लखनऊ के पीजीआई स्थित माती नाले में मिला महिला सिपाही का शव, सात दिन से थी लापता, हत्या के आरोप में तहसीलदार सहित दो गिरफ्तार
रविवार को सिपाही के भाई ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंच कर गुरुवार को नाले से मिले शव की पहचान बहन के तौर पर की है। आरोप है कि प्रतापगढ़ के रानीगंज में तैनात तहसीलदार ने हत्या की साजिश रची थी। फिलहाल पुलिस ने तहसीलदार सहित दो को गिरफ्तार कर लिया है जिससे पूछताछ की जा रही है।
राजधानी लखनऊ के पीजीआई स्थित माती नाले में गुरुवार को मिला शव लापता महिला सिपाही रुचि सिंह का था। शनिवार को सुशांत गोल्फ सिटी थाने में रुचि के गुम होने की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय में तैनात अनुभाग अधिकारी एमपी सिंह ने दर्ज कराई थी।
रविवार को सिपाही के भाई ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंच कर गुरुवार को नाले से मिले शव की पहचान बहन के तौर पर की है। आरोप है कि प्रतापगढ़ के रानीगंज में तैनात तहसीलदार ने हत्या की साजिश रची थी। फिलहाल पुलिस ने तहसीलदार सहित दो को गिरफ्तार कर लिया है जिससे पूछताछ की जा रही है।
बिजनौर निवासी रुचि सिंह की तैनाती पुलिस मुख्यालय में थी। 13 फरवरी को उसकी ड्यूटी थी। काम पर नहीं आने पर रुचि को उसके साथी तलाश रहे थे। उसकी सहेली ने सोशल मीडिया में पोस्ट डाल कर मदद मांगी थी। वहीं, रुचि का मोबाइल फोन भी लगातार बंद था। सिपाही के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने के बाद शनिवार को गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। वहीं, गुरुवार को माती स्थित नाले में एक महिला का शव मिला था। जिसका हुलिया लापता सिपाही से मेल खा रहा था।
एसीपी कैंट अर्चना सिंह के मुताबिक शव की पहचान के लिए सिपाही के भाई शुभम और पिता योगेंद्र को सूचना दी गई थी। रविवार को शुभम लखनऊ पहुंचा था। जिसके बाद पुलिस उसे लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंची थी। जहां शुभम ने शव की पहचान बहन रुचि के तौर पर की है।
तहसीलदार से थे संबंध, शादी का बना रही थी दबाव : लापता सिपाही के मोबाइल की डिटेल खंगालने पर पुलिस को एक संदिग्ध नम्बर मिला था। जो प्रतापगढ़ के रानीगंज में तैनात तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव का था। इस सूचना पर तहसीलदार को हिरासत में लिया गया। पूछताछ किए जाने पर पद्मेश ने बताया कि फेसबुक के जरिए रुचि से उसकी दोस्ती हुई थी। दोनों के बीच गहरे संबंध थे। रुचि पहले से ही विवाहित थी। फिर वह लगातार तहसीलदार पर शादी करने का दबाव बना रही थी। इंस्पेक्टर पीजीआई धर्मपाल सिंह के मुताबिक पद्मेश श्रीवास्तव से हत्या किस तरह और कब की गई। शव को कैसे ठिकाने लगाया। इन सवालों के जवाब मिलना बाकी है। उनसे पूछताछ की जा रही है।