्य :--
भारत सरकार --
" सत्यमेव जयते "
लोक सभा --
" धर्मचक्र प्रवर्तनाय "
उच्चतम न्यायालय --
" यतो धर्मस्ततो जयः "
आल इंडिया रेडियो --
" सर्वजन हिताय सर्वजनसुखाय "
दूरदर्शन --
" सत्यं शिवम् सुन्दरम "
गोवा राज्य --
" सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्। "
भारतीय जीवन बीमा निगम --
" योगक्षेमं वहाम्यहम् "
डाक तार विभाग --
" अहर्निशं सेवामहे "
श्रम मंत्रालय --
" श्रम एव जयते "
भारतीय सांख्यिकी संस्थान --
" भिन्नेष्वेकस्य दर्शनम् "
थल सेना --
" सेवा अस्माकं धर्मः "
वायु सेना --
" नभःस्पृशं दीप्तम् "
जल सेना --
" शं नो वरुणः "
मुंबई पुलिस --
" सद्रक्षणाय खलनिग्रहणाय "
हिंदी अकादमी --
" अहम् राष्ट्री संगमनी वसूनाम "
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञानं अकादमी --
" हव्याभिर्भगः सवितुर्वरेण्यं "
भारतीय प्रशासनिक सेवा अकादमी --
" योगः कर्मसु कौशलं "
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग --
" ज्ञान-विज्ञानं विमुक्तये "
नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन---
" गुरुः गुरुतामो धामः "
गुरुकुल काङ्गडी विश्वविद्यालय --
" ब्रह्मचर्येण तपसा देवा मृत्युमपाघ्नत "
इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय --
" ज्योतिर्व्रणीततमसो विजानन "
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय --
" विद्ययाऽमृतमश्नुते "
आन्ध्र विश्वविद्यालय --
" तेजस्विनावधीतमस्तु "
बंगाल अभियांत्रिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, शिवपुर --
" उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान् निबोधत "
गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय --
" आनो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः "
संपूणानंद संस्कृत विश्वविद्यालय --
" श्रुतं मे गोपय "
श्री वैंकटेश्वर विश्वविद्यालय --
" ज्ञानं सम्यग् वेक्षणम् "
कालीकट विश्वविद्यालय --
" निर्मय कर्मणा श्री "
दिल्ली विश्वविद्यालय --
" निष्ठा धृति: सत्यम् "
केरल विश्वविद्यालय --
" कर्मणि व्यज्यते प्रज्ञा "
राजस्थान विश्वविद्यालय --
" धर्मो विश्वस्यजगतः प्रतिष्ठा "
पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय --
" युक्तिहीने विचारे तु धर्महानि: प्रजायते "
वनस्थली विद्यापीठ --
" सा विद्या या विमुक्तये। "
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् --
" विद्ययाऽमृतमश्नुते "
केन्द्रीय विद्यालय --
" तत् त्वं पूषन् अपावृणु "
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड --
" असतो मा सद् गमय "
प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, त्रिवेन्द्रम --
" कर्मज्यायो हि अकर्मण: "
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर --
" धियो योनः प्रचोदयात् "
गोविंद बल्लभ पंत अभियांत्रिकी महाविद्यालय, पौड़ी --
" तमसो मा ज्योतिर्गमय "
मदनमोहन मालवीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय गोरखपुर --
" योगः कर्मसु कौशलम् "
भारतीय प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय, हैदराबाद --
" संगच्छध्वं संवदध्वम् "
इंडिया विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय विधि विद्यालय --
" धर्मो रक्षति रक्षितः "
संत स्टीफन महाविद्यालय, दिल्ली --
" सत्यमेव विजयते नानृतम् "
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान --
" शरीरमाद्यं खलुधर्मसाधनम् "
विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर --
" योग: कर्मसु कौशलम् "
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,इलाहाबाद --
" सिद्धिर्भवति कर्मजा "
बिरला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी --
" ज्ञानं परमं बलम् "
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर --
" योगः कर्मसुकौशलम् "
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई --
" ज्ञानं परमं ध्येयम् "
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर --
" तमसो मा ज्योतिर्गमय "
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई --
" सिद्धिर्भवति कर्मजा "
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की --
" श्रमं विना नकिमपि साध्यम् "
भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद --
" विद्या विनियोगाद्विकास: "
भारतीय प्रबंधन संस्थान बंगलौर --
" तेजस्वि नावधीतमस्तु "
भारतीय प्रबंधन संस्थान कोझीकोड --
" योगः कर्मसु कौशलम् "
सेना ई एम ई कोर --
" कर्मह हि धर्मह "
सेना राजपूताना राजफल --
" वीर भोग्या वसुन्धरा "
सेना मेडिकल कोर --
" सर्वे संतु निरामया .. "
सेना शिक्षा कोर --
" विदैव बलम "
सेना एयर डिफेन्स --
" आकाशेय शत्रुन जहि "
सेना ग्रेनेडियर रेजिमेन्ट. --
" सर्वदा शक्तिशालिं "
सेना राजपूत बटालियन --
" सर्वत्र विजये "
सेना डोगरा रेजिमेन्ट --
" कर्तव्यम अन्वात्मा "
सेना गढवाल रायफल --
" युद्धया कृत निश्चया "
सेना कुमायू रेजिमेन्ट --
" पराक्रमो विजयते "
सेना महार रेजिमेन्ट --
" यश सिद्धि "
सेना जम्मू काश्मीर रायफल --
" प्रस्थ रणवीरता "
सेना कश्मीर लाइट इंफैन्ट्री --
" बलिदानं वीर लक्षयं "
सेना इंजीनियर रेजिमेन्ट --
" सर्वत्र भारतीय तट रक्षक-वयम् रक्षामः "
सैन्य विद्यालय --
" युद्धं प्राप्यय "
सैन्य अनुसंधान केंद्र --
" बालस्य मूलं विज्ञानम "
विदेश में भी हमारे देखो :--
नेपाल सरकार --
" जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी "
इंडोनेशिया-जलसेना --
" जलेष्वेव जयामहेअसेह "
राज्य (इंडोनेशिया) --
" पञ्चचित "
कोलंबो विश्वविद्यालय (श्रीलंका ) --
"बुद्धि: सर्वत्र भ्राजते "
मोराटुवा विश्वविद्यालय (श्रीलंका) --
" विद्यैव सर्वधनम् "
पेरादेनिया विश्वविद्यालय --
" सर्वस्य लोचनं शास्त्रम्"
संस्कृत और संस्कृति ही भारतीयता का मूल है , और संस्कृत हमारी पहचान है . हमें अपने गौरव का अभिमान है।" हमारे देश की प्राय: सभी आधनिुक भाषाएँ संस्कृत से जडु़ी हैं। हिन्दी, मराठी, गजराती, बगला, ओड़िआ, असमिया, पंजाबी, सिन्धी आदि भाषाएँ भी इससे विकसित हुई हैं।