पाकिस्तान में छापे गए जाली नोट को भारत मे बेचने वाले तस्कर को UP-STF ने केरल से किया गिरफ्तार, 40 हजार में एक लाख के मिलते थे नकली नोट
पकड़े गए दीपक ने बताया कि 14 साल से पाकिस्तान में छपने वाले भारतीय जाली नोटों की इंटरनेशनल स्तर पर तस्करी का काम वह कर रहा है। पहले वह 40 हजार रुपए में एक लाख रुपए नकली नोट लेकर यूपी, बिहार, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान में सप्लाई करता था। 2013 में उसे एसटीएफ ने प्रयागराज से ही गिरफ्तार किया था। जेल से छूटने के बाद वह फिर यही काम करने लगा। 2018 में उसे दिल्ली की स्पेशल सेल ने साढ़े सात लाख रुपए नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। वहां से भी छूटने के बाद फिर ने नकली नोटों की तस्करी में लिप्त हो गया।
14 साल से कर रहा था जाली नोट की तस्करी : पाकिस्तान में छापे गए जाली नोट को भारत मे बेचने वाले तस्कर को UP-STF ने केरल से गिरफ्तार किया है। इसके एक साथी को जून में ही STF की प्रयागराज यूनिट ने पकड़ा था। अब केरल से दूसरा आरोपी दीपक मंडल पकड़ा गया है। वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला है। तीसरी बार जाली नोटों की तस्करी के मामले में उसकी गिरफ्तार हुई है। 40 हजार रुपए में पाकिस्तान के छपे एक लाख रुपए खरीदता था।
ADG-STF अमिताभ यस के अनुसार, जून में प्रयागराज की यूनिट ने रुपेश कुमार को गिरफ्तार किया था। उसके पास से एक लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए थे। इस मामले में जांच के दौरान दीपक मंडल का नाम सामने आया था। तभी से दीपक की तलाश की जा रही थी। दीपक की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। जांच में पता चला कि आरोपी पाकिस्तान में छपने वाले जाली नोट बांग्लादेश के रास्ते भारत में लाकर सप्लाई करता है।
केरल के त्रिवेंद्रम से पकड़े गए दीपक ने बताया कि 14 साल से पाकिस्तान में छपने वाले भारतीय जाली नोटों की इंटरनेशनल स्तर पर तस्करी का काम वह कर रहा है। पहले वह 40 हजार रुपए में एक लाख रुपए नकली नोट लेकर यूपी, बिहार, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान में सप्लाई करता था। 2013 में उसे एसटीएफ ने प्रयागराज से ही गिरफ्तार किया था। जेल से छूटने के बाद वह फिर यही काम करने लगा। 2018 में उसे दिल्ली की स्पेशल सेल ने साढ़े सात लाख रुपए नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। वहां से भी छूटने के बाद फिर ने नकली नोटों की तस्करी में लिप्त हो गया।
जेल में हुई थी प्रयागराज के जालसाज से दोस्ती : दीपक मंडल ने पुलिस को बताया कि 2013 में वह प्रयागराज की नैनी जेल में बंद था। यहीं पर उसकी मुलाकात लोगों को ठगने वाले जालसाज रामू से हुई थी। रामू ने एक लाख रुएये की नकली नोट ली थी, जिसे डिलीवर करने रुपेश प्रयागराज गया था। प्रयागराज एसटीएफ ने उसे पकड़ लिया था। बाद में पता चला कि उसी मामले में दीपक को भी नामजद कर लिया गया है। पिछले दिनों दीपक की तलाश में एक टीम मालदा गई थी, लेकिन इसकी जानकारी दीपक को हो गई थी और वह फरार हो गया था। दीपक ने बताया कि वह भाग कर किसी तरह केरल के त्रिवेंद्रम पहुंच गया था, जहां एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ दीपक को पांच दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लेकर प्रयागराज आ रही है।