लखनऊ जेल में जारी बन्दियों के आत्महत्या करने का सिलसिला : जेल अफसरों के उत्पीड़न व वसूली से आजिज आकर बन्दी ने दी जान
सोमवार की रात एक और बन्दी ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इससे पहले भी इस जेल में दी विचाराधीन अधिकारियों के उत्पीड़न से त्रस्त होकर आत्महत्या कर चुके है। जेल मुख्यालय ने इस घटना की जांच डीआईजी जेल कानपुर परिक्षेत्र को सौंपी है।
लखनऊ : जेल अधीक्षक की तानाशाही व जेलर के उत्पीड़न व वसूली से आजिज आकर लखनऊ जेल में सोमवार की रात एक और बन्दी ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इससे पहले भी इस जेल में दी विचाराधीन अधिकारियों के उत्पीड़न से त्रस्त होकर आत्महत्या कर चुके है। जेल मुख्यालय ने इस घटना की जांच डीआईजी जेल कानपुर परिक्षेत्र को सौंपी है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक सीतापुर जनपद के थाना बिसवां जलालपुर निवासी रूपेश कुमार पुत्र मेवा लाल डकैती व अवैध तरीके से चोरी का सामान रखने के आरोप में जेल भेजा गया था। सर्किल नंबर एक कि बैरेक नंबर 4/23 में बंद बन्दी रूपेश कुमार बीती रात करीब सवा बारह बजे बैरेक के शौचालय में अंगौछे से फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सुबह इसकी जानकारी जैसे ही अन्य बन्दियों को हुई उनमें हड़कंप मच गया। बन्दी की मौत जेल मे तनाव बना हुआ है।
कानपुर परिक्षेत्र के डीआईजी जेल को सौंपी गई जांच : सूत्रों का कहना जेल प्रशासन के उत्पीड़न व वसूली से बन्दियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। जेल में बन्दियों को मारपीट कर वसूली की जा रही है। बन्दी रूपेश के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। इससे आजिज आकर उसने आत्महत्या कर ली। उधर जेल प्रशासन का कहना है कि बन्दी ने अपने को निर्दोष बताते हुए अवसाद में आने की वजह से आत्महत्या की है। जेल मुख्यालय ने घटना की जांच कानपुर परिक्षेत्र के डीआईजी जेल को सौंपी है।
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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