लखनऊ जेल में भी कभी भी हो सकता बवाल : घटिया भोजन परोसे जाने से बन्दियों में आया उबाल, मानवाधिकार व आला अफसरों को भेजी गई शिकायत

वीआईपी बन्दियों के लिए अलग से भोजन बनवाकर बेंचने और सामान्य बन्दियों को घटिया भोजन परोसे जाने को लेकर बन्दियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। बन्दियों ने अधिवक्ता के माध्यम से मानवाधिकार व विभाग के आला अफसरों को शिकायती पत्र भेजकर भोजन की गुणवत्ता में सुधार कराए जाने की मांग की है।

लखनऊ जेल में भी कभी भी हो सकता बवाल : घटिया भोजन परोसे जाने से बन्दियों में आया उबाल, मानवाधिकार व आला अफसरों को भेजी गई शिकायत
बन्दियों द्वारा मानवाधिकार व आला अफसरों को भेजी गई शिकायत

लखनऊ। घटिया भोजन परोसे जाने को लेकर राजधानी की जिला जेल में कभी भी बवाल हो सकता है। वीआईपी बन्दियों के लिए अलग से भोजन बनवाकर बेंचने और सामान्य बन्दियों को घटिया भोजन परोसे जाने को लेकर बन्दियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। बन्दियों ने अधिवक्ता के माध्यम से मानवाधिकार व विभाग के आला अफसरों को शिकायती पत्र भेजकर भोजन की गुणवत्ता में सुधार कराए जाने की मांग की है।

बुधवार को प्रदेश की मऊ जिला जेल में घटिया भोजन परोसे जाने को लेकर जेल के अंदर जमकर बवाल काटा। बन्दियों का आरोप था कि जेल में बेतरतीब तरीके से राशन की कटौती की जा रही है। जेल अधिकारी कमाई के चक्कर मे बन्दियों को अत्यंत घटिया किस्म का भोजन परोस रहे है। यह भोजन आदमी क्या जानवर भी खाना पसंद नही करेंगे। जेल प्रशासन के इस उत्पीड़न से आजिज आकर बन्दियों ने जमकर हंगामा काटा। बन्दियों के बीच बढते आक्रोश को देखते हुए जिला एवं जेल प्रशासन के अधिकारियों ने मान मुनऊअल व समझा बुझाकर किसी तरह मामले को शांत कराया।

सूत्रों का कहना है कि मऊ जिला जेल जैसे हालात राजधानी की जिला जेल में भी देखने को मिल रहे है। लखनऊ जेल में भी बन्दियों के राशन में 55 से 60 फीसद की कटौती की जा रही है।  इस कटौती की वजह से बन्दियों को पानी वाली दाल, सुखी रोटी, घास फूस जैसी सब्जी परोसी जा रही है।  जेल के अंदर अनाधिकृत रूप से बेंची जा रही खानपान की वस्तुओं की बिक्री को बढ़ाने के लिए घटिया भोजन परोसा जा रहा है। बताया गया है बन्दियों ने दर्जनों बन्दियों का हस्ताक्षरयुक्त एक शिकायती पत्र अधिवक्ता सतेंद्र सिंह को भेजा है। मानवाधिकार व आला अफसरों को भेजी इस शिकायत में भोजन की गुणवत्ता में सुधार कराए जाने की मांग की गई है। उधर जेल मुख्यालय के अधिकारी ने कहा कि शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने तो फ़ोन ही नही उठाया।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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