नोएडा में एसई रहते हुए गलत तरीके से 83 लाख रुपए के बकाए पर दिया था कनेक्शन, फर्जी कनेक्शन पर डायरेक्टर को हटाया गया
ग्रेटर नोएडा में बिल्डर को गलत तरीके से अस्थायी और स्थायी कनेक्शन दिया था। राकेश कुमार पर आरोप थे कि नोएडा में अधीक्षण अभियंता पर तैनाती के दौरान उन्होंने बिल्डर को गलत तरीके से कनेक्शन दिया। उसके बाद इसकी जांच कराई गई। इसमें इनके साथ अन्य लोग दोषी करार दिए गए है। प्रथम दृष्ट्या आरोप सही पाए गए हैं।
Lucknow : बकाए के बाद भी नया कनेक्शन देने पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के डायरेक्टर तकनीकी को उनके पद से हटा दिया गया है। आरोप है कि साल 2017 में ग्रेटर नोएडा में एसई रहते हुए उन्होंने 83 लाख रुपए के बकाए पर कनेक्शन दिया था। उनके साथ तीन अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होने वाली है।
पश्चिमाचल विद्युत वितरण निगम में डायरेक्टर तकनीकी के पद पर तैनात राकेश कुमार को पद से हटाने का आदेश अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी किया गया है। अब राकेश अगले आदेश तक पश्चिमाचल मुख्यालय में अटैच रहेंगे। फिलहाल डायरेक्टर तकनीकी का चार्ज पश्चिमाचल एमडी के पास रहेगा।
ग्रेटर नोएडा में बिल्डर को गलत तरीके से अस्थायी और स्थायी कनेक्शन दिया था। राकेश कुमार पर आरोप थे कि नोएडा में अधीक्षण अभियंता पर तैनाती के दौरान उन्होंने बिल्डर को गलत तरीके से कनेक्शन दिया। उसके बाद इसकी जांच कराई गई। इसमें इनके साथ अन्य लोग दोषी करार दिए गए है। प्रथम दृष्ट्या आरोप सही पाए गए हैं। इसके बाद डायरेक्टर को पद से हटाने के लिए पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ने शासन को पत्र लिखा था। ऊर्जा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मामले की जांच पूरी होने पर बरखास्तगी की कार्रवाई की जा सकती है।
बिना पैसा जमा कराए कैसे दिया कनेक्शन : बिल्डर को 2017 में अस्थायी कनेक्शन दिया गया गया था। यहां निर्माण होने में चार साल का समय लग गया। इस दौरान अस्थायी कनेक्शन पर 83 लाख रुपए तक का बिल हो गया है। नियम यह है कि पूरा पैसा जमा किए बिना स्थायी कनेक्शन नहीं ले सकते है। लेकिन 83 लाख रुपए जमा कराए बिना ही कनेक्शन दे दिया गया है।
बर्खास्त होंगे सभी इंजीनियर और कर्मचारी : राकेश के अलावा एक्सईएन लाल सिंह , एसडीओ अजय कुमार को भी बर्खास्त किया जाएगा। एमडी एम देवराज ने इन सभी की फाइल तैयार करनी शुरू कर दी है। पहली जांच में जानबूझ कर लापरवाही करने की बात सामने आ रही है। इसमें लाल सिंह राकेश और अजय कुमार को पहले ही डिमोट किया जा चुका है। इन सभी को आरोप पत्र दे दिया गया है, अब आखिर जवाब का इंतजार है। वहां से जवाब आने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।