अंबेडकर नगर में सरयू नदी में डूबने से दो की मौत : एक किसी तरह बचकर निकला, एक का नहीं चला पता
इस बीच जानकारी होते ही एसडीएम टांडा दीपक वर्मा, सीओ टांडा संतोष कुमार, तहसीलदार वंशराज हंसवर पुलिस टीम के साथ मौके पर पर पहुंच गए। तब तक गोताखोर भी घाट पर पहुंच गए। गोताखोरों ने डूबे युवकों की तलाश शुरू कर दी।
अंबेडकरनगर : हंसवर थाना क्षेत्र के केवटला घाट पर सरयू नदी में रविवार को नहाने गए चार दोस्त डूब गए। एक युवक को तो स्थानीय लोगों ने किसी तरह बचा लिया, लेकिन तीन अन्य बह गए। एसडीएम व सीओ टांडा की मौजूदगी में गोताखोरों ने दो युवकों के शव निकाल लिये, जबकि तीसरे युवक का पता नहीं चल सका।
सरयू नदी के केवटला घाट पर सुबह उस समय अफरातफरी मच गई, जब चार दोस्त एक साथ नदी में डूबने लगे। दरअसल हंसवर थाना क्षेत्र के फरीदपुर सैफन गांव निवासी आदर्श कुमार श्रीवास्तव (18), जैनुद्दीनपुर निवासी सुनील गुप्ता (18), टड़वा दरब निवासी वीरेंद्र (20) व हंसवर निवासी अजय मौर्य (20) रविवार को एक साथ सरयू नदी में नहाने पहुंचे थे।
इसी दौरान अचानक आदर्श का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। उसके चीखने पर दोस्तों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन नाकामी हाथ लगी। उसे बचाने के प्रयास में अन्य दोस्त भी भी डूबने लगे। चीख पुकार पर नदी में नहा रहे अन्य लोगों ने वीरेंद्र को तो किसी तरह बचा लिया, लेकिन अन्य युवक नदी की गहराई में समा चुके थे। थोड़ी ही देर में आसपास के ग्रामीण और परिवारीजन भी मौके पर पहुंच गए।
इस बीच जानकारी होते ही एसडीएम टांडा दीपक वर्मा, सीओ टांडा संतोष कुमार, तहसीलदार वंशराज हंसवर पुलिस टीम के साथ मौके पर पर पहुंच गए। तब तक गोताखोर भी घाट पर पहुंच गए। गोताखोरों ने डूबे युवकों की तलाश शुरू कर दी। लगभग एक घंटे के अथक प्रयास के बाद घटनास्थल से कुछ दूरी पर पहले आदर्श का शव मिला। कुछ देर बाद ही सुनील के शव को भी गोताखोरों ने बरामद कर लिया। अजय की तलाश में गोताखोर लगे रहे, लेकिन देर शाम तक सफलता नहीं मिल सकी थी। एसओ हंसवर विजय तिवारी ने बताया कि दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। तीसरे डूबे युवक की तलाश जारी है।
चार युवाओं के एक साथ नदी में डूबने की जानकारी मिलते ही केवटला घाट पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। आसपास के गांवों से भी लोग मौके पर पहुंचने लगे। तमाम गणमान्य नागरिक भी घाट पर पहुंच गए। हर कोई यही चाह रहा था कि नदी में डूबे युवा सुरक्षित बाहर निकल आएं। घाट पर पहुंचे तमाम ग्रामीण परिवारीजनों को ढांढ़स बंधाने में भी लगे रहे। कड़ी धूप के बावजूद ग्रामीण प्रशासन से लेकर गोताखोरों की जरूरी मदद करते देखे गए।
गोताखोरों ने अथक प्रयास कर जब आदर्श व सुनील का शव नदी से बाहर निकाला, तो परिवारीजनों में कोहराम मच गया। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। चीख पुकार से वहां मौजूद ग्रामीण भी अपने आंसू नहीं रोक सके। भावुक भरे माहौल में एसडीएम व सीओ की आंखें भी नम हो गईं। दोनों अधिकारियों ने संबंधित परिवारीजनों से मुलाकात कर ढांढ़स बंधाया। आश्वस्त किया कि दुख की इस घड़ी में वे सभी उनके साथ हैं।