शासन नहीं करता आबकारी विभाग के बड़े अफसरों कोई कार्यवाही : एसीएस आबकारी के कार्यकाल में जहरीली शराब से हो चुकी सैकड़ो मौत, निर्दोषों को फसाने व दोषियों को बचाने में एसीएस को हासिल महारत

मामला अनुशासन से जुड़ा होने की वजह से अधिकारी लंबे समय से निलंबित होने के बाद भी चुप्पी साधे हुए है। हकीकत यह है कि ईमानदारी का लबादा ओढ़े हुए इस अधिकारी के खिलाफ शासन भी मौन धारण किये हुए हैं। अलीगढ़ में हुए विभत्स हादसे के बाद भी शासन ने आजतक उच्च अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की है। भ्रष्ट अफसरों को शासन का संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि उन पर कोई कार्यवाही नही हो रही है।

शासन नहीं करता आबकारी विभाग के बड़े अफसरों कोई कार्यवाही : एसीएस आबकारी के कार्यकाल में जहरीली शराब से हो चुकी सैकड़ो मौत, निर्दोषों को फसाने व दोषियों को बचाने में एसीएस को हासिल महारत
शासन नहीं करता आबकारी विभाग के बड़े अफसरों कोई कार्यवाही

लखनऊ। अपर मुख्य सचिव आबकारी के बीते चार साल के कार्यकाल में जहरीली शराब पीने से सैकड़ो लोगों की मौत हो चुकी है। घटनाएं होने के बाद एक वर्ग विशेष के अधिकारियों को बचाने में एसीएस आबकारी को महारत हासिल है। इससे विभागीय अधिकारियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। मामला अनुशासन से जुड़ा होने की वजह से अधिकारी लंबे समय से निलंबित होने के बाद भी चुप्पी साधे हुए है। हकीकत यह है कि ईमानदारी का लबादा ओढ़े हुए इस अधिकारी के खिलाफ शासन भी मौन धारण किये हुए हैं। अलीगढ़ में हुए विभत्स हादसे के बाद भी शासन ने आजतक उच्च अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की है। भ्रष्ट अफसरों को शासन का संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि उन पर कोई कार्यवाही नही हो रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के पास आबकारी विभाग के साथ गन्ना और गन्ना आयुक्त का प्रभार है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद वर्ष-2019 से आबकारी विभाग की जिम्मेदारी संजय भूसरेड्डी के पास है। श्री भूसरेड्डी के कार्यकाल में पहलीन घटना 5 फ़रवरी 2019 को कुशीनगर में जहरीली शराब पीने से आठ व्यक्तियों की मौत हो गयी। इसी प्रकार 8 फरवरी 2019 को सहारनपुर में 70, नौ मार्च 2019 को कानपुर नगर में छह, मई 2019 में बाराबंकी में 37 लोगों की मौत हुई। प्रतापगढ़ में एक घटना में तीन दूसरी में दो, चित्रकूट में चार, लखीमपुर में दो, मेरठ में एक बार मे तीन, दूसरी बार में चार, बागपत में आठ, हापुड़ में  14, लखनऊ में चार व्यक्तियों की जहरीली शराब के सेवन से मौत हुई। 

आबकारी से मिले आकड़ो के अनुसार वर्ष-2020-21 दिसंबर में प्रयागराज में 16, जनवरी में बुलन्दशहर में छह, हाथरस में 15, फरवरी में प्रतापगढ़ में चार, जून में अम्बेडकरनगर में 11, आजमगढ़ में छह, कानपुर नगर में दो, जालौन में तीन, मिर्जापुर में तीन, फतेहपुर में तीन, सीतापुर में पांच, हमीरपुर में दो,महोबा में दो के बाद जून 2021 में अलीगढ़ में बड़ा हादसा हुआ। इसमे सवा सौ से ज्यादा लोगो की मौत हुई। इसके बाद अगस्त में आगरा में 14 लोग मरे थे। एसीएस आबकारी के कार्यकाल में अब तक पांच सौ के करीब लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है। उधर इस संबंध में जब एसीएस आबकारी संजय भुसरेड्डी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क ही नही हो सका।

मुहं देखकर होती दोषियों पर कार्यवाही

लखनऊ। मेरठ में जहरीली शराब से मरने की दो घटनाएं हुई। एक घटना में तीन व दूसरी घटना में चार लोगों की मौत हुई। इन घटनाओं के बाद भी डीओ के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई। विभागीय जानकारों की मानें तो इस विभाग में मुंह देखकर कार्यवाही होती है। यही वजह है मेरठ के अलावा लखीमपुरखीरी, हापुड़, प्रयागराज, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, आगरा, जालौन, मिर्जापुर और फतेहपुर में भी घटनाओं के बाद दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। विभागीय अफसरों का आरोप है कि इसमें एक वर्ग विशेष लोगो को बचाया जा रहा है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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