अवैध शराब कारोबार मामले में मैनेजर गिरफ्तार-जीएम फ़रार, चीनी मिल अफसरों ने सरकार को लगाया करोड़ों का चूना

अवैध शराब कारोबार मामले में मैनेजर गिरफ्तार

अवैध शराब कारोबार मामले में मैनेजर गिरफ्तार-जीएम फ़रार, चीनी मिल अफसरों ने सरकार को लगाया करोड़ों का चूना
अवैध शराब कारोबार

लखनऊ। मुख्यमंत्री की ज़ीरो भ्रष्टाचार टॉलरेंस नीति को शासन में बैठे उच्च अधिकारियों की नाक के नीचे सहकारी चीनी मिल जीएम मैनेजर आबकारी अधिकारियों से साठ गांठ कर सरकार को करोड़ो का चूना लगा रहे है। नानपारान (बहराइच) डिस्टिलरी  के जीएम,  डिस्टिलरी मैनेजर स्थानीय आबकारी अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध देसी शराब की निकासी डिस्टलरी से बिना राजस्व दिये निकलवाकर करोड़ों के वारे न्यारे करअपनी जेब भरने में जुटे है। वहीं शराब के अवैध कारोबार मामले में डिस्टिलरी मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया, वहीं जीएम फरार है। 

मामला नानपारा चीनी मिल डिस्टिलरी का है। सूत्र बताते है कि नानपारा डिस्टिलरी एनजीटी के ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज नियमो के अंतर्गत न होने के कारण 2016 से बंद है। एनजीटी के ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज के नियमो का पालन करने के लिए 2018 में संघ के तकनीकी अधिकारियों ने नई स्लोप तकनीकी का उपयोग न करते हुए शासन को पुरानी तकनीक बायो कम्पोज़ खाद की संस्तुति भेजी जिसे शासन में बैठे अपर मुख्य सचिव गन्ना ने भी बिना तकनीकी जानकारी कराये पुरानी तकनीकी से संघ की छह डिस्टिलरी में कार्य कराने की अनुमति प्रदान कर दी। संघ स्तर से  ई निविदा निकालकर छह डिस्टिलरी में बायो कंपोस आधारित तकनीकी से प्रोजेक्ट मात्र आठ माह में पूरा करने की शर्त के साथ एलओआई जारी कर सम्बंधित डिस्टिलरी द्वारा नियमानुसार पार्टी से अनुबंध कर कार्य को प्रारम्भ करा दिया गया। जिसमें नानपारा डिस्टिलरी भी शामिल है। जानकारी के अनुसार किसी भी डिस्टिलरी में अनुबंध के अनुसार समय से पार्टी ने काम पूरा न करके पाँच डिस्टिलरी में लगभग दो साल में काम किसी तरह पूरा किया जबकि संघ के तकनीकी अधिकारी व जीएम नानपारा ने अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति न होने के कारण डिस्टिलरी में एथनॉल काम आज तक पूरा नही हुआ जिससे एक ओर जहाँ सरकार को प्रति वर्ष करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई वही दूसरी ओर चीनी मिल संघ को बैंक से लिये गये लोन के ब्याज का भुगतान भी हर माह करना पड़ रहा है। 

सूत्रो के मुताबिक नानपारा डिस्टिलरी में देशी शराब की बाटलिंग के कार्य का ठेका संघ गोंडा की फ़र्म विजय पैकर्स को दिया गया। नानपारा डिस्टिलरी के जीएम ने फ़र्म से विधिवत अनुबंध भी किया । विजय पैकर्स अभिषेक कुमार गुप्ता की फ़र्म है जिसके पास बलरामपुर ज़िले का सीएल-2 का देशी शराब के थोक अनुज्ञापी भी है। सूत्र बताते है कि आबकारी नियमो के अंतर्गत सीएल-2 लाईसेन्स धारक को चीनी मिल संघ ने नियमो के विरुद्ध अभिषेक गुप्ता की फ़र्म विजय पैकर्स को नानपारा डिस्टिलरी में बाटलिंग का ठेका दे दिया गया। चीनी मिल संघ एवं आबकारी विभाग एक ही अधिकारी के पास है। अधिकारियों ने मिली भगत कर एक ही पार्टी को ठेका देकर इतना बड़ा घोटाला करा दिया गया। मिल के जीएम फ़रार है पुलिस ने डिस्टिलरी मैनेजर को गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया है । जीएम गिरफ़्तारी से बचने के लिए राजनीतिक व विभागीय आकाओ की शरण में है। अवैध शराब के मामले में आबकारी अधिकारी ने बलरामपुर कोतवाली में जीएम, डिस्टिलरी मैनेजर समेत 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। बताया गया है कि प्रदीप त्रिपाठी विगत चार सालो से नियमो के विपरीत, उच्च अधिकारियों के कृपापात्र से जीएम के पद पर कार्यरत है। डिस्टलरी में दिनेश कुमार जायसवाल प्रभारी मैनेजर के पद पर है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
लखनऊ
मोबाइल न. 7398265003