रिटायर्ड अफसर के भरोसे चल रहा चीनी मिल संघ : आरोपी अधिकारी की तीसरी बार अस्थाई नियुक्ति के लिए भेजी गई फ़ाइल
फेडरेशन एक रिटायर अधिकारी से बगैर शासन की स्वीकृत व वेतन के चीनी व शीरा की बिक्री करा रहे है। मजे की बात यह है कि रिटायरमेंट के बाद तीन माह के सेवा विस्तार की अवधि समाप्त होने के बाद इसे हटाने के बजाए इसको अस्थाई नियुक्ति देने के लिए तीसरी बार फ़ाइल शासन भेजी गई है।
लखनऊ। चीनी मिल संघ एक घोटालेबाज रिटायर अधिकारी के भरोसे चलेगा। यह सवाल चीनी मिल संघ अफसरों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। फेडरेशन एक रिटायर अधिकारी से बगैर शासन की स्वीकृत व वेतन के चीनी व शीरा की बिक्री करा रहे है। मजे की बात यह है कि रिटायरमेंट के बाद तीन माह के सेवा विस्तार की अवधि समाप्त होने के बाद इसे हटाने के बजाए इसको अस्थाई नियुक्ति देने के लिए तीसरी बार फ़ाइल शासन भेजी गई है। मजे की बात यह है कि चीनी, शीरा बिक्री के साथ कार्मिक का प्रभार कागजो में किसी के पास है, काम रिटायर अधिकारी से कराया जा रहा है। इससे संघ के अधिकारियों में खासा आक्रोश व्याप्त है।
सूत्रों के मुताबिक़ पूर्व एमडी सुगर फ़ेडरेशन ने मोरना चीनी मिल में प्रधान प्रबंधक रहे एचवी कौशिक को अपने निजी स्वार्थों से जून 2020 में मोरना मिल से संघ से अटैच करके चीनी मिल संघ के सभी महत्वपूर्ण विभागों चीनी/ शीरा विक्रय, कार्मिक, प्रशासन, शिकायत, लीगल आदि जैसे महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार सौंप दिये। जबकि कौशिक का मूल पद मुख्य लेखाकार का है। कनिष्ठ होने के बाद भी 2019 में एमडी ने कौशिक को मोरना मिल का प्रभारी जीएम बनाकर भेज दिया।
श्री कौशिक मूल रूप से चीनी मिल में सहायक लेखाकार के रूप में मिल में भर्ती हुए थे। सरकारों में राजनीतिक पकड़ के कारण इन्होंने खुद को संघ की सेवाओं में आमेलित कराकर लेखा अधिकारी का पद हथिया लिया तथा तत्कालीन सपा सरकार के एक मंत्री की कृपा तथा संघ के तत्कालीन एमडी बीके यादव से साठगाँठ करके एक साल के भीतर ही नियमो के विपरीत दो प्रमोशन लेकर मुख्य लेखाकार का पद ले लिया, जबकि श्री कौशिक मूल रूप से मुख्य लेखाकार की योग्यता भी नही रखते है। कौशिक की शैक्षिक योग्यता स्नातक है। श्री कौशिक के काले कारनामों की जाँच मिल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की शिकायत पर डीएम मुज़फ़्फ़रनगर ने कराकर श्री कौशिक को दोषी पाए जाने पर इनसे लगभग 4.75 लाख रुपये की वसूली करने के साथ साथ विभागीय कार्यवाही के लिए पांच फरवरी 2021 को एमडी फ़ेडरेशन को पत्र भेजा गया। पूर्व एमडी ने श्री कौशिक के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की।
सूत्रों का कहना है कि कौशिक के 28 फ़रवरी को रिटायर होने पर समस्त राशि का भुगतान भी करवा दिया गया। यही नही तत्कालीन एमडी ने हटने से पूर्व इससे होने वाली रिकवरी को भी नियम विरुद्ध तरीके से खत्म कर दिया। एसीएस गन्ना का तीन माह का अनुमोदित सेवा विस्तार 31 मई को समाप्त होने के बाद कौशिक तो अब तक सेवा विस्तार नही दिया गया। बताया जा रहा है कि अस्थाई नियुक्ति के लिए तीसरी बार फ़ाइल शासन को भेजी गई है। बगैर अस्थाई नियुक्ति व वेतन के रिटायर कौशिक से चीनी व शीरा बिक्री कराई जा रही है। उधर एसीएस गन्ना संजय भूसरेड्डी कहते है कि फेडरेशन उन्हें चलाना है। हम आपके जबाबदेह नहीं है। फेडरेशन के एमडी रमाकांत पांडेय से काफी प्रयास की बाद भी संपर्क नही हो पाया।
फेडरेशन में हो रहा जमकर गोलमाल |
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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