वाराणसी में जातिसूचक टिप्पणी को लेकर बवाल : आधी रात BHU में छात्रों के दो गुट भिड़े, पथराव और फायरिंग की, पेट्रोल बम फेंके, दरोगा समेत 10 छात्र घायल

रात 2 बजे के लगभग 6 थानों की पुलिस और पीएसी ने स्थिति को नियंत्रित किया। बवाल के चलते BHU चौकी इंचार्ज राजकुमार पांडेय समेत 10 से ज्यादा छात्र घायल हुए हैं। छात्रों के दोनों गुट की ओर से 8 नामजद और अज्ञात के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

वाराणसी में जातिसूचक टिप्पणी को लेकर बवाल : आधी रात BHU में छात्रों के दो गुट भिड़े, पथराव और फायरिंग की, पेट्रोल बम फेंके, दरोगा समेत 10 छात्र घायल
बीएचयू में रात 2 बजे के बाद माहौल सामान्य होने पर आपस में बातचीत करते पुलिस अधिकारी।

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में गुरुवार-शुक्रवार की आधी रात जमकर बवाल हुआ। यहां जातिसूचक टिप्पणी को लेकर छात्रों का दो गुट आपस में भिड़ गया। जमकर मारपीट और पथराव हुआ। एक-दूसरे पर पेट्रोल बम फेंके गए। हवाई फायरिंग करते हुए कैंपस में तोड़फोड़ की गई।

रात 2 बजे के लगभग 6 थानों की पुलिस और पीएसी ने स्थिति को नियंत्रित किया। बवाल के चलते BHU चौकी इंचार्ज राजकुमार पांडेय समेत 10 से ज्यादा छात्र घायल हुए हैं। छात्रों के दोनों गुट की ओर से 8 नामजद और अज्ञात के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

दूसरी ओर शोध प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट में अनियमितता का आरोप लगाते हुए राजनीति शास्त्र विभाग में भी देर रात तक हंगामा चला। यहां छात्रों ने विभागाध्यक्ष और कर्मचारियों को बंधक बना लिया। दोनों ही मामले पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शांत हुए।

मेस से शुरू हुई लड़ाई, हॉस्टल तक पहुंची : बताया जाता है कि बिड़ला-सी के कुछ छात्र गुरुवार की रात राजाराम मोहन राय छात्रावास के मेस में खाना खाने गए थे। बिड़ला-सी के छात्रों का आरोप है कि राजाराम हॉस्टल के लोग उनकी जाति को लेकर उनको चिढ़ाते हुए उनके साथ गालीगलौज करने लगे। इस पर उन्होंने आपत्ति जताई तो मारपीट शुरू कर दी गई। उधर, राजराम हॉस्टल के छात्रों का आरोप है कि बिड़ला-सी के छात्रों ने जानबूझकर कहासुनी करते हुए मारपीट कर माहौल खराब किया है। बिड़ला-सी के छात्रों को उनके हॉस्टल में आकर खाना खाने और गालीगलौज कर माहौल बिगाड़ने की क्या जरूरत थी.

पेड़ के चबूतरों से ईंट निकालकर किया पथराव : उपद्रवी छात्रों ने बिड़ला चौराहे पर सड़क के किनारे एक पेड़ के चबूतरे को तोड़ कर ईंटे उखाड़ ली। इसके बाद यहीं से ईंटे निकालकर एक-दूसरे पर हमला किया गया। इसी बीच राजा राममोहन राय छात्रावास के कमरा नंबर 95 में पेट्रोल बम फेंकने के कारण आग लग गई।

स्थिति बिगड़ते देख प्रॉक्टोरियल बोर्ड की सूचना पर डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने फोर्स के साथ छात्रों को खदेड़कर उन्हें हॉस्टल के अंदर भेजा। वहीं, स्थिति सामान्य होने पर पुलिस की मदद से बीएचयू प्रशासन ने छात्रों से तहरीर लेकर पुलिस को फॉरवर्ड कर दिया।

उधर, डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने बताया कि उपद्रवी छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन की मदद से चिह्नित करा कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अलावा एहतियातन परिसर में 3 थानों की फोर्स और पीएसी तैनात की गई है। दोनों पक्षों की तहरीर पर लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

देर रात तक विभागाध्यक्ष को बना रखे थे बंधक : एक तरफ छात्रों का दो गुट आपस में भिड़ा था तो दूसरी ओर कैंपस के राजनीति शास्त्र विभाग में भी देर रात तक हंगामा चलता रहा। शोध प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट में अनियमितता का आरोप लगाते हुए छात्र राजनीति शास्त्र विभाग में देर रात तक धरने पर बैठे थे। छात्रों ने देर रात तक राजनीति शास्त्र विभाग के प्रमुख प्रो. अशोक उपाध्याय सहित अन्य कर्मचारियों को बंधक बना रखा था। प्रॉक्टोरियल बोर्ड के समझानेबुझाने के बाद देर रात मामला शांत हुआ था। छात्रों के अनुसार राजनीति शास्त्र विभाग के शोध प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट लीक हो गया था।

कार्यवाहक कुलपति प्रो. वीके शुक्ला ने प्रकरण को लेकर जांच समिति गठित की है। जांच समिति की ओर से क्लीन चिट मिलने के बाद 25 अगस्त को शोध प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। जिन छात्रों का चयन नहीं हुआ वह रिजल्ट देखने के बाद आक्रोशित हो गए। उधर, प्रो. अशोक उपाध्याय का कहना था कि शोध प्रवेश का परिणाम विभाग के स्तर पर नहींब बल्कि केंद्रीय स्तर पर तैयार हुआ है। इसके बावजूद छात्र सुनने को तैयार नहीं है।