सीएम की चीनी मिल परियोजनाओं में करोड़ो का घोटाला : पिपराइच व मुंडेरवा मिल स्थापना के लिये चहेते को दिया करोड़ो का ठेका

योगी सरकार ने पूर्वांचल के किसानों को संजीवनी देने के लिए गोरखपुर सहित वर्षो से बंद पड़ी चीनी निगम की दो मिल लगाने के लिए टेंडर निकाले। चीनी मिल लगाने वाली फेर्मो का चयन किया गया, लेकिन शासन में गन्ना विभाग के मुखिया सहित तत्कालीन चीनी मिल संघ में एमडी और परियोजना से जुड़े चीनी निगम के अफसरों ने मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति की जमकर धज्जियां उड़ाई।

सीएम की चीनी मिल परियोजनाओं में करोड़ो का घोटाला : पिपराइच व मुंडेरवा मिल स्थापना के लिये चहेते को दिया करोड़ो का ठेका
रमाला मिल के समान मशीनरी वाली मिलों में हुआ बड़ा गोलमाल

    लखनऊ। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस वाली सरकार औऱ ईमानदार अफसर के हवाले चीनी महकमा होने के बावजूद उत्तर प्रदेश चीनी सहकारी मिल संघ, चीनी निगम व गन्ना विभाग के अधिकारियों को न तो शासन का कोई डर है और न ही कार्यवाही की कोई चिंता। तभी तो अफसरों ने कमाई के चक्कर मे मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी चीनी मिल परियोजनाओं में चहेती फर्म को ठेका देकर करीब 84 करोड़ का चुना लगा दिया। मामला प्रकाश में आने पर न तो शासन और न ही जिले के अफसर इस मसले पर मुंह खोलने को तैयार हैं।

    रमाला की चीनी मिल परियोजना के लिए मशीनरी आपूर्ति सहित इरेक्शन व सिविल कार्य का ठेका गाज़ियाबाद की एक फर्म को 310 करोड़ रुपये में दे दिया। परियोजना से जुड़े चीनी निगम के एक अधिकारी ने तत्कालीन एमडी तथा एसीएस गन्ना से मिलकर रमाला की निविदा दे दी। रमाला के समान  तकनीकी स्पेसफिकेशन पर पिपराइच और मुंडेरवा के समान काम का ठेका 42 करोड़ रुपये प्रति मिल ज्यादा में तय करके उसका था 252 करोड़ रुपये में दे दिया। इस प्रकार रमाला मिल की तुलना में एक ही विभागीय मंत्री, एसीएस गन्ना व एमडी के होते हुए सीएम के जिलों में लगने वाली चीनी मिलों में फर्म से साठ गांठ करके करीब 84 करोड़ से अधिक का चूना लगाकर अपनी जेबें भर ली। 

    मुख्य बातें
    1-चीनी मिल परियोजनाओं में करोड़ो का घोटाला
    2-फाइलों में कैद हुई सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति
    3-रमाला मिल के समान मशीनरी वाली मिलों में हुआ बड़ा गोलमाल
    4-पिपराइच व मुंडेरवा मिल स्थापना के लिये चहेते को दिया करोड़ो का ठेका

    मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष-2022 तक किसानों की आये दुगनी करने और किसानों की आये बढ़ाने के लिये प्रदेश की योगी सरकार ने तीन बड़ी और अत्याधुनिक मशीनों वाली चीनी मिल लगाए जाने का एलान किया। इस परियोजना में गोरखपुर की पिपराइच व बस्ती की मुंडेरवा चीनी मिल जो बन्द पड़ी थी शामिल किया गया। तीसरी चीनी मिल संघ बागपत जनपद की रमाला मिल थी। इस मिल की गन्ना पेराई की क्षमता 2750 टीसीडी से बढ़ाकर 5000 टीसीडी किये जाने का निर्णय हुआ था।

    सूत्रों का कहना है कि योगी सरकार ने पूर्वांचल के किसानों को संजीवनी देने के लिए गोरखपुर सहित वर्षो से बंद पड़ी चीनी निगम की दो मिल लगाने के लिए टेंडर निकाले। चीनी मिल लगाने वाली फेर्मो का चयन किया गया, लेकिन शासन में गन्ना विभाग के मुखिया सहित तत्कालीन चीनी मिल संघ में एमडी और परियोजना से जुड़े चीनी निगम के अफसरों ने मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति की जमकर धज्जियां उड़ाई।

    सूत्र बताते है कि बागपत की रमाला परियोजना में तकनीकी बिड में 5000 टीसीडी क्षमता वाली दो मिल लगाने के लिए अनुभव की शर्त रखी गयी। निगम की पिपराइच व मुंडेरवा मिलों में 3500 टीसीडी पेराई की क्षमता को बड़ी सफाई से बढ़ा दी गयी। इसी तरह वित्तीय बिड में भी रमाला के विगत पांच वर्ष के औसत टर्नओवर 250 करोड़ रुपये की शर्त को निगम के अधिकारियों ने बढ़ाकर  औसतन 300 करोड़ रुपये कर दिया और दो मिलें लगाने पर इसे बढ़ाकर 600 करोड़ कर दिया।

    परिणाम यह हुआ कि रमाला की बिड में भाग लेने वाली नोएडा की एक फर्म को छोड़कर सभी पार्टियां बिड से बाहर हो गयी। अपर मुख्य सचिव गन्ना, तत्कालीन एमडी और परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने  इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए योजनाबद्ध तरीके से कई बार टेंडर निकाले। अंत मे एक फर्म को 84 करोड़ से ज्यादा में ठेका देकर वारे न्यारे कर लिये। उधर इस संबंध में जब एसीएस गन्ना संजय भूसरेड्डी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम आपके जवाबदेह नही है। जब विधानसभा व परिषद में पूछा जाएगा तब जवाब दे देंगे।

    राकेश यादव
    स्वतंत्र पत्रकार
    मोबाइल न -  7398265003