माज हत्याकांड के गवाह की संदिग्ध हालात में मौत : लखनऊ के इंदिरानगर में पड़ा मिला था शव, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका; पुलिस बोली- नशे का आदी था

माज की घर में टीवी देखते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के वक्त मौजूद नदीम, अबीद व फैजान ने पड़ोसियों की मदद से माज को ट्रॉमा सेंटर ले गए थे। जहां उसकी मौत हो गई थी। इस हत्याकांड के पीछे गाजीपुर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय राय का नाम सामने आया था।

माज हत्याकांड के गवाह की संदिग्ध हालात में मौत : लखनऊ के इंदिरानगर में पड़ा मिला था शव, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका; पुलिस बोली- नशे का आदी था
साल 2013 में लखनऊ में माज अहमद की हत्या हुई थी। इस हत्या के प्रकरण में अदीब अहमद गवाह था।- फाइल फोटो

सात साल पहले लखनऊ में हुए चर्चित माज हत्याकांड के गवाह अदीब अहमद (28) की सोमवार की शाम संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसका शव इंदिरानगर थाना क्षेत्र स्थित मयूर विहार में पड़ा मिला। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। हालांकि अभी किसी का नाम नहीं लिया है। न ही पुलिस को तहरीर दी गई है। पुलिस मौत की वजह के पीछे अधिक नशे की ओवरडोज की आशंका जताई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इंदिरानगर थाने के इंस्पेक्टर रामफल प्रजापति ने बताया कि सोमवार शाम को मयूर विहार में फरीदीनगर निवासी अदीब (28) का शव पड़ा मिला था। जिसकी देर रात उसके परिजनों ने शिनाख्त की। अदीब नशे का आदी था। उसके शरीर पर भी कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं। मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चल सकेगा। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मृतक माज हत्याकांड का था मुख्य गवाह : अदीब अहमद के भाई माज अहमद (14 साल) की 29 मई 2013 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। माज की बुआ हुस्न बानो ने इंदिरानगर थाने में अज्ञात बाइक सवारों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज करवाई थी। माज की घर में टीवी देखते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के वक्त मौजूद नदीम, अबीद व फैजान ने पड़ोसियों की मदद से माज को ट्रॉमा सेंटर ले गए थे। जहां उसकी मौत हो गई थी। इस हत्याकांड के पीछे गाजीपुर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय राय का नाम सामने आया था।

इस मामले में 26 फरवरी 2020 को आरोपी गाजीपुर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय राय रामबाबू उर्फ छोटू, अजीत राय उर्फ सिन्टू, संदीप राय, राकेश कुमार सोनी को उम्रकैद की सजा हुई थी। इस हत्याकांड में अदीब गवाह था। हत्या के पीछे परिवार की एक महिला दरोगा की संजय राज से करीबी थी।

त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग में रची गई थी हत्या की साजिश : गाजीपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय राय ने माज की जगह उसके चचेरे भाई की हत्या की साजिश त्रिकोणीय प्रेम संबंध के चलते रची थी। जिसका शिकार माज बन गया था। संजय माज की एक महिला रिश्तेदार से प्रेम करने लगा था और गाजीपुर थाने का प्रभारी रहते हुए उसे मृतक आश्रित कोटे पर पुलिस विभाग में नौकरी दिलवाने में मदद की थी। युवती का इंस्पेक्टर पद पर ट्रेनिंग के दौरान अकमल नाम के युवक से नजदीकियां संजय को बर्दाश्त नहीं हुई। जिसके चलते उसने हत्या की योजना बनाकर हत्याकांड को सुपारी किलर से अंजाम दिलवा दिया।