श्रीकृष्ण जन्मोत्सव : आज रात करें बाल गोपाल का अभिषेक; भगवान श्रीकृष्ण को पीले चमकीले वस्त्र पहनाने चाहिए, जानिए कृष्ण पूजा की विधि
भगवान श्रीकृष्ण को पीले चमकीले वस्त्र पहनाने चाहिए। साथ ही उनका ऐसी ही सुंदर सा आसन होना चाहिए।श्रीकृष्ण की पूजा में रखें बांसुरी, गाय की मूर्ति, तुलसी सहित सात चीजें, इनके बिना अधूरी रहती है पूजा
आज जन्माष्टमी है और रात में बाल गोपाल का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस बार स्मार्त और वैष्णव दोनों संप्रदाय के लोग 30 अगस्त को ही जन्माष्टमी मना रहे हैं। जन्माष्टमी पर सुबह 6.20 बजे के बाद रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। वृष राशि का चंद्रमा भी रहेगा। इस राशि में चंद्र उच्च का रहता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। ये सभी योग पूजा-पाठ के साथ ही किसी बड़े काम की शुरुआत के लिए बहुत अच्छे माने गए हैं। इस दिन श्रीकृष्ण के भक्त व्रत-उपवास करते हैं। दिनभर निराहार रहते हैं। कुछ लोग इस दिन सिर्फ फलाहार करते हैं और पूरे दिन कृष्ण भक्ति में रमे रहते हैं।
इस बार श्रीकृष्ण का 5248वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। द्वापर युग में जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था तब भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, बुधवार था। साथ ही उस दिन चंद्र वृष राशि में स्थित था। ये संयोग इस साल भी बन रहे हैं, बस इस बार वार सोमवार है। श्रीकृष्ण पूजा में कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप तुलसी की माला की मदद से करेंगे तो बहुत ही अच्छा रहेगा।
जन्माष्टमी पर प्राचीन कृष्ण मंदिर में दर्शन करने का भी विशेष महत्व है। कृष्ण भक्त खासतौर पर मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गिरिराज की यात्रा करते हैं। यमुना जी में स्नान करते हैं। अपने घर पर भी बाल गोपाल की विशेष पूजा करनी चाहिए।
बाल गोपाल के इन मंत्रों का कर सकते हैं जाप
- हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।।
- कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:।।
- ऊँ नमः भगवते वासुदेवाय कृष्णाय क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।
- ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।
- ऊँ श्री कृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय नमः।
- ऊँ श्री कृष्णाय नमः।
- ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:।
- गोकुल नाथाय नमः।
- कृं कृष्णाय नमः।
- जय श्रीकृष्ण
- राधाकृष्ण, राधे-राधे इन नामों का भी जाप कर सकते हैं।
सुखी जीवन के लिए श्रीकृष्ण की सीख
भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध से ठीक पहले अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। ये ज्ञान आज भी हमारे काम आ सकता है। श्रीकृष्ण ने कहा था, 'हमें सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए। फल की इच्छा न करें। कभी भी अधर्म न करें। हमेशा धर्म के अनुसार अपने कर्म करते रहेंगे तो जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। धर्म के मार्ग पर चलने वाले लोगों को ही भगवान की विशेष कृपा मिलती है।'