Unique Land Parcel Identification Number : एक क्लिक में मिलेगी लैंड की सारी जानकारी, आपके जमीन का भी होगा ‘आधार नंबर’
आने वाले दिनों में आपके जमीन की 14 डिजिट का एक ULPIN नंबर यानी यूनिक नंबर जारी होगा. आप सामान्य बोलचाल की भाषा में इसे जमीन का आधार नंबर भी कह सकते हैं. इस नंबर के माध्यम से देश में कहीं भी जमीन खरीदने और बेचने में दिक्कत नहीं होगी.
केंद्र सरकार ‘वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन’ कार्यक्रम के तहत जमीनों के लिए एक यूनिक रजिस्टर्ड नंबर जारी करने की तैयारी में है l इस कार्यक्रम के तहत जमीनों के कागज की मदद से उनके रिकॉर्ड को डिजिटली दर्ज किया जाएगा l केंद्र सरकार का लक्ष्य 2023 तक देशभर से लैंड रिकार्ड को डिजिटल करने का है l केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, मार्च 2023 तक पूरे देश में जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड होगा.
आने वाले दिनों में महज एक क्लिक पर आपके जमीन से संबंधित दस्तावेज आपके सामने होंगे l देश में कहीं भी किसी भी जगह पर आप अपनी जमीन से संबंधित बातों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे l इस डिजिटल लैंड रिकार्ड के आने से कई लाभ होंगे l इसे लेकर गिरिराज सिंह ने 3 सी का फार्मूला दिया, जिसके तहत सेंट्रल ऑफ रेकॉर्ड, कलेक्शन ऑफ रेकॉर्ड, कन्वीनीएंस ऑफ रिकॉर्ड से आम जनता को काफी फायदा होगा.
जमीन का आधार नंबर : आने वाले दिनों में आपके जमीन की 14 डिजिट का एक ULPIN नंबर यानी यूनिक नंबर जारी होगा l आप सामान्य बोलचाल की भाषा में इसे जमीन का आधार नंबर भी कह सकते हैं l इस नंबर के माध्यम से देश में कहीं भी जमीन खरीदने और बेचने में दिक्कत नहीं होगी और उसके लिए एक ही नंबर होगा l यदि उस जमीन का आगे चलकर बंटवारा भी होता है तो उस जमीन का आधार नंबर अलग-अलग हो जाएगा.
ठगी से भी मिलेगी राहत : जमीन के मुद्दे पर अकसर भाई-भतीजावाद और दूसरी कई तरह की परेशानी खड़ी हो जाती है l डिजिटल रिकॉर्ड होने की वजह से सबसे पहले जमीन के वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा l क्योंकि जमीन की नपाई ड्रोन कैमरे से होगी जिससे गलती की गुंजाइश न के बराबर होगी.
कैसे पता चलेगा आपका रिकॉर्ड?
डिजिटल रिकॉर्ड होने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने शहर के कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर अपने जमीन की जानकारी ले सकेगा l वर्तमान में देश में 140 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर खेती हो रही है. 125 मिलियन हेक्टेयर जमीन को ठीक किया जा रहा है.