फिरोजाबाद में डेंगू का कहर : 50 रुपये में बिकने वाले बकरी के दूध में भयंकर तेजी, 30 गुना बढ़े दाम, बिक रहा 1500 रुपए लीटर

50 रुपये प्रति लीटर बिकने वाला बकरी के दूध के दाम में भयंकर तेजी देखी गई है l लेकिन पिछले एक महीने में, डेंगू के प्रकोप के बाद फिरोजाबाद में कीमतें 30 गुना बढ़कर 1,500 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं l

फिरोजाबाद में डेंगू का कहर : 50 रुपये में बिकने वाले बकरी के दूध में भयंकर तेजी, 30 गुना बढ़े दाम, बिक रहा 1500 रुपए लीटर
50 रुपये प्रति लीटर बिकने वाला बकरी के दूध के दाम में भयंकर तेजी, बिक रहा 1500 रुपए लीटर

फिरोजाबाद में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. डेंगू की बीमारी में लगातार मरीज के प्लेटलेट्स गिरते रहते हैं l इसी बीच एक हैरान कर देने वाली खबर आई है, 50 रुपये प्रति लीटर बिकने वाला बकरी के दूध के दाम में भयंकर तेजी देखी गई है l  लेकिन पिछले एक महीने में, डेंगू के प्रकोप के बाद फिरोजाबाद में कीमतें 30 गुना बढ़कर 1,500 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं l इस तेजी से बढ़ती कीमत का कारण एक भ्रांति है कि बकरी का दूध प्लेटलेट काउंट को बढ़ाता है.

सदर बाजार के एक चाय विक्रेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया “पिछले महीने डेंगू का प्रकोप शुरू होने के बाद से लोग बकरी के दूध के लिए मुझसे संपर्क कर रहे हैं l मैं इसे 50 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचता था l मांग में वृद्धि के साथ, कीमत 1,500 रुपये हो गई है.” उसने आगे कहा, “कीमतें बहुत अधिक हैं क्योंकि इस क्षेत्र में बकरी के दूध का व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन नहीं किया जाता है l मुझे एक डेयरी सप्लायर से बकरी का दूध मिलता है.”

आसानी से नहीं मिल रहा बकरी का दूध : खरीदारों ने कहा कि उन्हें स्थानीय चिकित्सकों द्वारा बताया गया है कि बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद कर सकता है l फिरोजाबाद के आदर्श नगर निवासी अरविंद शर्मा ने कहा, “एक आयुर्वेदिक चिकित्सक ने मुझे बताया कि बकरी का दूध डेंगू से लड़ने में मदद कर सकता है l जब मैंने अपने दूधवाले से पूछा, तो मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि इसकी कीमत 1,500 रुपये प्रति लीटर है l यह सिर्फ 50 रुपए हुआ करता था. यहां तक ​​​​कि अगर हम पैसे खर्च करते हैं, तो यह मांग के कारण आसानी से नहीं मिल पाता है.”

नरखी ब्लॉक के एक किसान राजेश प्रताप सिंह ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आमतौर पर मांग सीमित होती है. उन्होंने कहा, “आम तौर पर, बकरी का दूध मांग से बाहर है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इसे कम मात्रा में खरीदते हैं और कुछ नियमित ग्राहकों को बेचते हैं l फिरोजाबाद में डेंगू फैलने के बाद बकरी के दूध की मांग काफी बढ़ गई है l शहरों के दुग्ध आपूर्तिकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों से बकरी का दूध कम दामों पर खरीदकर मरीजों को ऊंचे मार्जिन पर बेच रहे हैं. पेशेवर रूप से पशुपालन में लगे लोग भी स्थिति का फायदा उठा रहे हैं.”

झोलाछाप डॉक्टर फैला रहे अफवाह : हालांकि, मांग में इस उछाल का आधार निराधार है l अतिरिक्त निदेशक (स्वास्थ्य) एके सिंह ने कहा, “गाय और बकरी का दूध लगभग समान रूप से पौष्टिक होता है l बकरी के दूध से प्लेटलेट्स बढ़ते हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है l इस तरह की भ्रांतियां झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा फैलाई जाती हैं. डेंगू जैसे लक्षणों वाले लोगों को योग्य डॉक्टरों से परामर्श लेना चाहिए और दवाओं के निर्धारित पाठ्यक्रम का पालन करना चाहिए l "साथ ही नारियल पानी, कीवी और पपीते के पत्ते भी नीम हकीम बता रहे हैं.