चीनी मिल संघ में चल रहा गोलमाल : चार अफसरों के पास कार्मिक का प्रभार फिर भी नहीं हुए प्रमोशन

रिटायर अधिकारियों में चार अधिकारियों के पास कार्मिक का प्रभार है। इतने अधिकारियों के पास यह प्रभार होने के बाद भी पिछले साढ़े पांच साल से अधिकारियों व कर्मियों को प्रमोशन देने की बात छोड़िए टाइम स्केल तक नहीं दिए गए है। आलम यह है कि एसीएस गन्ना की साठ गांठ से चीनी मिल संघ रिटायर अफसरों के भरोसे चल रहा है।

चीनी मिल संघ में चल रहा गोलमाल : चार अफसरों के पास कार्मिक का प्रभार फिर भी नहीं हुए प्रमोशन
सात साल से चीनी मिल संघ में प्रमोशन तो दूर टाइम स्केल तक नही मिला

लखनऊ : यह जो नेम प्लेट आप देख रहे हैं, यह उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ मुख्यालय के उन अधिकारियों की हैं जो रिटायर हो चुके है। रिटायर होने के बाद भी न तो इनके रुतबे में कोई फर्क आया और न ही इनके अधिकार कम हुए है। हकीकत यह है कि इन रिटायर अधिकारियों में कई के पास वह अधिकार हैं जो रिटायर अधिकारियों को दिए ही नही जा सकते है। इससे भी रोचक बात यह है रिटायर अधिकारियों में चार अधिकारियों के पास कार्मिक का प्रभार है। इतने अधिकारियों के पास यह प्रभार होने के बाद भी पिछले साढ़े पांच साल से अधिकारियों व कर्मियों को प्रमोशन देने की बात छोड़िए टाइम स्केल तक नहीं दिए गए है। आलम यह है कि एसीएस गन्ना की साठ गांठ से चीनी मिल संघ रिटायर अफसरों के भरोसे चल रहा है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पचास साल की उम्र पार कर चुके सरकारी कर्मियों की वीआरएस (अनिवार्य सेवानिवृत्त) देने की पैरवी कर रहे है। शासन में बैठे मुख्यमंत्री के इन मंसूबो पर पानी फेरने में जुटे हुए है। सूत्रों का कहना है चीनी मिल संघ से सेवानिवृत्त हुए इन अधिकारियों में अधिकांश को अपर मुख्य सचिव गन्ना  संजय भूसरेड्डी की संस्तुति पर अस्थाई नियुक्ति पर रखा गया है। एसीएस गन्ना की मनमानी का यह आलम है कि संघ में लिखापढ़ी में कार्मिक का काम किसी अधिकारी के पास है, इस काम की जिम्मेदारी अस्थाई नियुक्ति के चार अधिकारियों को सौंपी गई है।

सात साल से चीनी मिल संघ में प्रमोशन तो दूर टाइम स्केल तक नही मिला

मिली जानकारी के मुताबिक़ अपर मुख्य सचिव गन्ना संजय भूसरेड्डी ने चीनी मिल संघ के आधा दर्जन से अधिक रिटायर अधिकारियों व कर्मचारियों को अस्थाई नियुक्ति पर रखा है। 28 फरवरी 2021 को रिटायर हर्ष वर्धन कौशिक, 31 अगस्त 21 को रिटायर जॉइन्ट प्रबंध निदेशक आरपी सिंह, 31 जुलाई 21 को रिटायर उप प्रबंधक जेएस बिस्ट,   एलडब्लूओ पीके श्रीवास्तव और शासन से सेवानिवृत्त एसपी परिहार को अस्थाई नियुक्ति पर फिक्स रेट पर रखा हुआ है।

सूत्रों का कहना है कि लिखापढ़ी में जीएम अतुल खन्ना के पास विक्रय, वित्त, लेखा, शिकायत, ट्रस्ट, लीगल, कार्मिक व प्रशासन जैसे आठ महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार है जबकि वास्तविक रूप में चीनी व शीरा विक्रय के साथ कार्मिक का काम रिटायर एचडी कौशिक कर रहा है। इसी प्रकार रिटायर संयुक्त प्रबंध निदेशक आरपी सिंह, जेएस बिस्ट और एसपी परिहार को कार्मिक के लिए अस्थाई नियुक्ति पर रखा गया है।

सूत्रों का कहना है संघ के पूर्व प्रबंध निदेशक विमल दुबे सर्वप्रथम एस पी परिहार को लेकर आये, इसके बाद एचडी कौशिक को, उसके बाद लीगल में पीके श्रीवास्तव को लीगल में लाये। दिलचस्प बात यह है कि लीगल का प्रभार पाने वाले श्रीवास्तव ने लॉ तक नहीं किया हुआ है। इसके बाद जेएस बिस्ट और उसके बाद संयुक्त सचिव आरपी सिंह को कार्मिक के लिए लाया गया। चार-चार अधिकारियों के कार्मिक में तैनात होने के बाद भी पिछले करीब साढ़े तीन साल से अधिकारियों के प्रमोशन करना तो दूर की बात टाइम स्केल तक नहीं दिया गया है। संघ में करीब 1200 अधिकारी थे प्रमोशन नही होने की वजह से अब साढ़े चार सौ ही बचे है। चीनी मिल संघ में रिटायर होने के बाद अस्थाई नियुक्ति पाने वाले अधिकारियों में किसी को एसीएस गन्ना संजय भूसरेड्डी, तो किसी की पूर्व प्रबंध निदेशक विमल दुबे का संरक्षण प्राप्त है। इसकी वजह से इस मनमानी व तानाशाही से आक्रोशित अधिकारी चाह कर भी इनका विरोध नहीं कर पा रहे है। हकीकत यह है कि इन रिटायर अधिकारियों का रुतबा और पावर अभी भी बरकरार है। उधर इस संबंध में संघ के एमडी रमाकांत पांडेय से काफी प्रयास के बाद भी संपर्क नही हो पाया। एसीएस गन्ना संजय भूसरेड्डी कहते है हम आपके जवाबदेह नही है।

संघ दफ्तर में लगी नेम प्लेट में भी कर रही गुमराह

लखनऊ। चीनी मिल संघ में लगी अफसरों की नेम प्लेट में भी खेल किया गया है। जिन अधिकारियों के पास प्रभार है उनको दर्शाया नही गया, जिनके पास प्रभार है उन्हें दिखाया ही नही गया। प्रधान प्रबंधक अतुल खन्ना के पास कार्मिक, चीनी व शीरा बिक्री के साथ कई प्रभार है। उनकी नेम प्लेट पर कुछ दिखाया ही नही गया। रिटायर एच वी कौशिक की नेम प्लेट पर प्रशासन/कार्मिक दिखाया गया है। इनके पास चीनी शीरा बिक्री का भी काम है। इसी प्रकार रिटायर संयुक्त प्रबंध निदेशक आरपी सिंह इन्हें संयुक्त प्रबंध निदेशक ही दिखाया गया। ऐसा तब किया गया है जबकि फेडरेशन में नए संयुक्त प्रबंध निदेशक सेंगर ने प्रभार भी संभाल लिया है।