इंसाफ : 27 साल से फरियाद कर रही महिला को चंद घंटे में मिला कब्जा, बोली- 'धन्यवाद इंस्पेक्टर साहब'
सरकारी पट्टे की जमीन पर कब्जा पाने में युवती से बुजुर्ग हो गईं माला। थाना समाधान दिवस में मामला आने पर इंस्पेक्टर ने की कार्रवाई।
गोरखपुर जिले के बांसगांव के खजनी तहसील के टिकरिया गांव की एक महिला को 27 साल बाद इंसाफ मिल सका है। उनकी जमीन से कब्जा खाली कराकर बांसगांव पुलिस ने उन्हें काबिज करा दिया है। आरोपियों का पुलिस ने शांतिभंग में चालान करने के साथ ही पांच लाख रुपये से पाबंद कराया, ताकि दोबारा वह ऐसी हरकत न कर सकें। 38 साल की उम्र से दौड़ रही महिला माला देवी आज 65 साल की हो चुकी हैं। खुद की जमीन पर कब्जा पाने के बाद उन्होंने पुलिस की सराहना की है।
जानकारी के मुताबिक, खजनी तहसील के ग्राम टिकरिया निवासी माला देवी (65) पत्नी भानू ने समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे प्रभारी निरीक्षक राणा देवेन्द्र प्रताप सिंह के समक्ष शिकायती प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया।
बताया कि 1994 में उन्हें मिले आवासीय पट्टे की चार डिसमिल भूमि पर गांव के रामचंदर पुत्र झांगुर तथा विशाल पुत्र रामचंदर कब्जा किए हैं। इसके बाद एसएचओ मौके पर मौजूद रामचंदर से जानना चाहा कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। संतोषजनक जवाब नहीं दे पाने पर एसएचओ ने रामचंदर को फटकार लगाते हुए हवालात में डलवा दिया।दूसरी तरफ एसएचओ ने लेखपाल व हल्के के सिपाही को पट्टे की भूमि पर कब्जा दिलाने का निर्देश दिया। कब्जा मिल जाने के बाद माला देवी ने एसएचओ राणा देवेंद्र को धन्यवाद दिया है।
चाहें तो सबकुछ है संभव : बांसगांव में इंसाफ की यह घटना बड़ा संदेश देने वाली है। अगर वास्तव में प्रशासनिक और पुलिस के लोग चाहें तो किसी को भटकना न पड़े। बांसगांव के करीब 27 साल के मामले को इंस्पेक्टर ने चंद घंटों में हल कर दिया। लेकिन इस तरह न जाने कितने लोग हैं जो न्याय पाने के लिए भटक रहे हैं।
उम्मीद ही छोड़ दी थी : माला देवी ने बताया कि लंबे समय से दौड़ते-दौड़ते हमने उम्मीद ही छोड़ दी थी। हर बार प्रार्थनापत्र लेकर आ जाती थी कि शायद कभी उनकी फरियाद कोई सुन ले। आज पुलिस ने मेरी सुनी और कब्जा भी मिल गया। माला देवी ने बताया कि घर में पति के अलावा बच्चे समेत भरा पूरा परिवार है।
बांसगांव के इंस्पेक्टर राणा देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि महिला ने जब बताया कि वह कई वर्षों से दौड़ रही हैं तो हैरानी हुई। दूसरे पक्ष से बातचीत करने और कागजात को देखने के बाद पता चला कि उसकी जमीन पर वास्तव में कब्जा किया गया है। जमीन से कब्जा खाली कराकर आरोपियों को पाबंद करने की कार्रवाई की गई है।