ओमिक्रान और विटामिन डी
जिन लोगो में विटामिन डी की कमी पाई जाती है उन्हें टीबी, अस्थमा, ओस्टियोपोरोसिस, हड्डियों का कमजोर होना, जोड़ो का दर्द, साँस की अन्य बीमारियों का खतरा अधिक रहता है
इस कोरोना काल में हम सभी को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरुरत है.
विटामिन डी लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं, जिनको पहले कोरोना हो चुका है उन्हें 6 महीने तक विटामिन डी की टेबलेट्स लेनी चाहिए जिस से आपके फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ सके जो कि कोरोना होने की वजह से कम हो गई है
जिन लोगो में विटामिन डी की कमी पाई जाती है उन्हें टीबी, अस्थमा, ओस्टियोपोरोसिस, हड्डियों का कमजोर होना, जोड़ो का दर्द, साँस की अन्य बीमारियों का खतरा अधिक रहता है
विटामिन डी की कमी से फेफड़ो की कार्य शक्ति पर प्रभाव पड़ता है। अगर आप चाहते हैं आपका श्वसन तंत्र स्वस्थ रहें और सांस संबंधी कोई बीमारी न हो तो आप नियमित तौर से विटामिन डी का सेवन करें
विटामिन डी के स्त्रोत--
दूध, अंडा, लहसुन, अनाज, सामोसालमोन मछली, मशरूम, टोफू, मक्खन, सूर्य की किरणें, संतरे इत्यादि
इनमें से सूर्य की किरणें सबसे सस्ता और सुलभ स्रोत है। सभी को कम से कम लगातार 20 मिनट रोज सुबह सूरज की रोशनी लेनी चाहिए, जिन लोगो को अस्थमा है, या सांस संबंधी अन्य परेशमियाँ है, हड्डियों कमजोर है, जोड़ों में दर्द रहता है उन्हें अलग से विटामिन डी की टेबलेट्स दी जाती हैं
कितना लें--
* व्यस्को के लिए- 60000 IU
चेतावनी - विटामिन डी की अधिकता होने से पेट दर्द, भूख न लगना, कब्ज, चर्म रोग इत्यादि हो सकते हैं अत: कोई भी दवा स्वयं न लें. डाक्टर की सलाह के अनुसार हो लें
इस कोरोना काल हम सभी यह सुनिश्चित करें किसी को भी विटामिन डी की कमी न हो l पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी ले कर हम सभी ओमिक्रान से बच सकते और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं
डॉ अर्चना श्रीवास्तव
वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर
आगरा हॉस्पिटल